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लंपी रोग का खतरा बढ़ा, 16 जिलों में गायों के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक: लालचंद कटारिया

राजस्थान में गायों में लंपी रोग तेजी से फैल रहा है. प्रदेश में इस रोग से प्रभावित 16 जिलों में गायों के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगा दी गई है. मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया (Lalchand kataria on lumpy virus) कि पशु मेलों पर भी रोक के लिए कलेक्टर को जनप्रतिनिधियों से बातचीत के लिए निर्देश दिए गए हैं.

Etv BharatLalchand kataria on lumpy virus
Lalchand kataria on lumpy virus
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Published : Aug 3, 2022, 6:40 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 10:13 PM IST

जयपुर. प्रदेश में गायों में लगातार फैल रही लंपी बीमारी को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर हो गई है. प्रदेश में केंद्र सरकार की टीम कल बीकानेर और बुधवार को जोधपुर जिले में सैंपल ले रही है. राज्य का कृषि विभाग भी इस बीमारी से गायों को बचाने के लिए प्रयासों में जुटा हुआ है. यही कारण है कि संक्रमित गायों को बचाने के लिए दवाओं का प्रबंध किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के कृषि विभाग ने अगले 1 महीने के लिए 16 जिलों में पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन (transportation of cows prohibit in 16 districts) पर रोक लगा दी है.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश में होने वाले पशु मेलों को लेकर भी जिला कलेक्टरों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करने के लिए कहा है ताकि अगर यह संक्रमण बढ़े तो पशु मेलों पर भी रोक लगाई जा सके. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने आज लंपी बीमारी के संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों और दवा की उपलब्धता और चिकित्सा कर्मियों को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की और गोशाला संचालकों के निरंतर संपर्क में रहने के निर्देश दिए.

लालचंद कटारिया ने दिए निर्देश

पढ़ें. लंपी वायरस बनी पशुओं की जान की दुश्मन : कल राजस्थान का दौरा करेगी सेंट्रल टीम, बनेंगे कंट्रोल रूम...बेनीवाल ने भी लिखा पत्र

प्रदेश की 3000 गोशालाएं बनी चिंता का सबब...
मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि यह बीमारी राजस्थान समेत देश के 10 राज्यों में फैल चुकी है. हालांकि राजस्थान लंपी रोग में 9वें स्थान पर है और डेथ रेट भी एक से डेढ़ प्रतिशत है, लेकिन फिर भी प्रदेश की करीब 3000 गोशालाओं को कैसे इस बीमारी से बचाया जा सके इसे लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. यह बीमारी गायों के समूह में रहने के कारण फैल रहीं हैं और यह समूह सबसे ज्यादा गोशालाओं में ही होता है. इसके चलते संक्रमण भी फैल रहा है.

पढ़ें. Lumpy Disease in Cows : राजस्थान में फैला गायों में संक्रामक रोग लंपी, हजारों की हुई मौत...

ऐसे में गोशालाओं के लिए पशु चिकित्सक, एलएसए और अन्य अफसरों को जिला कलेक्टर के संपर्क में रहने के लिए पाबंद किया गया है. इमरजेंसी सेवाओं के लिए कहीं किसी जिले में ज्यादा आवश्यकता है तो इसे 5 लाख से 8 लाख तक उपलब्ध करवाया जा रहा है. कटारिया ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए वाहन, कर्मचारियों और मेडिसिन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि गोशालाओं में मृत गायों को खुले में छोड़ने की जगह दफनाने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश में 4296 गायों की हुई लंपी से मौत, चार लाख से ज्यादा संक्रमित
प्रदेश के जिन 16 जिलों में गायों में लंपी वायरस फैला है उनमें जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर ,जालौर, पाली, सिरोही, बीकानेर, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर, नागौर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू और उदयपुर हैं. अब इन सभी 16 जिलों से कैटल ट्रांसपोर्ट पर अगले 1 महीने तक रोक लगा दी गई है. 3 अगस्त तक प्रदेश में 4296 गायों की लंपी के संक्रमण के चलते मौत हुई है. खुद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी बताया है कि प्रदेश में लंपी के संक्रमण से एक से डेढ़ प्रतिशत गायों की मौत हो रही है. ऐसे में प्रदेश में चार लाख से ज्यादा गाय इस रोग से संक्रामित हो चुकी हैं.

जयपुर. प्रदेश में गायों में लगातार फैल रही लंपी बीमारी को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर हो गई है. प्रदेश में केंद्र सरकार की टीम कल बीकानेर और बुधवार को जोधपुर जिले में सैंपल ले रही है. राज्य का कृषि विभाग भी इस बीमारी से गायों को बचाने के लिए प्रयासों में जुटा हुआ है. यही कारण है कि संक्रमित गायों को बचाने के लिए दवाओं का प्रबंध किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के कृषि विभाग ने अगले 1 महीने के लिए 16 जिलों में पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन (transportation of cows prohibit in 16 districts) पर रोक लगा दी है.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश में होने वाले पशु मेलों को लेकर भी जिला कलेक्टरों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करने के लिए कहा है ताकि अगर यह संक्रमण बढ़े तो पशु मेलों पर भी रोक लगाई जा सके. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने आज लंपी बीमारी के संक्रमण की स्थिति और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों और दवा की उपलब्धता और चिकित्सा कर्मियों को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की और गोशाला संचालकों के निरंतर संपर्क में रहने के निर्देश दिए.

लालचंद कटारिया ने दिए निर्देश

पढ़ें. लंपी वायरस बनी पशुओं की जान की दुश्मन : कल राजस्थान का दौरा करेगी सेंट्रल टीम, बनेंगे कंट्रोल रूम...बेनीवाल ने भी लिखा पत्र

प्रदेश की 3000 गोशालाएं बनी चिंता का सबब...
मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि यह बीमारी राजस्थान समेत देश के 10 राज्यों में फैल चुकी है. हालांकि राजस्थान लंपी रोग में 9वें स्थान पर है और डेथ रेट भी एक से डेढ़ प्रतिशत है, लेकिन फिर भी प्रदेश की करीब 3000 गोशालाओं को कैसे इस बीमारी से बचाया जा सके इसे लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. यह बीमारी गायों के समूह में रहने के कारण फैल रहीं हैं और यह समूह सबसे ज्यादा गोशालाओं में ही होता है. इसके चलते संक्रमण भी फैल रहा है.

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ऐसे में गोशालाओं के लिए पशु चिकित्सक, एलएसए और अन्य अफसरों को जिला कलेक्टर के संपर्क में रहने के लिए पाबंद किया गया है. इमरजेंसी सेवाओं के लिए कहीं किसी जिले में ज्यादा आवश्यकता है तो इसे 5 लाख से 8 लाख तक उपलब्ध करवाया जा रहा है. कटारिया ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए वाहन, कर्मचारियों और मेडिसिन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि गोशालाओं में मृत गायों को खुले में छोड़ने की जगह दफनाने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश में 4296 गायों की हुई लंपी से मौत, चार लाख से ज्यादा संक्रमित
प्रदेश के जिन 16 जिलों में गायों में लंपी वायरस फैला है उनमें जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर ,जालौर, पाली, सिरोही, बीकानेर, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर, नागौर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू और उदयपुर हैं. अब इन सभी 16 जिलों से कैटल ट्रांसपोर्ट पर अगले 1 महीने तक रोक लगा दी गई है. 3 अगस्त तक प्रदेश में 4296 गायों की लंपी के संक्रमण के चलते मौत हुई है. खुद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी बताया है कि प्रदेश में लंपी के संक्रमण से एक से डेढ़ प्रतिशत गायों की मौत हो रही है. ऐसे में प्रदेश में चार लाख से ज्यादा गाय इस रोग से संक्रामित हो चुकी हैं.

Last Updated : Aug 3, 2022, 10:13 PM IST
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