ETV Bharat / city

जेसीटीएसएल एमडी ने भी माना लो फ्लोर बसों का समय पर नहीं हो रहा मेंटेनेंस - जयपुर न्यूज

जयपुर शहर में लोगों की आवाजाही का मुख्य साधन लो फ्लोर बसें मेंटेनेंस के अभाव में रोजाना ब्रेक डाउन हो जाती हैं. यही नहीं जिस माइलेज को लेकर ये बसें अव्वल आई हैं, वो भी पहले की तुलना में घटा ही है. अब तो जेसीटीएसएल एमडी ने भी माना कि लो फ्लोर बसों का मेंटेनेंस समय पर नहीं हो रहा. यही वजह है कि अब इलेक्ट्रिक बसों पर फोकस किया जा रहा है.

Jaipur City Bus News, जयपुर न्यूज
लो फ्लोर बसों का समय पर नहीं हो रहा मेंटेनेंस
author img

By

Published : Mar 16, 2020, 8:38 PM IST

जयपुर. ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन कहे जाने वाले जेसीटीएसएल को ईंधन बचत में अग्रणी रहने पर हाल ही में दिल्ली में सम्मान मिला. ये सम्मान साल 2018-19 में 5.61 फ़ीसदी के एमपीएल यानी किलोमीटर प्रति लीटर की बढ़ोतरी पर मिला था. जेसीटीएसएल ने एक हज़ार बसों की कैटेगरी में भाग लिया था, लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सामने आया कि हर दिन कई बसें मेंटेनेंस के अभाव में ब्रेक डाउन हो जाती हैं.

लो फ्लोर बसों का समय पर नहीं हो रहा मेंटेनेंस

वहीं पहले की तुलना में बसों का माइलेज भी घटा है. वहीं अब जेसीटीएसएल एमडी ने भी माना कि यदि मेंटेनेंस प्रॉपर होता तो ईंधन का कंजप्शन कम ही होगा. उन्होंने कहा कि नई बसों में ईंधन की बचत होती है, लेकिन जैसे-जैसे बस पुरानी होती जाती है. उसमें मेंटेनेंस भी लगता है और डीजल का कंजप्शन भी बढ़ता जाता है. ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों और पर्यावरण का हवाला देते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों की वकालत की. साथ ही कहा कि इलेक्ट्रिक बसों में इस तरह की स्थिति देखने को नहीं मिलेगी.

पढ़ें- चूरू :अवैध नशे की खेप के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

बता दें कि जेसीटीएसएल के बेड़े में फिलहाल 293 बस मौजूद हैं. इनमें से 173 बसें 2021 के अंत तक कंडम हो जाएंगी, चूंकि पुरानी बसों का मेंटेनेंस बहुत ज्यादा आ रहा है. ऐसे में जेसीटीएसएल बोर्ड ने पिछले रेसुलेशन में 300 इलेक्ट्रिक और 300 डीजल बसों का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज था. जिस पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है.

जयपुर. ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन कहे जाने वाले जेसीटीएसएल को ईंधन बचत में अग्रणी रहने पर हाल ही में दिल्ली में सम्मान मिला. ये सम्मान साल 2018-19 में 5.61 फ़ीसदी के एमपीएल यानी किलोमीटर प्रति लीटर की बढ़ोतरी पर मिला था. जेसीटीएसएल ने एक हज़ार बसों की कैटेगरी में भाग लिया था, लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सामने आया कि हर दिन कई बसें मेंटेनेंस के अभाव में ब्रेक डाउन हो जाती हैं.

लो फ्लोर बसों का समय पर नहीं हो रहा मेंटेनेंस

वहीं पहले की तुलना में बसों का माइलेज भी घटा है. वहीं अब जेसीटीएसएल एमडी ने भी माना कि यदि मेंटेनेंस प्रॉपर होता तो ईंधन का कंजप्शन कम ही होगा. उन्होंने कहा कि नई बसों में ईंधन की बचत होती है, लेकिन जैसे-जैसे बस पुरानी होती जाती है. उसमें मेंटेनेंस भी लगता है और डीजल का कंजप्शन भी बढ़ता जाता है. ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों और पर्यावरण का हवाला देते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों की वकालत की. साथ ही कहा कि इलेक्ट्रिक बसों में इस तरह की स्थिति देखने को नहीं मिलेगी.

पढ़ें- चूरू :अवैध नशे की खेप के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

बता दें कि जेसीटीएसएल के बेड़े में फिलहाल 293 बस मौजूद हैं. इनमें से 173 बसें 2021 के अंत तक कंडम हो जाएंगी, चूंकि पुरानी बसों का मेंटेनेंस बहुत ज्यादा आ रहा है. ऐसे में जेसीटीएसएल बोर्ड ने पिछले रेसुलेशन में 300 इलेक्ट्रिक और 300 डीजल बसों का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज था. जिस पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.