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अब नहीं सुनाई देगी 'तेजस' की दहाड़, नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तोड़ा दम

जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में तेजस नाम के शेर की मौत का मामला सामने आया है. जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है. अब तक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 13 महीनों में 8 'बिग कैट्स' की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि तेजस की मौत लेप्टोस्पायरोसिसल बीमारी के कारण हुई है.

अजमेर न्यूज, rajasthan news
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन तेजस की मौत
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Published : Nov 3, 2020, 5:44 PM IST

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक बार फिर दुखद खबर सामने आई है. नाहरगढ़ लॉयन सफारी की शान रहे शेर तेजस दुनिया को अलविदा कह दिया. शेर की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा गया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक के बाद एक करीब 13 महीने में 8 'बिग कैट्स' की मौत हो चुकी है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन तेजस की मौत

3 दिन पहले शेर तेजस की तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद उसका इलाज चल रहा था. शेर ने खाना पीना भी छोड़ दिया था और जिससे उसकी मौत हो गई. शेर के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. तेजस की उम्र करीब साढ़े 3 वर्ष थी. लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत को लेकर अब वन विभाग गंभीर नजर आ रहा है. पंजाब वन विभाग की टीम को जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क बुलाया जाएगा. नाहरगढ़ पार्क के वन्यजीवों में लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी के लक्षण सामने आए हैं.

इसी तरह लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी से पंजाब में भी कई वन्यजीवों की मौत हुई थी. इसके बाद पंजाब वन विभाग ने वन्यजीवों की मौत पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है. इसी तरह पंजाब वन विभाग की सलाह पर वन्यजीवों के रहवास और खानपान की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर उनमें सुधार किए जाएंगे.

इन वन्यजीवों की हो चुकी है मौत-

19 सितंबर 2019 को शेरनी सुजैन की मौत

21 सितंबर 2019 को बाघिन रिद्धि की मौत

27 सितंबर 2019 को सफेद बाघिन सीता की मौत

10 जून 2020 को बाघ रुद्र की मौत

11 जून 2020 को बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत

4 अगस्त 2020 को सफेद बाघ राजा की मौत

18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की मौत

3 नवंबर 2020 को शेर तेजस की मौत

बता दें कि शेर तेजस, सफेद बाघ राजा, बब्बर शेर सिद्धार्थ, बाघ रुद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस की वजह से होना सामने आया. वहीं, शेरनी सुजैन, बाघिन रिद्धि, सफेद बाघिन सीता की मौत केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से होना बताया गया. वहीं, बब्बर शेर कैलाश की मौत कार्डियक अरेस्ट से होना बताया गया.

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव केसी मीणा ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बड़े दुर्भाग्य की बात है कि एक के बाद एक कई वन्यजीवों की मौत हो गई है. पिछले महीने 18 सितंबर को बब्बर शेर कैलाश की मौत हुई थी और सोमवार देर शाम लॉयन सफारी की शान शेर तेजस की भी मौत हो गई. 3 दिन से शेर तेजस की तबीयत खराब चल रही थी. 3 दिन पहले शेर को उल्टी हुई जिसके बाद से ही खाना पीना भी छोड़ दिया. 3 दिन से डॉक्टर्स की टीम शेर का इलाज कर रही थी. इलाज के दौरान ब्लड सैंपल भी लिए गए. जिसकी जांच रिपोर्ट में शेर की किडनी और लीवर में खराबी बताई गई है. किडनी और लीवर में खराबी को देखते हुए संभावना लग रही है कि उसे लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी हो सकती है.

उन्होंने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी से पंजाब में भी काफी बड़ी प्रॉब्लम हुई थी. लेप्टोस्पायरोसिस से वन्यजीवों की मौत के बाद वन्यजीवों को बचाने और मौत पर अंकुश लगाने में पंजाब को भी सफलता मिली है. अब जयपुर के वन्यजीवों को बचाने के लिए पंजाब वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत हुई है. पंजाब वन विभाग की टीम जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क आएगी. ताकि वन्यजीवों के रहवास और खानपान संबंधित सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जाएगा.

पढ़ें- एक तरफ 'ममता' तो दूसरी तरफ ड्यूटी...कुछ इस तरह फर्ज निभा रही SI

पंजाब की टीम जयपुर के स्टाफ को वन्यजीवों के बारे में विस्तृत जानकारी देगी. कोशिश की जा रही है कि दोबारा से इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो और वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जा सके. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार बिग कैट्स की मौत वन विभाग के लिए मुसीबत बनी हुई है. शेर तेजस की मौत भी लेप्टोस्पायरोसिस से होने की बात सामने आ रही है.

चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड में पोस्टमार्टम के बाद तेजस की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस बताया है. तेजस की किडनी में भी इन्फेक्शन बताया जा रहा है. लेप्टोस्पायरोसिस नेवले और चूहे के मूत्र से फैलता है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार बिग केट्स की मौत के बाद भी नेवले और चूहों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं किया जा सका. नाहरगढ़ लॉयन सफारी की शान तेजस की मौत से सफारी में अब केवल शेर त्रिपुर और शेरनी तारा बचे हैं. विभाग की ओर से दूसरे चिड़ियाघरों से लॉयन लाने का प्रयास किया जाएगा.

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक बार फिर दुखद खबर सामने आई है. नाहरगढ़ लॉयन सफारी की शान रहे शेर तेजस दुनिया को अलविदा कह दिया. शेर की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा गया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक के बाद एक करीब 13 महीने में 8 'बिग कैट्स' की मौत हो चुकी है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन तेजस की मौत

3 दिन पहले शेर तेजस की तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद उसका इलाज चल रहा था. शेर ने खाना पीना भी छोड़ दिया था और जिससे उसकी मौत हो गई. शेर के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. तेजस की उम्र करीब साढ़े 3 वर्ष थी. लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत को लेकर अब वन विभाग गंभीर नजर आ रहा है. पंजाब वन विभाग की टीम को जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क बुलाया जाएगा. नाहरगढ़ पार्क के वन्यजीवों में लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी के लक्षण सामने आए हैं.

इसी तरह लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी से पंजाब में भी कई वन्यजीवों की मौत हुई थी. इसके बाद पंजाब वन विभाग ने वन्यजीवों की मौत पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है. इसी तरह पंजाब वन विभाग की सलाह पर वन्यजीवों के रहवास और खानपान की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर उनमें सुधार किए जाएंगे.

इन वन्यजीवों की हो चुकी है मौत-

19 सितंबर 2019 को शेरनी सुजैन की मौत

21 सितंबर 2019 को बाघिन रिद्धि की मौत

27 सितंबर 2019 को सफेद बाघिन सीता की मौत

10 जून 2020 को बाघ रुद्र की मौत

11 जून 2020 को बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत

4 अगस्त 2020 को सफेद बाघ राजा की मौत

18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की मौत

3 नवंबर 2020 को शेर तेजस की मौत

बता दें कि शेर तेजस, सफेद बाघ राजा, बब्बर शेर सिद्धार्थ, बाघ रुद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस की वजह से होना सामने आया. वहीं, शेरनी सुजैन, बाघिन रिद्धि, सफेद बाघिन सीता की मौत केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से होना बताया गया. वहीं, बब्बर शेर कैलाश की मौत कार्डियक अरेस्ट से होना बताया गया.

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव केसी मीणा ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बड़े दुर्भाग्य की बात है कि एक के बाद एक कई वन्यजीवों की मौत हो गई है. पिछले महीने 18 सितंबर को बब्बर शेर कैलाश की मौत हुई थी और सोमवार देर शाम लॉयन सफारी की शान शेर तेजस की भी मौत हो गई. 3 दिन से शेर तेजस की तबीयत खराब चल रही थी. 3 दिन पहले शेर को उल्टी हुई जिसके बाद से ही खाना पीना भी छोड़ दिया. 3 दिन से डॉक्टर्स की टीम शेर का इलाज कर रही थी. इलाज के दौरान ब्लड सैंपल भी लिए गए. जिसकी जांच रिपोर्ट में शेर की किडनी और लीवर में खराबी बताई गई है. किडनी और लीवर में खराबी को देखते हुए संभावना लग रही है कि उसे लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी हो सकती है.

उन्होंने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी से पंजाब में भी काफी बड़ी प्रॉब्लम हुई थी. लेप्टोस्पायरोसिस से वन्यजीवों की मौत के बाद वन्यजीवों को बचाने और मौत पर अंकुश लगाने में पंजाब को भी सफलता मिली है. अब जयपुर के वन्यजीवों को बचाने के लिए पंजाब वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत हुई है. पंजाब वन विभाग की टीम जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क आएगी. ताकि वन्यजीवों के रहवास और खानपान संबंधित सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जाएगा.

पढ़ें- एक तरफ 'ममता' तो दूसरी तरफ ड्यूटी...कुछ इस तरह फर्ज निभा रही SI

पंजाब की टीम जयपुर के स्टाफ को वन्यजीवों के बारे में विस्तृत जानकारी देगी. कोशिश की जा रही है कि दोबारा से इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो और वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जा सके. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार बिग कैट्स की मौत वन विभाग के लिए मुसीबत बनी हुई है. शेर तेजस की मौत भी लेप्टोस्पायरोसिस से होने की बात सामने आ रही है.

चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड में पोस्टमार्टम के बाद तेजस की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस बताया है. तेजस की किडनी में भी इन्फेक्शन बताया जा रहा है. लेप्टोस्पायरोसिस नेवले और चूहे के मूत्र से फैलता है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार बिग केट्स की मौत के बाद भी नेवले और चूहों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं किया जा सका. नाहरगढ़ लॉयन सफारी की शान तेजस की मौत से सफारी में अब केवल शेर त्रिपुर और शेरनी तारा बचे हैं. विभाग की ओर से दूसरे चिड़ियाघरों से लॉयन लाने का प्रयास किया जाएगा.

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