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इंदिरा रसोई में निशुल्क भोजन नहीं खिलाने वालों को लाइसेंस निरस्त की चेतावनी

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Published : May 23, 2021, 6:07 PM IST

Updated : May 23, 2021, 6:20 PM IST

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत दी है. उन्होंने कहा है कि कि जरूरतमंद से भोजन का कोई पैसा नहीं लिया जाए और यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा.

Indira Rasoi,  Corona epidemic
इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत

जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन हजारों की संख्या में पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं और सैकड़ों काल का ग्रास बन रहे हैं. जिसके मद्देनजर राज्य सरकार लॉकडाउन आगे बढ़ाने का भी मन बना रही है.

इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत

पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन में भारत सरकार फेल, देश के नागरिकों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की बजाय विदेशों में किया निर्यात : पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

हालांकि, इससे पहले सरकार की ओर से कोरोना मरीजों, उनके परिजनों, अस्पताल के कर्मचारियों और प्रत्येक जरूरतमंद को इंदिरा रसोई योजना के तहत निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है. अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत दी है कि जरूरतमंद से भोजन का कोई पैसा नहीं लिया जाए और यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा.

प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को इंदिरा रसोई से निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के बाद राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन पीरियड में प्रत्येक जरूरतमंदों को भी निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया. हालांकि कुछ जगह से भोजन का शुल्क लिए जाने की मिल रही शिकायतों को लेकर यूडीएच मंत्री ने दो टूक चेतावनी दी है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आदेश है कि इंदिरा रसोई के जरिए जो भी व्यक्ति भोजन करने आता है, उससे कोई पैसा नहीं लिया जाए. स्वेच्छा से यदि कोई पैसा देता है, तो उसकी मर्जी है. बाकी सारा खर्चा सरकार वहन करेगी. ये आदेश सभी जगह जारी कर दिए गए हैं. लेकिन, कई स्थानों से ऐसी शिकायत मिलती है इंदिरा रसोई संचालित करने वाले लोग पैसा लेते हैं जो पूरी तरह गलत है.

पढ़ें- कोरोना में राजस्थान के 4 लाख पेंशनर्स को राहत, बिना एनएसी अब मेडिकल स्टोर से खरीद सकेंगे दवा

धारीवाल ने कहा कि ऐसा करने वालों का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का संकल्प है कि कोई भूखा ना सोए. राजस्थान सरकार इंदिरा रसोई कि प्रत्येक थाली पर ₹12 वहन करती थी और ₹8 उपभोक्ता से लिए जाते थे. लेकिन, कोरोना काल में ये पैसा भी राजस्थान सरकार की ओर से ही खर्च किया जाएगा.

बता दें कि इंदिरा रसोई का शुल्क नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण और विकास न्यास की ओर से वहन किया जा रहा है. इसके अलावा कई भामाशाह भी कोविड-19 मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं, जिसका शुल्क संबंधित भामाशाह या दानदाता से लिया जा रहा है.

लगातार मॉनीटरिंग के आदेश

लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक जरूरतमंद को इंदिरा रसोई के माध्यम से निशुल्क भोजन मिले, इस उद्देश्य से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी क्षेत्रीय उपनिदेशक नगर, निगम नगर परिषद आयुक्त और नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को नियमित मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं

जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन हजारों की संख्या में पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं और सैकड़ों काल का ग्रास बन रहे हैं. जिसके मद्देनजर राज्य सरकार लॉकडाउन आगे बढ़ाने का भी मन बना रही है.

इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत

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हालांकि, इससे पहले सरकार की ओर से कोरोना मरीजों, उनके परिजनों, अस्पताल के कर्मचारियों और प्रत्येक जरूरतमंद को इंदिरा रसोई योजना के तहत निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है. अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत दी है कि जरूरतमंद से भोजन का कोई पैसा नहीं लिया जाए और यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा.

प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को इंदिरा रसोई से निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के बाद राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन पीरियड में प्रत्येक जरूरतमंदों को भी निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया. हालांकि कुछ जगह से भोजन का शुल्क लिए जाने की मिल रही शिकायतों को लेकर यूडीएच मंत्री ने दो टूक चेतावनी दी है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आदेश है कि इंदिरा रसोई के जरिए जो भी व्यक्ति भोजन करने आता है, उससे कोई पैसा नहीं लिया जाए. स्वेच्छा से यदि कोई पैसा देता है, तो उसकी मर्जी है. बाकी सारा खर्चा सरकार वहन करेगी. ये आदेश सभी जगह जारी कर दिए गए हैं. लेकिन, कई स्थानों से ऐसी शिकायत मिलती है इंदिरा रसोई संचालित करने वाले लोग पैसा लेते हैं जो पूरी तरह गलत है.

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धारीवाल ने कहा कि ऐसा करने वालों का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का संकल्प है कि कोई भूखा ना सोए. राजस्थान सरकार इंदिरा रसोई कि प्रत्येक थाली पर ₹12 वहन करती थी और ₹8 उपभोक्ता से लिए जाते थे. लेकिन, कोरोना काल में ये पैसा भी राजस्थान सरकार की ओर से ही खर्च किया जाएगा.

बता दें कि इंदिरा रसोई का शुल्क नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण और विकास न्यास की ओर से वहन किया जा रहा है. इसके अलावा कई भामाशाह भी कोविड-19 मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं, जिसका शुल्क संबंधित भामाशाह या दानदाता से लिया जा रहा है.

लगातार मॉनीटरिंग के आदेश

लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक जरूरतमंद को इंदिरा रसोई के माध्यम से निशुल्क भोजन मिले, इस उद्देश्य से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी क्षेत्रीय उपनिदेशक नगर, निगम नगर परिषद आयुक्त और नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को नियमित मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं

Last Updated : May 23, 2021, 6:20 PM IST
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