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दिव्यांगों के साथ भेदभाव को लेकर पीएम को पत्र, कहा- नहीं मिल रही सहायता राशि - jaipur news

दिव्यांग अधिकार महासंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री गरीब सहायता योजना पैकेज के तहत दिव्यांगों के साथ हो रहे भेदभाव पर रोक लगाने की मांग की है. महासंघ का कहना है कि सरकार सभी दिव्यांगों को लाभ नहीं पहुंचा रही है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
आर्थिक मदद में दिव्यांगों के साथ भेदभाव
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Published : May 5, 2020, 7:24 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस के चलते सरकार की तरफ से जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब सहायता योजना पैकेज के तहत दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करवा रही है.

लेकिन, इस योजना में दिव्यांगों के साथ भेदभाव हो रहा है, जिससे दिव्यांगों में निराशा के साथ रोष व्याप्त है. दिव्यांगों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर दिव्यांग अधिकार महासंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को पत्र लिखा हैं.

दिव्यांगों के साथ भेदभाव को लेकर पीएम को पत्र

दिव्यांग अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई गोयल ने यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने पत्र लिखा हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज दिया जा रहा है, उसमें दिव्यांगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

पढ़ेंः कई दिनों से अटकी 55 लाख की पेयजल योजना के तहत नलकूप से जोड़ा गया विद्युत कनेक्शन

देश के 10 फीसदी दिव्यांगों को ही इसका लाभ दिया जा रहा है, जबकि 90 फीसदी दिव्यांग योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इस योजना में लाभ लेने के जो शर्तें लागू करी गई है. उसके तहत 80 फीसदी दिव्यांग होने के बाद ही दिव्यांग को आर्थिक सहायता का पात्र माना जाएगा. जबकि, दीवान अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 41 का उल्लंघन किया गया है.

दिव्यांग अधिकार अधिनियम के तहत 40 फीसदी से अधिक विकलांग प्रमाणित होने पर उस व्यक्ति को इस अधिनियम के तहत मिलने वाले सभी लाभ मिलना अनिवार्य है, लेकिन मौजूदा स्थिति में इस नियम की पालना नहीं की जा रही है. हेमंत भाई गोयक के प्रधानमंत्री और केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से देश के सभी बेंचमार्क दिव्यांग पेंशनर्स को अतिरिक्त पेंशन के रूप में एक एक हजार रुपये की आर्थिक मदद का अनुरोध किया है.

पढ़ेंः EXCLUSIVE: राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ईटीवी भारत से विशेष बातचीत

उनका कहना गए कि रोजी रोटी का संकट सभी दिव्यांग जन के सामने है. दिव्यांग अधिनियम 2016 की धारा 24 की उपधारा 3ग के प्रावधान के मुताबिक प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा और संघर्ष के क्षेत्र में उनकी दौरान सहायता उल्लेख है जिसका 40 फीसदी अथवा उससे अधिक दिव्यांग वाले दिव्यांग जनों को सहायता प्रदान की जानी चाहिए. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से पीड़ित दिव्यांगों को दी गई सहायता राशि कुछ ही दिव्यांगों तक पहुंचाई गई है. जबकि कोरोना के दौरान वंचित वर्ग के लोगों को अधिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए है.

पढ़ें- भीलवाड़ा में 2 युवक मिले कोरोना पॉजिटिव, जिला कलेक्टर ने ली बैठक

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से महिलाओं के लिए किसानों के लिए निशुल्क गैस सिलेंडर और 1500 रुपये की राशि का पैकेज दिया गया है. लेकिन, दिव्यांगों के साथ हो रहे भेदभाव से उनको निराशा हाथ लगी है. उनको कहना कि यह वर्ग समाज में खुद को अलग अलग महसूस करते हैं. इस पर महामारी के समय केंद्र और राज्य सूची के आधार पर आर्थिक सहायता और मदद मिलनी चाहिए प्रदेश में 3 लाख से अधिक दिव्यांग हैं, जिनमें से 28 हजार को ही इसका लाभ दिया जा रहा है. इसी तरहं से देश मे करोड़ों की संख्या में दिव्यांगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जयपुर. वैश्विक महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस के चलते सरकार की तरफ से जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब सहायता योजना पैकेज के तहत दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करवा रही है.

लेकिन, इस योजना में दिव्यांगों के साथ भेदभाव हो रहा है, जिससे दिव्यांगों में निराशा के साथ रोष व्याप्त है. दिव्यांगों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर दिव्यांग अधिकार महासंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को पत्र लिखा हैं.

दिव्यांगों के साथ भेदभाव को लेकर पीएम को पत्र

दिव्यांग अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई गोयल ने यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने पत्र लिखा हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज दिया जा रहा है, उसमें दिव्यांगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

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देश के 10 फीसदी दिव्यांगों को ही इसका लाभ दिया जा रहा है, जबकि 90 फीसदी दिव्यांग योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इस योजना में लाभ लेने के जो शर्तें लागू करी गई है. उसके तहत 80 फीसदी दिव्यांग होने के बाद ही दिव्यांग को आर्थिक सहायता का पात्र माना जाएगा. जबकि, दीवान अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 41 का उल्लंघन किया गया है.

दिव्यांग अधिकार अधिनियम के तहत 40 फीसदी से अधिक विकलांग प्रमाणित होने पर उस व्यक्ति को इस अधिनियम के तहत मिलने वाले सभी लाभ मिलना अनिवार्य है, लेकिन मौजूदा स्थिति में इस नियम की पालना नहीं की जा रही है. हेमंत भाई गोयक के प्रधानमंत्री और केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री को लिखे पत्र के माध्यम से देश के सभी बेंचमार्क दिव्यांग पेंशनर्स को अतिरिक्त पेंशन के रूप में एक एक हजार रुपये की आर्थिक मदद का अनुरोध किया है.

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उनका कहना गए कि रोजी रोटी का संकट सभी दिव्यांग जन के सामने है. दिव्यांग अधिनियम 2016 की धारा 24 की उपधारा 3ग के प्रावधान के मुताबिक प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा और संघर्ष के क्षेत्र में उनकी दौरान सहायता उल्लेख है जिसका 40 फीसदी अथवा उससे अधिक दिव्यांग वाले दिव्यांग जनों को सहायता प्रदान की जानी चाहिए. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से पीड़ित दिव्यांगों को दी गई सहायता राशि कुछ ही दिव्यांगों तक पहुंचाई गई है. जबकि कोरोना के दौरान वंचित वर्ग के लोगों को अधिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए है.

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उन्होंने कहा कि जिस तरीके से महिलाओं के लिए किसानों के लिए निशुल्क गैस सिलेंडर और 1500 रुपये की राशि का पैकेज दिया गया है. लेकिन, दिव्यांगों के साथ हो रहे भेदभाव से उनको निराशा हाथ लगी है. उनको कहना कि यह वर्ग समाज में खुद को अलग अलग महसूस करते हैं. इस पर महामारी के समय केंद्र और राज्य सूची के आधार पर आर्थिक सहायता और मदद मिलनी चाहिए प्रदेश में 3 लाख से अधिक दिव्यांग हैं, जिनमें से 28 हजार को ही इसका लाभ दिया जा रहा है. इसी तरहं से देश मे करोड़ों की संख्या में दिव्यांगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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