जयपुर. शहर में महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउंडेशन ने बुधवार को महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में 'आत्म निर्भर भारत की संकल्पना और गांधी का चरखा' विषय पर व्याख्यान और लाइव पेंटिंग कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसका विभिन्न चैनलों और फेसबुक और यू-ट्यूब पर सीधा प्रसारण हुआ. कार्यक्रम के आरंभ में फाउंडेशन के प्रबंधन्यासी अतिथियों का स्वागत किया गया और गांधीजी को वैश्विक विभूति बताया गया.
मुंबई विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ने 'आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना और गांधी का चरखा' विषय पर व्याख्यान दिया. जिसे सुनते हुए ललित कला अकादमी भारत सरकार के सदस्य डॉ.सुनीलकुमार विश्वकर्मा ने लाइव पेंटिंग बनाई.
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डॉ.उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांधीजी जानते थे चक्की, चूल्हा और चरखा भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है. गांधीजी ने स्वाधीनता संग्राम के कठिन संघर्ष के दिनों में चरखे को स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलम्बन का प्रतीक बनाया. आज जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं तो यह प्रकारांतर से गांधीजी के सपने को साकार करने जैसा है.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि हमें लोकल चीजों को लेकर वोकल होना होगा. डॉ. उपाध्याय ने आगे कहा कि भारत इस समय विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था व चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है. उन्होंने भारत के आयात-निर्यात का विस्तृत ब्यौरा देते हुए बताया कि हमारा सबसे बड़ा व्यापार घाटा चीन के साथ है. जो पिछले 6 सालों में 20 लाख करोड़ रुपये का है.
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उपाध्याय ने महात्मा गांधी और महाकवि जयशंकर प्रसाद की भेंट का भी जिक्र किया. डॉ.उपाध्याय के व्याख्यान को आधार बनाकर प्रख्यात कलाकार डॉ. सुनील कुमार विश्व कर्मा ने एक अद्भुत और सजीव पेंटिंग बनायी जिससे जुड़े हुए अतिथियों और दर्शकों ने खूब सराहा. इस कार्यक्रम का सुंदर संचालन सुश्री मेघा शर्मा ने किया और अतुल कुमार ने आभार ज्ञापन किया.