जयपुर. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से दिल्ली में लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के बाद सभी राज्यों में इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए आदेश जारी किए गए थे. जिसके बाद राजस्थान परिवहन विभाग की ओर से भी इस प्रक्रिया को अब ऑनलाइन कर दिया गया है, लेकिन ऑल इंडिया मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन की ओर से इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के बाद लगातार विरोध भी किया जा रहा है.
ऑल इंडिया मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश शर्मा ने बताया कि इसमें बड़ी खामियां हैं और सड़क सुरक्षा के लिए चैलेंज भी है. शर्मा ने बताया सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी ओर से ट्यूटोरियल लिया है या नहीं ये अलग बात है, इसे सुनिश्चित कौन करेगा. शर्मा ने बताया ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए जो डॉक्यूमेंट लगवाए गए हैं, उनका वेरिफिकेशन कौन करेगा यह भी अभी पता नहीं है.
शर्मा ने बताया कि आरटीओ ऑफिस में करोड़ों रुपए की लागत से लर्निंग लाइसेंस बनाने की मशीनें लगाई गई थीं. ऐसे में अब ऑनलाइन प्रक्रिया हो जाने से यह करोड़ों रुपए भी सरकार के खराब ही हो जाएंगे और लोगों के रोजगार भी छूट जाएंगे. शर्मा ने बताया कि जब ऑफिस में लर्निंग लाइसेंस बनता तो सरकारी तंत्र की ओर से प्रॉपर ट्रेनिंग सुनिश्चित की जाती थी, वह जरूरी था. लेकिन, अब यह सभी प्रक्रिया नहीं होगी घर बैठे ही लर्निंग लाइसेंस मिल सकेगा, इससे सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी भी हो सकती है.
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शर्मा ने कहा कि अब सरकार की ओर से जो फैसला लिया गया है वह बिल्कुल गलत है. ऐसे में सरकार को इस और ध्यान भी देना चाहिए. वहीं, परमानेंट लाइसेंस की प्रक्रिया को सरकार को और अच्छे से सुनिश्चित करना चाहिए. साथ ही सरकार को ध्यान देना चाहिए कि परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए क्या आवेदक प्रॉपर ट्रेनिंग ले रहा है या नहीं.
शर्मा ने बताया कि विदेशों की बात करें तो विदेशों में लाइसेंस बनवाना बहुत ही कठिन है. वहां पर रोड सेफ्टी की बातों को हमेशा ध्यान रखना होता है. ऐसे में हम लर्नर लाइसेंस कैसे बांट रहे हैं और अब तो दुकान पर या कहीं पर भी अब लर्निंग लाइसेंस बनाये जा सकते हैं, जो कि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल सही नहीं है.