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सदन में गरजे कटारिया, कहा- वादा वही करो और उतना ही करो, जितना पूरा कर सको

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Published : Feb 15, 2021, 7:47 PM IST

राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सदन में जमकर गरजे. एक घंटे से अधिक समय तक चले अपने संबोधन के दौरान कटारिया ने गहलोत सरकार पर चुन-चुनकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की विफलताओं को बताया तो, वहीं केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने से भी नहीं चूके.

rajasthan assembly
केंद्र सरकार की उपलब्धियां

जयपुर. सदन में बहस के दौरान कटारिया ने संविदाकर्मियों को नियमित करने के कांग्रेस के पुराने वादों को याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वादा वही करो और उतना ही करो, जितना पूरा कर सको. इतना ही नहीं, कटारिया ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्डों के कराए गए परिसीमन पर भी सवाल उठाया और वार्ड पार्षद चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर निकाय प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव करवाने के पीछे सरकार की मंशा को भी गलत बताया.

सदन में गरजे कटारिया...

39 से अधिक संविदाकर्मी सवा दो साल से कर रहे वादा पूरा होने का इंतजार...

राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान के विभिन्न विभागों में कार्यरत 3 लाख से अधिक संविदाकर्मियों की कोहनी में नियमित करने वाला 'गुड़' लगा दिया, जिसे लेकर यह बच्चे घूम रहे हैं. लेकिन सवा 2 साल निकल जाने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने इन्हें नियमित करने का अपना वादा पूरा नहीं किया. कटारिया ने कहा कि यदि आप से इन बच्चों को नियमित नहीं किया जा सकता तो स्पष्ट कर दें, ताकि वह दूसरी जगह तो अपना ठिकाना ढूंढ लें. इस दौरान कटारिया ने हर विभाग में संविदा पर लगे कर्मचारियों के आंकड़े भी गिनाए. कटारिया ने कहा कि मनरेगा में सहायक पंचायत सहायक पद पर 27,000 पैराटीचर, 15,000 विद्यार्थी मित्र, 10,000 एनआरएचएम में 4,500 आंगनबाड़ी में 62,000 सहित अलग-अलग विभागों में करीब तीन लाख से अधिक संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें से कई तो न्यूनतम मानदेय से भी कम में काम कर रहे हैं. कटारिया ने कहा कि पंचायत सहायक तो 8 साल से ₹6000 मासिक मानदेय पर काम कर रहे हैं. इसमें विचार अपने परिवार को कैसे खिलाएगा और कैसे पालेगा.

कांग्रेस के घोषणा पत्र का वादा याद दिलाया...

अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर भी निशाना साधा. कटारिया ने कहा कि मैंने ऐसा पहली बार देखा है जब प्रदेश में 88 नए कॉलेज खोलने की घोषणा हो गई, लेकिन उसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. वहीं, कटारिया ने मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में दिए गए बिंदुओं को भी सदन में रखा और कहा कि आपने भयमुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण देने की घोषणा की थी, लेकिन तबादले हो रहे हैं, उसमें तकनीकी शिक्षा मंत्री रुकवाता है और एक मंत्री करवाता है.

गहलोत सरकार पर साधा निशाना...

एक सिंगल अध्यापक की भर्ती भी आपकी सरकार में नहीं हुई...

कटारिया ने कहा कि आज उच्च शिक्षा संस्थानों में ढाई हजार पद खाली हैं. कटारिया ने पिछली सरकार में निकाली गई भर्तियों को मौजूदा सरकार के खाते में गिनाने पर भी आपत्ति जताई. इस दौरान कटारिया ने हरदेव पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति भर्ती विवाद का उदाहरण देते हुए अंबेडकर विश्वविद्यालय में लगाए गए कुलपति पर भी सवाल उठाए.

पढ़ें : राजसमंद में गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी ने की प्रेस वार्ता, कहा-उपचुनाव में कमल की ही होगी जीत

खरीद-फरोख्त का खेल होना चाहिए बंद...

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्डों के कराए गए परिसीमन पर भी सवाल उठाया और वार्ड पार्षद चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर निकाय प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव करवाने के पीछे सरकार की मंशा को भी गलत बताया. कटारिया ने कहा कि खरीद-फरोख्त का यह खेल खत्म होना चाहिए. कटारिया यह कहने से भी नहीं चूके कि जो 7 दिन का समय दिया था, उसको 15 दिन का भी कर दो. यदि और कोई खरीद-फरोख्त करके अपने बोर्ड निकायों में बनाना हो तो, लेकिन मेरी सरकार से प्रार्थना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए.

डोटासरा ने कहा- ज्ञान किसको पिला रहे हो और हो गया हंगामा...

नगर निकाय चुनाव में निकाय प्रमुख चुनाव के बीच एक सप्ताह के अंतर से जुड़ा सवाल जब कटारिया ने खड़ा किया तो संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह निर्वाचन विभाग का काम है ना कि सरकार का. वहीं, स्पीकर सीपी जोशी ने भी आसन से खड़े होकर कहा कि विधानसभा कानून बनाती है और इसी कानून के तहत निर्वाचन विभाग और आयोग को कुछ अधिकार दिए गए, जिसका इस्तेमाल करके उन्होंने 7 दिन का गैप किया. ऐसे में उसपर सवाल खड़ा करना यहां ठीक नहीं. वहीं, कटारिया के खरीद-फरोख्त से जुड़े आरोपों पर सदन में मौजूद शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा भी भड़क गए और उन्होंने खड़े होकर कहा कि यह भाषण किसको पिला रहे हो, आप अमित शाह को नहीं देखा जो देश में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष भी भड़क गए और कहा कि आप उतना ही बोलो जितना जरूरी हो. दोनों के बीच तीखी तकरार को देखते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें शांत कराया और यह भी कहा कि नियमों के तहत ही मैं बोलने की अनुमति दूंगा. किसी भी सदस्य को उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर जा रहा है और यह जब हमारी युवा पीढ़ी देखेगी तो उन्हें क्या मैसेज आएगा, यह समझना होगा.

पढ़ें : Exclusive: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव BJP के लिए चुनौती, लेकिन जीत का विश्वास- केद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल

बिजली की दरें बढ़ाकर जनता पर लादा बोझ, कंपनियों पर बढ़ा कर्जे का भार...

नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी का मामला भी अपने संबोधन में उठाया. कटारिया ने कहा कि आप जब सरकार में आए थे तो आपने वादा किया था कि 5 साल तक बिजली की दरों में इजाफा नहीं होगा, लेकिन यह वादा झूठा निकला. सीधे तौर पर नहीं तो विभिन्न शुल्क बढ़ाकर आपने आम बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली की दरों का भार बढ़ा दिया. कटारिया ने कहा, आज देश में राजस्थान राज्य सबसे महंगी बिजली उपभोक्ताओं को दे रहा है, जबकि हम बातें करते हैं बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की. कटारिया ने इस दौरान यह भी कहा कि राजस्थान में बिजली की कंपनियां साल 2000 में इसलिए बनाई गई थी ताकि स्थिति में सुधार हो, लेकिन इन कंपनियों ने तो केवल डुबोने का काम ही किया. कटारिया ने कहा कि पहले जब हम सरकार छोड़ कर गए थे तब डिस्कॉम पर 15 हजार करोड़ का कर्जा था, लेकिन जब वापस हमने पिछली बार प्रदेश की सरकार संभाली तब वह घाटा 80 हजार करोड़ तक पहुंच गया. कटारिया ने कहा कि वसुंधरा सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से 60 हजार करोड़ रुपए उदय योजना में आए, लेकिन आज भी जब सरकार में आपको सवा 2 साल का कामकाज हो चुका है तब बिजली कंपनियों पर 80 हजार करोड़ से अधिक का घाटा है और जल्द ही घाटा एक लाख करोड़ तक पहुंच जाए तो आश्चर्य नहीं होगा.

गिनाई सरकार की विफलता...

एक परिवार और व्यक्ति की पूजा मत करो...

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपने संबोधन में प्रदेश सरकार और कांग्रेस से यह भी कहा कि व्यक्ति की पूजा मत करो. कटारिया ने इस दौरान प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के नाम एक परिवार और कांग्रेस नेताओं के नाम पर चलने पर भी सवाल उठाया. कटारिया ने कहा कि जिन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है उनके नाम से योजनाएं होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर योजनाएं देश में केवल एक परिवार विशेष तक के नाम पर ही सीमित हो जाएं यह उचित नहीं. इस दौरान कटारिया ने देश के हवाई अड्डे, शैक्षणिक संस्थान और प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के नाम भी गिनाए जो राजीव गांधी, इंदिरा गांधी या जवाहरलाल नेहरू के नाम से चल रही थीं.

केंद्र सरकार ने दिया सहयोग, लेकिन प्रदेश ने पूरा फंड भी नहीं किया खर्च...

अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि चाहे कोरोना काल हो या अन्य स्थितियां, केंद्र सरकार ने राजस्थान की भरपूर मदद की है. इस दौरान कटारिया ने कोरोना कालखंड के दौरान केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान सरकार को दी गई मदद को आंकड़ों के साथ गिनाया और यह भी कहा कि जितनी मदद मिली उसमें भी कई जगह सरकार पूरा पैसा खर्च नहीं कर पाई. वहीं, जल जीवन मिशन योजना का उदाहरण देते हुए कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जितना पैसा इस योजना के तहत राजस्थान सरकार को दिया, उसका आधा भी खर्च नहीं कर पाई जिससे नुकसान पेयजल उपभोक्ताओं को हुआ.

जयपुर. सदन में बहस के दौरान कटारिया ने संविदाकर्मियों को नियमित करने के कांग्रेस के पुराने वादों को याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वादा वही करो और उतना ही करो, जितना पूरा कर सको. इतना ही नहीं, कटारिया ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्डों के कराए गए परिसीमन पर भी सवाल उठाया और वार्ड पार्षद चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर निकाय प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव करवाने के पीछे सरकार की मंशा को भी गलत बताया.

सदन में गरजे कटारिया...

39 से अधिक संविदाकर्मी सवा दो साल से कर रहे वादा पूरा होने का इंतजार...

राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान के विभिन्न विभागों में कार्यरत 3 लाख से अधिक संविदाकर्मियों की कोहनी में नियमित करने वाला 'गुड़' लगा दिया, जिसे लेकर यह बच्चे घूम रहे हैं. लेकिन सवा 2 साल निकल जाने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने इन्हें नियमित करने का अपना वादा पूरा नहीं किया. कटारिया ने कहा कि यदि आप से इन बच्चों को नियमित नहीं किया जा सकता तो स्पष्ट कर दें, ताकि वह दूसरी जगह तो अपना ठिकाना ढूंढ लें. इस दौरान कटारिया ने हर विभाग में संविदा पर लगे कर्मचारियों के आंकड़े भी गिनाए. कटारिया ने कहा कि मनरेगा में सहायक पंचायत सहायक पद पर 27,000 पैराटीचर, 15,000 विद्यार्थी मित्र, 10,000 एनआरएचएम में 4,500 आंगनबाड़ी में 62,000 सहित अलग-अलग विभागों में करीब तीन लाख से अधिक संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें से कई तो न्यूनतम मानदेय से भी कम में काम कर रहे हैं. कटारिया ने कहा कि पंचायत सहायक तो 8 साल से ₹6000 मासिक मानदेय पर काम कर रहे हैं. इसमें विचार अपने परिवार को कैसे खिलाएगा और कैसे पालेगा.

कांग्रेस के घोषणा पत्र का वादा याद दिलाया...

अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर भी निशाना साधा. कटारिया ने कहा कि मैंने ऐसा पहली बार देखा है जब प्रदेश में 88 नए कॉलेज खोलने की घोषणा हो गई, लेकिन उसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया. वहीं, कटारिया ने मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में दिए गए बिंदुओं को भी सदन में रखा और कहा कि आपने भयमुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण देने की घोषणा की थी, लेकिन तबादले हो रहे हैं, उसमें तकनीकी शिक्षा मंत्री रुकवाता है और एक मंत्री करवाता है.

गहलोत सरकार पर साधा निशाना...

एक सिंगल अध्यापक की भर्ती भी आपकी सरकार में नहीं हुई...

कटारिया ने कहा कि आज उच्च शिक्षा संस्थानों में ढाई हजार पद खाली हैं. कटारिया ने पिछली सरकार में निकाली गई भर्तियों को मौजूदा सरकार के खाते में गिनाने पर भी आपत्ति जताई. इस दौरान कटारिया ने हरदेव पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति भर्ती विवाद का उदाहरण देते हुए अंबेडकर विश्वविद्यालय में लगाए गए कुलपति पर भी सवाल उठाए.

पढ़ें : राजसमंद में गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी ने की प्रेस वार्ता, कहा-उपचुनाव में कमल की ही होगी जीत

खरीद-फरोख्त का खेल होना चाहिए बंद...

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्डों के कराए गए परिसीमन पर भी सवाल उठाया और वार्ड पार्षद चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर निकाय प्रमुख और उप प्रमुख के चुनाव करवाने के पीछे सरकार की मंशा को भी गलत बताया. कटारिया ने कहा कि खरीद-फरोख्त का यह खेल खत्म होना चाहिए. कटारिया यह कहने से भी नहीं चूके कि जो 7 दिन का समय दिया था, उसको 15 दिन का भी कर दो. यदि और कोई खरीद-फरोख्त करके अपने बोर्ड निकायों में बनाना हो तो, लेकिन मेरी सरकार से प्रार्थना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए.

डोटासरा ने कहा- ज्ञान किसको पिला रहे हो और हो गया हंगामा...

नगर निकाय चुनाव में निकाय प्रमुख चुनाव के बीच एक सप्ताह के अंतर से जुड़ा सवाल जब कटारिया ने खड़ा किया तो संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह निर्वाचन विभाग का काम है ना कि सरकार का. वहीं, स्पीकर सीपी जोशी ने भी आसन से खड़े होकर कहा कि विधानसभा कानून बनाती है और इसी कानून के तहत निर्वाचन विभाग और आयोग को कुछ अधिकार दिए गए, जिसका इस्तेमाल करके उन्होंने 7 दिन का गैप किया. ऐसे में उसपर सवाल खड़ा करना यहां ठीक नहीं. वहीं, कटारिया के खरीद-फरोख्त से जुड़े आरोपों पर सदन में मौजूद शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा भी भड़क गए और उन्होंने खड़े होकर कहा कि यह भाषण किसको पिला रहे हो, आप अमित शाह को नहीं देखा जो देश में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष भी भड़क गए और कहा कि आप उतना ही बोलो जितना जरूरी हो. दोनों के बीच तीखी तकरार को देखते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें शांत कराया और यह भी कहा कि नियमों के तहत ही मैं बोलने की अनुमति दूंगा. किसी भी सदस्य को उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर जा रहा है और यह जब हमारी युवा पीढ़ी देखेगी तो उन्हें क्या मैसेज आएगा, यह समझना होगा.

पढ़ें : Exclusive: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव BJP के लिए चुनौती, लेकिन जीत का विश्वास- केद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल

बिजली की दरें बढ़ाकर जनता पर लादा बोझ, कंपनियों पर बढ़ा कर्जे का भार...

नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी का मामला भी अपने संबोधन में उठाया. कटारिया ने कहा कि आप जब सरकार में आए थे तो आपने वादा किया था कि 5 साल तक बिजली की दरों में इजाफा नहीं होगा, लेकिन यह वादा झूठा निकला. सीधे तौर पर नहीं तो विभिन्न शुल्क बढ़ाकर आपने आम बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली की दरों का भार बढ़ा दिया. कटारिया ने कहा, आज देश में राजस्थान राज्य सबसे महंगी बिजली उपभोक्ताओं को दे रहा है, जबकि हम बातें करते हैं बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की. कटारिया ने इस दौरान यह भी कहा कि राजस्थान में बिजली की कंपनियां साल 2000 में इसलिए बनाई गई थी ताकि स्थिति में सुधार हो, लेकिन इन कंपनियों ने तो केवल डुबोने का काम ही किया. कटारिया ने कहा कि पहले जब हम सरकार छोड़ कर गए थे तब डिस्कॉम पर 15 हजार करोड़ का कर्जा था, लेकिन जब वापस हमने पिछली बार प्रदेश की सरकार संभाली तब वह घाटा 80 हजार करोड़ तक पहुंच गया. कटारिया ने कहा कि वसुंधरा सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से 60 हजार करोड़ रुपए उदय योजना में आए, लेकिन आज भी जब सरकार में आपको सवा 2 साल का कामकाज हो चुका है तब बिजली कंपनियों पर 80 हजार करोड़ से अधिक का घाटा है और जल्द ही घाटा एक लाख करोड़ तक पहुंच जाए तो आश्चर्य नहीं होगा.

गिनाई सरकार की विफलता...

एक परिवार और व्यक्ति की पूजा मत करो...

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपने संबोधन में प्रदेश सरकार और कांग्रेस से यह भी कहा कि व्यक्ति की पूजा मत करो. कटारिया ने इस दौरान प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के नाम एक परिवार और कांग्रेस नेताओं के नाम पर चलने पर भी सवाल उठाया. कटारिया ने कहा कि जिन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है उनके नाम से योजनाएं होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर योजनाएं देश में केवल एक परिवार विशेष तक के नाम पर ही सीमित हो जाएं यह उचित नहीं. इस दौरान कटारिया ने देश के हवाई अड्डे, शैक्षणिक संस्थान और प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के नाम भी गिनाए जो राजीव गांधी, इंदिरा गांधी या जवाहरलाल नेहरू के नाम से चल रही थीं.

केंद्र सरकार ने दिया सहयोग, लेकिन प्रदेश ने पूरा फंड भी नहीं किया खर्च...

अपने संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि चाहे कोरोना काल हो या अन्य स्थितियां, केंद्र सरकार ने राजस्थान की भरपूर मदद की है. इस दौरान कटारिया ने कोरोना कालखंड के दौरान केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान सरकार को दी गई मदद को आंकड़ों के साथ गिनाया और यह भी कहा कि जितनी मदद मिली उसमें भी कई जगह सरकार पूरा पैसा खर्च नहीं कर पाई. वहीं, जल जीवन मिशन योजना का उदाहरण देते हुए कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जितना पैसा इस योजना के तहत राजस्थान सरकार को दिया, उसका आधा भी खर्च नहीं कर पाई जिससे नुकसान पेयजल उपभोक्ताओं को हुआ.

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