जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने मानवीय आधार पर निर्णय लिया है. जिसके चलते गहलोत ने आयु सीमा, देरी से आवेदन करने, प्रशासनिक विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर अन्य विभाग में नियुक्ति चाहने सहित अन्य कारणों से लंबित प्रकरणों में आवेदकों के लिए नियुक्ति की राह आसान की है. पिछले डेढ़ साल में 72 विभागों में 2208 अनुकंपा नियुक्तियां दी जा चुकी हैं. विषम परिस्थितियों में मृतक आश्रित परिवार में पुत्रवधु को नियुक्ति देने के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है.
अब तक 2208 अनुकंपा नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि बीते करीब डेढ़ साल में मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रितों के प्रकरणों में राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में नियुक्तियां प्रदान की है. अब तक 72 विभागों में मृतक राज्य कर्मचारियों के 2208 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं. इनमें प्रमुख रूप से माध्यमिक शिक्षा में 749, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 252, पुलिस में 177, जलदाय विभाग में 116, वन विभाग में 106, पशुपालन विभाग में 80, सार्वजनिक निर्माण विभाग में 78 तथा जल संसाधन विभाग में 68 नियुक्तियां दी जा चुकी हैं.
पुत्रवधू के लिए भी दी शिथिलता
मुख्यमंत्री गहलोत लंबित 489 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शिथिलता प्रदान कर चुके हैं. न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा के दायरे में आने, देरी से आवेदन करने, नियमों की जानकारी नहीं होने, प्रथम आवेदक के नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद दूसरे आवेदक को नियुक्ति प्रदान करने, अनुकंपा नियमों के तहत परिवार की परिभाषा में पुत्रवधू के पात्र नहीं होने इत्यादि ऐसे मामले हैं, जिनमें मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए आवेदकों को शिथिलता दी.
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बता दें कि अब तक चार प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें गहलोत ने अनुकंपात्मक नियुक्ति नियमों के तहत परिवार की परिभाषा में पात्र नहीं होने के बावजूद विषम पारिवारिक परिस्थितियों के आधार पर पुत्रवधू को नियमों में शिथिलता देते हुए नियुक्ति देना मंजूर किया है.