जयपुर. राजधानी में जिला कलेक्ट्रेट से आमेर एसडीएम कोर्ट को आमेर तहसील में स्थापित करने के बाद वकीलों में रोष व्याप्त है. आमेर एसडीम कोर्ट को जिला कलेक्ट्रेट में फिर से लाने के लिए वकील लगातार 42 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी सरकार उनकी मांग नहीं मान रही है. इसके कारण वकीलों ने एक बार फिर शुक्रवार को हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है. वकीलों के हड़ताल पर रहने से एक बार फिर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में न्यायिक काम बंद रहेगा.
वकीलों के हड़ताल पर रहने के कारण ये काम रहेंगे बंद
- रजिस्ट्री का काम नहीं होगा.
- रेवेन्यू कोर्ट में कोई काम नहीं होगा.
- लोगों को स्टाम्प नहीं मिलेंगे.
- ई-स्टाम्प बंद रहेगा.
- नोटरी भी नहीं होगी.
- शपथ पत्र और मूल निवास का काम भी बंद रहेगा.
- डीड राइटर भी अपना काम बंद रखेंगे.
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दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि आम जनता को उनका हक दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वकीलों का न्यायिक कार्य का बहिष्कार और क्रमिक अनशन 42 दिन से लगातार चल रहा है. अभी तक इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन दे चुके हैं.
सुनील शर्मा ने बताया कि इसी मामले में डिविजनल कमिश्नर जयपुर की रिपोर्ट सरकार के पास जा चुकी है. उन्होंने बताया कि उसमें भी वकीलों के पक्ष में रिपोर्ट दी गई है कि आमेर एसडीएम कोर्ट को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में ही रखा जाए. जयपुर के वकीलों के 3 हजार मुकदमे भी आमेर कोर्ट में चल रहे हैं. सुनील शर्मा ने कहा कि जब तक आमेर कोर्ट को कलेक्ट्रेट में स्थापित नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.