जयपुर. प्रदेश के सभी जरूरतमंद वकीलों को अभी तक बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की तरफ से आर्थिक मदद के नाम पर घोषित 5 हजार की सहायता राशि नहीं मिल पाई है. युवा और जरूरतमंद वकीलों की आर्थिक मदद के लिए बीसीआर की कमेटी की सिफारिश पर बीसीआई ने अप्रैल महीने में एक करोड़ रुपए की राशि मंजूर की थी.
इस राशि को बीसीआर ने बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए कर दिया था. इसके चलते प्रदेश के 6 हजार वकीलों तक ये सहायता राशि पहुंचनी थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान ये राशि सभी जरूरतमंद वकीलों तक नहीं पहुंच पाई. अभी तक सिर्फ दो हजार वकीलों को ही सहायता राशि मिल सकी है. ऐसे में लॉकडाउन हटने के बाद भी 4 हजार वकील सहायता राशि का इंतजार कर रहे हैं.
इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी प्रेमचंद देवंदा का कहना है कि, वकीलों पर काफी आर्थिक दबाव है. अभी अदालतों में काम सुचारू नहीं हुआ है. इसके अलावा जल्द ही स्कूल फीस, बिजली के बिल और लोन की किस्त भार पड़ने वाला है. इसलिए बीसीआर को हर जरूरतमंद को एकमुश्त कम से कम 50 हजार की राशि दी जानी चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ बीसीआर के चेयरमैन एस. शाहिद हसन का कहना है कि, इस संबंध में बैठक आयोजित की गई है. जिसमें निर्णय लिया गया है कि, बाकि बचे 4 हजार वकीलों को भी जल्द सहायता राशि दी जाए.
गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में कामकाज ठप हो गया था. अभी भी अदालतों में सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई ही हो रही है. जिसके चलते युवा वकीलों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. ऐसे में युवा और जरूरतमंद वकीलों के लिए बीसीआई ने एक करोड़ रुपए और बीसीआर ने अपने ऑफिस फंड से दो करोड़ रुपए मंजूर कर स्थानीय बार एसोसिएशन के माध्यम से वकीलों से आवेदन मांगे थे.