जयपुर. सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को स्पीकर के नोटिस देने के मामले में सुनवाई के दौरान कुछ वकील और हाईकोर्ट प्रशासन आमने-सामने हो गए. इस दौरान वकीलों ने धरना दिया और चीफ जस्टिस हाय-हाय के नारे लगाए. इसके बाद ही हाईकोर्ट प्रशासन ने वकीलों को कोर्ट में प्रवेश दिया गया.
हुआ यूं कि सुबह 10 बजते ही अदालत में मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई शुरू कर दी. इस बीच मामले में पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र पेश करने वाले वकील पीसी भंडारी और अन्य अधिवक्ता अदालत पहुंचे. इतने में वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने इन वकीलों को अंदर नहीं आने दिया. इस पर वकील पीसी भंडारी अपने साथियों के साथ मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट के दरवाजे पर ही धरने पर बैठ गए और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया.
पढ़ेंः CBI जांच को लेकर गहलोत सरकार का बड़ा आदेश, लेनी होगी अनुमति
करीब डेढ़ घंटा धरना देने के बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया तो वकील खासे नाराज हो गए. इस पर वकीलों ने चीफ जस्टिस हाय-हाय के नारे लगाए. शोरगुल सुनकर हाईकोर्ट प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहीं दूसरी ओर मुख्य न्यायाधीश ने भी वकीलों को अंदर आने की अनुमति दी. वकीलों को प्रवेश मिलने के बाद मामला जाकर शांत हुआ. बता दें कि याचिका पर सुनवाई के चलते हाईकोर्ट प्रशासन अदालत में प्रवेश देने को लेकर सख्त बना हुआ है. हाईकोर्ट परिसर के मुख्य दरवाजे से आगे मीडिया को प्रवेश नहीं दिया जा रहा. वहीं दूसरी ओर अदालत कक्ष में भी केवल उन्हीं वकीलों को प्रवेश दिया जा रहा है जो केस से संबंधित है.