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वकील गोवर्धन सिंह को एडीजे कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, जमानत अर्जी खारिज

अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय को 10 लाख रुपए की वसूली करने वाले आरोपी वकील गोवर्धन सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. आरोपी के खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज है, जिसमें कब्जा (Advocate govardhan singh Cheating case), आरपीएस अधिकारी को धमकाना शामिल है.

Advocate govardhan singh Cheating case
Advocate govardhan singh Cheating case
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Published : Jun 8, 2022, 11:05 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने डरा-धमका कर दस लाख रुपए की वसूली करने के मामले में वकील गोवर्धन सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इससे पहले गत चार जून को निचली अदालत ने भी गोवर्धन की जमानत अर्जी को खारिज किया था. इस मामले पर अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कई मुकदमे लंबित हैं. अधिवक्ता से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह स्वयं आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे. ऐसे में अपराधी के पूर्ववर्ती चरित्र को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में सभी तथ्यों को ध्यान (Advocate govardhan singh Cheating case) में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि गोवर्धन सिंह के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया है. परिवादी ने घटना के कई सालों बाद मामला दर्ज कराया है. वह पेशे से अधिवक्ता है और उसने परिवादी के भाई के खिलाफ विरोधी पक्ष की ओर से पैरवी की थी. जिसके चलते उसे बदनीयती से फंसाया जा रहा है. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक अनिल चौधरी ने कहा कि गोवर्धन आदतन अपराधी है. गोवर्धन ने परिवादी को इतना अधिक धमकाया है कि वह उसके खिलाफ कार्रवाई करवाने से भी घबरा रहा था. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाए.

पढ़ें. advocate govardhan arrest case: एडवोकेट गोवर्धन सिंह के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के 4 मामले दर्ज, आरोपी पुलिस रिमांड पर

गौरतलब है कि वैशाली नगर थाना पुलिस ने गत छह मई को गोवर्धन सिंह और एक अन्य के खिलाफ रुपए हड़पने का मामला दर्ज किया था. सबसे पहले गोवर्धन सिंह को महिला आरपीएस अधिकारी से अभद्रता से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद गोवर्धन और अन्य के खिलाफ विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक मामले (Lawyer Govardhan Singh bail application is rejected) दर्ज हुए .

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने डरा-धमका कर दस लाख रुपए की वसूली करने के मामले में वकील गोवर्धन सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इससे पहले गत चार जून को निचली अदालत ने भी गोवर्धन की जमानत अर्जी को खारिज किया था. इस मामले पर अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कई मुकदमे लंबित हैं. अधिवक्ता से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह स्वयं आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे. ऐसे में अपराधी के पूर्ववर्ती चरित्र को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में सभी तथ्यों को ध्यान (Advocate govardhan singh Cheating case) में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि गोवर्धन सिंह के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया है. परिवादी ने घटना के कई सालों बाद मामला दर्ज कराया है. वह पेशे से अधिवक्ता है और उसने परिवादी के भाई के खिलाफ विरोधी पक्ष की ओर से पैरवी की थी. जिसके चलते उसे बदनीयती से फंसाया जा रहा है. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक अनिल चौधरी ने कहा कि गोवर्धन आदतन अपराधी है. गोवर्धन ने परिवादी को इतना अधिक धमकाया है कि वह उसके खिलाफ कार्रवाई करवाने से भी घबरा रहा था. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाए.

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गौरतलब है कि वैशाली नगर थाना पुलिस ने गत छह मई को गोवर्धन सिंह और एक अन्य के खिलाफ रुपए हड़पने का मामला दर्ज किया था. सबसे पहले गोवर्धन सिंह को महिला आरपीएस अधिकारी से अभद्रता से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद गोवर्धन और अन्य के खिलाफ विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक मामले (Lawyer Govardhan Singh bail application is rejected) दर्ज हुए .

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