ETV Bharat / city

जयपुर में बढ़ रहे जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के मामले, 10 से 15 प्रतिशत कमीशन पर बदमाश सुलझा रहे प्रकरण

जमीन से जुड़े विवाद और धोखाधड़ी के मामलों में लगातार तेजी आ रही है. इसके चलते जहां थानों मे लंबित मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, वहीं बदमाश ऐसे मामलों में कमीशन लेकर निपटारा करवा रहे हैं.

land related crime in Jaipur
land related crime in Jaipur
author img

By

Published : Nov 17, 2021, 4:51 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में जमीन से जुड़े विवाद और धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बात इस वर्ष की करें तो अब तक जयपुर कमिश्नरेट के चारों जिलों में जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित 12000 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, जमीन से जुड़े 4500 परिवाद विभिन्न थानों में पेंडिंग चल रहे हैं. जमीन से संबंधित धोखाधड़ी और विवाद के इतने अधिक प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करना और अनुसंधान पूर्ण करना जयपुर पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण काम बना हुआ है. जिसका फायदा जयपुर के भूमाफिया, हिस्ट्रीशीटर व अन्य बदमाश उठा रहे हैं. ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति भी पुलिस की बजाए बदमाशों से संपर्क कर जल्द से जल्द प्रकरण का निस्तारण कराने में लगा हुआ है.

पढ़ें: Prashasan Shahron Sang: अभियान जिसमें बिजली समस्या समाधान का बना नया रिकॉर्ड, अब तक 96,525 का हुआ निपटारा

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक आला अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जयपुर में जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित प्रकरणों को निपटाने में 45 फीसदी बदमाश इन्वॉल्व हैं. जिसमें भू-माफिया, हिस्ट्रीशीटर व अन्य शातिर बदमाश शामिल हैं. धोखाधड़ी का शिकार हुआ व्यक्ति जब प्रकरण के निस्तारण के लिए किसी भी बदमाश के पास जाता है तो बदमाश द्वारा उसे उसकी राशि वापस दिलाने की गारंटी देते हैं. राशि का 10 से 15 परसेंट फीस के रूप में वसूलते हैं.

जयपुर कमिश्नरेट के इन क्षेत्रों में धोखाधड़ी के ज्यादा प्रकरण

जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित सर्वाधिक प्रकरण जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जिलों में बाहरी क्षेत्रों में देखने को मिल रहे हैं. यदि बात वेस्ट जिले की करें तो करधनी, कालवाड़, हरमाड़ा, भांकरोटा और बगरू थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है. इसी प्रकार से नार्थ जिले में ब्रह्मपुरी, आमेर और जयसिंहपुरा खोर थाना इलाकों में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है. इसी प्रकार से ईस्ट जिले में प्रतापनगर, कानोता व बस्सी थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है। वहीं यदि बात साउथ जिले की करें तो मानसरोवर, शिप्रापथ, मुहाना, शिवदासपुरा व चाकसू थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है.

पढ़ें: World COPD Day: राजस्थान सीओपीडी से मौत के मामलों में देश में पहले पायदान पर...जागरूकता के अभाव में बढ़ रहा खतरा

धोखाधड़ी का शिकार होने के यह है प्रमुख कारण

जमीन के मामलों में धोखाधड़ी के प्रमुख रूप से चार कारण हैं. जिनमें जमीन खरीदने से पहले पट्टे की प्रमाणिकता की जांच किए बगैर सौदा करना. गैर रजिस्टर्ड सोसाइटी से सस्ती कीमत पर जमीन खरीदना. जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है उस व्यक्ति के नाम से वह जमीन रजिस्टर्ड है या नहीं या जमीन का कोई और भी मालिक है या नहीं, इस बात को जांचे बगैर सौदा करना. साथ ही जिस जमीन का पट्टा दिया जा रहा है क्या वास्तविकता में उस पट्टे का या स्थान का कोई अस्तित्व है या नहीं इसे जांचे परखे बिना सौदा करना.

जयपुर. राजधानी जयपुर में जमीन से जुड़े विवाद और धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बात इस वर्ष की करें तो अब तक जयपुर कमिश्नरेट के चारों जिलों में जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित 12000 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, जमीन से जुड़े 4500 परिवाद विभिन्न थानों में पेंडिंग चल रहे हैं. जमीन से संबंधित धोखाधड़ी और विवाद के इतने अधिक प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करना और अनुसंधान पूर्ण करना जयपुर पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण काम बना हुआ है. जिसका फायदा जयपुर के भूमाफिया, हिस्ट्रीशीटर व अन्य बदमाश उठा रहे हैं. ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति भी पुलिस की बजाए बदमाशों से संपर्क कर जल्द से जल्द प्रकरण का निस्तारण कराने में लगा हुआ है.

पढ़ें: Prashasan Shahron Sang: अभियान जिसमें बिजली समस्या समाधान का बना नया रिकॉर्ड, अब तक 96,525 का हुआ निपटारा

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक आला अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जयपुर में जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित प्रकरणों को निपटाने में 45 फीसदी बदमाश इन्वॉल्व हैं. जिसमें भू-माफिया, हिस्ट्रीशीटर व अन्य शातिर बदमाश शामिल हैं. धोखाधड़ी का शिकार हुआ व्यक्ति जब प्रकरण के निस्तारण के लिए किसी भी बदमाश के पास जाता है तो बदमाश द्वारा उसे उसकी राशि वापस दिलाने की गारंटी देते हैं. राशि का 10 से 15 परसेंट फीस के रूप में वसूलते हैं.

जयपुर कमिश्नरेट के इन क्षेत्रों में धोखाधड़ी के ज्यादा प्रकरण

जमीन की धोखाधड़ी और विवाद से संबंधित सर्वाधिक प्रकरण जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जिलों में बाहरी क्षेत्रों में देखने को मिल रहे हैं. यदि बात वेस्ट जिले की करें तो करधनी, कालवाड़, हरमाड़ा, भांकरोटा और बगरू थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है. इसी प्रकार से नार्थ जिले में ब्रह्मपुरी, आमेर और जयसिंहपुरा खोर थाना इलाकों में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है. इसी प्रकार से ईस्ट जिले में प्रतापनगर, कानोता व बस्सी थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है। वहीं यदि बात साउथ जिले की करें तो मानसरोवर, शिप्रापथ, मुहाना, शिवदासपुरा व चाकसू थाना क्षेत्र में इन प्रकरणों की तादाद सर्वाधिक है.

पढ़ें: World COPD Day: राजस्थान सीओपीडी से मौत के मामलों में देश में पहले पायदान पर...जागरूकता के अभाव में बढ़ रहा खतरा

धोखाधड़ी का शिकार होने के यह है प्रमुख कारण

जमीन के मामलों में धोखाधड़ी के प्रमुख रूप से चार कारण हैं. जिनमें जमीन खरीदने से पहले पट्टे की प्रमाणिकता की जांच किए बगैर सौदा करना. गैर रजिस्टर्ड सोसाइटी से सस्ती कीमत पर जमीन खरीदना. जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है उस व्यक्ति के नाम से वह जमीन रजिस्टर्ड है या नहीं या जमीन का कोई और भी मालिक है या नहीं, इस बात को जांचे बगैर सौदा करना. साथ ही जिस जमीन का पट्टा दिया जा रहा है क्या वास्तविकता में उस पट्टे का या स्थान का कोई अस्तित्व है या नहीं इसे जांचे परखे बिना सौदा करना.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.