जयपुर/जोधपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को हाइकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया. इस दौरान 20 साल से चल रहे एक तलाक के मामले में पति-पत्नी ने राजीनामा कर साथ रहना मंजूर किया है.
यह मामला हाइकोर्ट की लोक अदालत संख्या 2 में देखने को मिला, जहां तलाक के बीस साल बाद पक्षकार राजीनामा कर वापस एक साथ रहने की कसम खाकर खुशी-खुशी हाइकोर्ट से विदा हुए. मामले के अनुसार दंपति का वर्ष 1992 में विवाह हुआ था. वहीं दोनों के बीच छोटी-मोटी बात पर शुरू हुआ झगड़ा तलाक तक पहुंच गया. फैमिली कोर्ट ने मामले में वर्ष 2002 में दोनों का विवाह विच्छेद कर तलाक की डिक्री भी जारी कर दी. इस आदेश को पत्नी ने हाइकोर्ट में चुनौती दी. हाइकोर्ट में भी मामला 2 दशक तक चला. आखिर में लोक अदालत में दोनों पक्षकारों को बैठाकर समझाइश की गई. इसके बाद दोनों ने राजीनामा कर लिया. इसी तरह मां और बेटे के बीच तीस साल से चला आ रहा संपत्ति का मामला भी आपसी राजीनामे से निपटाया गया.
लोक अदालत में कुल 2 लाख 5 हजार 579 मुकदमों का राजीनामा के जरिए निस्तारण किया गया. वहीं 7 अरब 96 करोड़ 54 लाख 33 हजार 956 रूपए के अवार्ड भी जारी किए. निस्तारित हुए मुकदमों में 82 हजार 773 फौजदारी, 13 हजार 672 एनआई एक्ट और 5 हजार 335 पारिवारिक मामले शामिल हैं. लोक अदालत में मुकदमों का राजीनामे से निस्तारण करने के लिए 1047 बैंचों का गठन करीब 5 लाख 70 हजार मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया था. लोक अदालत में एनआइ एक्ट, धन वसूली, राजीनामे योग्य फौजदारी मामले, एमएसीटी, बिजली, पानी और बिलों के भुगतान संबंधित, वैवाहित प्रकरण, पेंशन, राजस्व मामलों सहित अन्य मामलों का निस्तारण किया गया.
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ सहित अधीनस्थ अदालत में आयोजित साल की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत में (National Lok Adalat in Jodhpur) जहा पांच बैंचों में 421 प्रकरणों का निस्तारण हुआ. वहीं जोधपुर महानगर में 13021 प्रकरणों और जोधपुर जिला न्यायक्षेत्र के समस्त न्यायालयों में लम्बित लगभग 3652 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में अध्यक्ष राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति जोधपुर एवं जस्टिस विजय विश्नोई ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया. राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए हाईकोर्ट में 5 बैंचों का गठन किया गया. इस दौरान विभिन्न प्रकृति के कुल 421 प्रकरणों का निस्तारण कर 5,99,18,005 के अवार्ड पारित किए.
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जोधपुर महानगर में 13021 प्रकरणों का निस्तारण: जोधपुर महानगर न्यायक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 36 बैंचों का गठन कर कुल 48,692 प्रकरण रखे गए. इनमें न्यायालय, मंच एवं राजस्व के लंबित 30,091 मुकदमे राजीनामा योग्य होने से रखे गए. इसके अलावा प्री-लिटिगेशन के कुल 18,601 प्रकरण रखे गए थे. जोधपुर महानगर न्यायक्षेत्र में कुल 6,726 प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण किया गया तथा 39,21,96,970 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई. प्रि-लिटिगेशन के 6295 प्रकरण निस्तारित किए गए तथा 1,13,18,038 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई.
14 साल से चल रहे प्रकरण का निस्तारण: पुष्टिकर साख सहकारी समिति व शरद चंद के बीच साल 2008 से विचाराधीन एक मामले को राजीनामे से समाप्त करवाया. शरद चंद की उम्र करीब 72 साल हो चुकी है. ऐसे में परिवादी समिति के अधिवक्ता कपिल बोहरा व अभियुक्त के अधिवक्ता मनीष कृष्ण पुरोहित ने दोनों पक्षों को आपसी राजीनामे से प्रकरण के निस्तारण के जोर दिया, तो 14 साल से चल रहा मामला निपट गया.
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मां-बेटे को मिलाया: पारिवारिक न्यायालय में कुल 1767 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 176 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए जहां पति व पत्नि को फिर से बंधन में बांधा गया, तो वहीं मां-बेटे के बीच चल रहे भरण पोषण के मामले को निस्तारित करते हुए आपसे में मिलवाया गया. जिला मुख्यालय जोधपुर पर 5 और तालुकाओं में उपखण्ड न्यायालयों सहित 18 बैंचों का गठन किया गया. जोधपुर जिला न्यायक्षेत्र के समस्त न्यायालयों में लम्बित लगभग 3652 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. 416 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में कुल 9 करोड़ 15 लाख समझौता राशि तथा 177 राजस्व प्रकरणों सहित कुल 4245 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.