जयपुर: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Row) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में कांग्रेस पार्टी (Congress) ने विरोध प्रदर्शन (Protest) शुरू कर दिए है. इसी सिलसिले में आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी 5 नेताओं संग लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं. उनका साथ देने के लिए राजस्थान के दिग्गज सचिन पायलट आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ सीतापुर रवाना हुए.
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इन पांच नेताओं में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उप मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot), छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Channi) और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) शामिल हैं.
सचिन पायलट लखीमपुर के दौरे के चलते ही अपना टोंक विधानसभा का दौरा बीच में छोड़ दिल्ली से सड़क मार्ग से राहुल गांधी के काफिले के साथ लखीमपुर पहुंचेंगे. जहां राहुल गांधी प्रियंका गांधी से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरे में शामिल होने के लिए सचिन पायलट ने अपना टोंक का दो दिवसीय दौरा एक दिवसीय दौरे में परिवर्तित कर लिया है.
क्या पायलट को मिलेगी UP चुनाव में प्रमुख भूमिका
राहुल गांधी जिन चार नेताओं को अपने साथ लेकर जा रहे हैं उनमें 2 राज्यों के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और सचिन पायलट हैं. सचिन (Sachin Pilot) के पास अभी कांग्रेस (Congress) में कोई पद नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में इतनी बड़ी राजनीतिक घटना में सचिन पायलट को राहुल गांधी का साथ लेकर जाना अपने आप में राजनीतिक संदेश दे रहा है.
बिना पद के कद पर उठे सवाल
कयासों का बाजार गर्म है. सवाल किया जा रहा है कि क्या सचिन पायलट (Sachin Pilot) को उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी किसी महत्वपूर्ण भूमिका सौंपने जा रही है? भले ही सचिन पायलट राहुल गांधी की गाड़ी में साथ न जा रहे हों लेकिन इस तरीके से पायलट को राहुल गांधी ने एक बार फिर तवज्जो देनी शुरू की है यह पायलट के कद को बिना पद के ही बढ़ाएगा.
राहुल गांधी से दो बार मुलाकात कर चुके हैं सचिन
साल 2020 में राजस्थान में जब कांग्रेस में सियासी उठापटक हुई तो सचिन पायलट (Sachin Pilot) को प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा था, उसके बाद कहां जा रहा था कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी सचिन पायलट से नाराज थे ओर सचिन पायलट भी अपने समर्थकों को कांग्रेस (Congress) में स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. लेकिन पिछले महीने जिस तरीके से राहुल गांधी से 8 दिन में सचिन पायलट से दो बार मुलाकात हुई उसके बाद ही सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी में कोई महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने के कयास लग रहे थे.
अब जब राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जा रहे हैं तो साफ है कि सचिन पायलट को उत्तर प्रदेश के चुनाव (UP Election) में पार्टी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के साथ अग्रिम भूमिका में रख सकती है .