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प्रदेश में बनेगा ‘लेबर एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज‘, राजस्थान आने वाले श्रमिकों के रोजगार के लिए सरकार चिंतित: CM गहलोत

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में ऑनलाइन ‘लेबर एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज‘ बनाया जाए. ताकि लॉकडाउन के कारण संकट का सामना कर रहे श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार मिल सके. साथ ही उद्योगों को उनकी जरूरत के मुताबिक श्रमिक उपलब्ध हो सके. प्रदेश में आने वाले एवं जाने वाले श्रमिकों और संनिर्माण श्रमिकों की ऑनलाइन मैपिंग की जाए.

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प्रदेश में बनेगा ‘लेबर एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज‘
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Published : May 16, 2020, 11:51 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रम विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि आपदा के इस दौर में श्रमिकों को संबल देना हमारा दायित्व है. इसे लेकर राज्य सरकार चिन्तित है. दूसरी तरफ उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है. श्रम विभाग इसके लिए वे सभी प्रयास करे, जिनसे पीड़ा झेल रहे इन श्रमिकों को जल्द से जल्द राहत मिल सके. स्किल डेवलपमेंट के नए प्रोजेक्ट डिजाइन किए जाएं, जिनसे वर्तमान की जरूरतों के मुताबिक श्रमिकों का कौशल विकास हो सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में राजस्थान में प्रवासी श्रमिक आए हैं. यहां से श्रमिक अन्य राज्यों में गए हैं. श्रम विभाग आने वाले श्रमिकों की योग्यता और उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें, ताकि ये श्रमिक उद्यमों में नियोजित होकर अपनी आजीविका अर्जन कर सकें. साथ ही श्रमिकों की अनुपलब्धता के कारण बंद बड़ी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो सके. बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

श्रम कानूनों में किया जाए सुधार

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्योग जगत का पूरा परिदृश्य बदल गया है. श्रमिकों के नियोजन की एक बड़ी चुनौती सामने है. ऐसे में समय की जरूरत के अनुसार श्रम कानूनों में परिवर्तन और सुधार की जरूरत है. उन्होंने श्रम विभाग की ज्यादा से ज्यादा योजनाओं एवं कार्यक्रमों को ऑनलाइन किए जाने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- गहलोत सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर बढ़ाया सरचार्ज, नई प्रॉपर्टी खरीदने सहित अन्य कामों में बढ़ेगा खर्च

श्रमिक कल्याण कोष के गठन को मंजूरी

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों के कल्याण के लिए बजट में घोषित ‘प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष‘ के गठन को भी मंजूरी प्रदान की. इस कल्याण कोष के माध्यम से प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को उनकी जरूरत के अनुरूप जरूरी मदद की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गरीब, जरूरतमंद और श्रमिकों के कल्याण के लिए जो भी योजनाएं संचालित हैं, मुसीबत के इस समय में उनके माध्यम से हरसम्भव सहायता उपलब्ध करवाई जाए. श्रम विभाग भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार यह भी सुनिश्चित करें कि कोई उद्यमी श्रमिकों को नहीं हटाए और उनका वेतन नहीं काटे.

विदेश से आने वाले हर यात्री का करवाएं पीसीआर टेस्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश से फ्लाइट के माध्यम से आने वाले हर यात्री का पीसीआर टेस्ट करवाया जाए. साथ ही विदेशों से दिल्ली आने वाले राजस्थान के यात्रियों को जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर लाकर भी उनके स्वयं के खर्चे पर क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है.

सरकार श्रमिकों के हित में कर रही बेहतर काम

श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के आवागमन और उनके हितों को लेकर बेहतर ढंग से काम कर रही है. विभाग प्रवासी श्रमिकों के कौशल के अनुरूप उनका डाटाबेस तैयार करवा रहा है, ताकि उन्हें उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप रोजगार से जोड़ा जा सके. कौशल विकास राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि प्रदेश में आए श्रमिकों का राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम से कौशल विकास करवाया जाएगा.

पढ़ें- राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं: मुख्यमंत्री

सप्लाई चैन के लिए श्रमिकों की उपलब्धता जरूरी

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि निर्माण कार्य बंद होने से बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक बेरोजगार हुए हैं. श्रम विभाग इन्हें वापस रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करे. विभिन्न उद्योगों के लिए श्रमिकों की उपलब्धता बेहद जरूरी है, ताकि सप्लाई चैन नहीं टूटे.

अब तक 6 लाख श्रमिक आ चुके हैं राजस्थान

शासन सचिव श्रम नीरज के पवन ने बताया कि अब तक करीब 6 लाख श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं और करीब एक लाख 35 हजार श्रमिक राजस्थान से जा चुके हैं. श्रम विभाग इनका डाटाबेस तैयार करवा रहा है. श्रमिकों की मैपिंग का कार्य पूरा होने के बाद राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम से इनका कौशल विकास करवाया जाएगा. पिछले सालों में श्रम विभाग की ओर से प्रशिक्षित करीब 4 लाख लोगों की सूची उद्योग एवं स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई गई है, ताकि उन्हें जरूरत के हिसाब से नियोजित किया जा सके.

जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रम विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि आपदा के इस दौर में श्रमिकों को संबल देना हमारा दायित्व है. इसे लेकर राज्य सरकार चिन्तित है. दूसरी तरफ उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है. श्रम विभाग इसके लिए वे सभी प्रयास करे, जिनसे पीड़ा झेल रहे इन श्रमिकों को जल्द से जल्द राहत मिल सके. स्किल डेवलपमेंट के नए प्रोजेक्ट डिजाइन किए जाएं, जिनसे वर्तमान की जरूरतों के मुताबिक श्रमिकों का कौशल विकास हो सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में राजस्थान में प्रवासी श्रमिक आए हैं. यहां से श्रमिक अन्य राज्यों में गए हैं. श्रम विभाग आने वाले श्रमिकों की योग्यता और उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें, ताकि ये श्रमिक उद्यमों में नियोजित होकर अपनी आजीविका अर्जन कर सकें. साथ ही श्रमिकों की अनुपलब्धता के कारण बंद बड़ी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो सके. बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

श्रम कानूनों में किया जाए सुधार

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्योग जगत का पूरा परिदृश्य बदल गया है. श्रमिकों के नियोजन की एक बड़ी चुनौती सामने है. ऐसे में समय की जरूरत के अनुसार श्रम कानूनों में परिवर्तन और सुधार की जरूरत है. उन्होंने श्रम विभाग की ज्यादा से ज्यादा योजनाओं एवं कार्यक्रमों को ऑनलाइन किए जाने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- गहलोत सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर बढ़ाया सरचार्ज, नई प्रॉपर्टी खरीदने सहित अन्य कामों में बढ़ेगा खर्च

श्रमिक कल्याण कोष के गठन को मंजूरी

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों के कल्याण के लिए बजट में घोषित ‘प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष‘ के गठन को भी मंजूरी प्रदान की. इस कल्याण कोष के माध्यम से प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को उनकी जरूरत के अनुरूप जरूरी मदद की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गरीब, जरूरतमंद और श्रमिकों के कल्याण के लिए जो भी योजनाएं संचालित हैं, मुसीबत के इस समय में उनके माध्यम से हरसम्भव सहायता उपलब्ध करवाई जाए. श्रम विभाग भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार यह भी सुनिश्चित करें कि कोई उद्यमी श्रमिकों को नहीं हटाए और उनका वेतन नहीं काटे.

विदेश से आने वाले हर यात्री का करवाएं पीसीआर टेस्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश से फ्लाइट के माध्यम से आने वाले हर यात्री का पीसीआर टेस्ट करवाया जाए. साथ ही विदेशों से दिल्ली आने वाले राजस्थान के यात्रियों को जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर लाकर भी उनके स्वयं के खर्चे पर क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है.

सरकार श्रमिकों के हित में कर रही बेहतर काम

श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के आवागमन और उनके हितों को लेकर बेहतर ढंग से काम कर रही है. विभाग प्रवासी श्रमिकों के कौशल के अनुरूप उनका डाटाबेस तैयार करवा रहा है, ताकि उन्हें उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप रोजगार से जोड़ा जा सके. कौशल विकास राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि प्रदेश में आए श्रमिकों का राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम से कौशल विकास करवाया जाएगा.

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सप्लाई चैन के लिए श्रमिकों की उपलब्धता जरूरी

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि निर्माण कार्य बंद होने से बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक बेरोजगार हुए हैं. श्रम विभाग इन्हें वापस रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करे. विभिन्न उद्योगों के लिए श्रमिकों की उपलब्धता बेहद जरूरी है, ताकि सप्लाई चैन नहीं टूटे.

अब तक 6 लाख श्रमिक आ चुके हैं राजस्थान

शासन सचिव श्रम नीरज के पवन ने बताया कि अब तक करीब 6 लाख श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं और करीब एक लाख 35 हजार श्रमिक राजस्थान से जा चुके हैं. श्रम विभाग इनका डाटाबेस तैयार करवा रहा है. श्रमिकों की मैपिंग का कार्य पूरा होने के बाद राज्य आजीविका विकास निगम के माध्यम से इनका कौशल विकास करवाया जाएगा. पिछले सालों में श्रम विभाग की ओर से प्रशिक्षित करीब 4 लाख लोगों की सूची उद्योग एवं स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई गई है, ताकि उन्हें जरूरत के हिसाब से नियोजित किया जा सके.

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