जयपुर. किसानों को फायदा दिलाने के लिए उनके हित में सरल योजनाएं बनाएं, ताकि ग्रास रूट लेवल के किसान को भी सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल सकें'. यह कहना है कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा का. मीणा के अनुसार किसान जीवटता के साथ कठिन परिस्थतियों में अन्न उपजाता है और उसकी चिंता करना हम सबका दायित्व है. उन्होंने अधिकारियों को संभागवार 15 एवं जिलावार 10 कृषि प्रोसेसिंग यूनिट एवं गोदाम निर्माण के लिए प्रस्ताव भिजवानें के लक्ष्य दिए.
मीणा मंगलवार को पंत कृषि भवन में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के अधिकारियों से रूबरू हो रहे थे. उन्होंने कहा कि फसली ऋण वितरण से अधिक से अधिक नए किसानों को जोड़ा जाए. साथ ही पंजीयन करा चुके नए किसानों को भी तीव्र गति से फसली ऋण का वितरण करें. राज्य सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले.
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उन्होंने ऋण वितरण में कम प्रदर्शन करने वाले जिलों की समीक्षा की और समय पर फसली ऋण वितरण के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 22 लाख से अधिक किसानों को 7 हजार करोड़ से अधिक का ऋण वितरण हुआ है. उन्होंने उपज रहन ऋण योजना में 3 प्रतिशत ब्याज दर पर रहन ऋण के लिए अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों के आर्गेनिक उत्पादों की पहचान करें.
इस दौरान सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल ने निर्देश दिए कि अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों में भर्ती की सूचना शीघ्र भिजवाए. साथ ही स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रकरणों में 15 से 30 दिनो में इस्तगासा दर्ज कर सूचित करें. वहीं, संस्थाओं की शत-प्रतिशत ऑडिट की जाए. उन्होंने इसके लिए समय सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए.
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अग्रवाल ने संभागवार धारा-55 के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन जांचों को समय पर पूरा करें. उन्होंने सख्त लहजे में निर्देश दिए कि ढिलाई किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने सभी खण्डीय रजिस्ट्रारों को निर्देश दिए कि कलेंडर वार जांच की सूचना विभाग को भिजवाएं.
राजफैड प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने कहा कि सरसों के बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण सरसों की आवक कम हो रही है. लेकिन जो भी पंजीकृत किसान यदि खरीद केंद्र पर सरसों तुलाई के लिए आता है तो उसे सुविधा प्रदान करें. उन्होंने निर्देश दिए कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए तत्काल उपज को गोदाम में जमा कराएं और ईडब्लूआर जारी करें, जिससे किसानों को भुगतान हो सकें.