जयुपर. राजस्थान के इतिहास में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहला कृषि बजट (First Time Krishi Budget in Rajasthan) पेश करते हुए 85 लाख किसानों को साधने का प्रयास किया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कृषि बजट को 11 मिशन में डिवाइड करते हुए विभिन्न योजनाओं की सौगात किसानों को दी है, तो वहीं ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के अंतर्गत अब 5 लाख नए किसानों को भी सम्मिलित करने के साथ ही अकृषि क्षेत्र के भी एक लाख परिवारों को दो हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण की घोषणा की है.
इसके साथ ही सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत (Gehlot Government Big Announcement for Farmers) अब किसानों को प्रति लीटर दूध पर मिलने वाले अनुदान को 2 रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये कर दिया है. राजस्थान में अशोक गहलोत की ओर से पहली बार कृषि बजट घोषित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर भी कृषि बजट को अच्छा खासा रिस्पांस मिला. यही कारण है कि सोशल मीडिया साइट Twitter पर काफी देर तक #KrishiBudgetRajasthan टॉप ट्रेंड में रहा.
कृषि बजट की प्रमुख बातें...
1. मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि 2000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5000 करोड़ रुपए यानी कृषि बजट 5000 करोड़ रुपए का किया गया. इस कृषक साथी योजना को 11 मिशन में डिवाइड किया गया है.
ये हैं 11 मिशन :
- राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन- इस मिशन के अंतर्गत 5 लाख से अधिक किसानों को 2700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया.
- राजस्थान जैविक खेती मिशन- इसके जरिए आगामी 3 सालों में 4 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. इस मिशन में 600 करोड़ रुपए का प्रावधान करने के साथ ही ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड का गठन किया गया.
- राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन- इस मिशन के तहत भी स्वावलंबन योजना के आकार को दोगुना करते हुए 12 लाख लघु सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों के बीज के नि:शुल्क मिनिकेत दिए जाएंगे.
- राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन- इस मिशन के तहत 100 करोड़ रुपए का व्यय कर 15 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. इसमे 10 लाख किसानों को 25 करोड़ के नि:शुल्क बीज एवं 2 लाख किसानों को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और बायोपेस्टिसाइड के मिलेट्स की प्रथम 100 प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए 40 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा. इसके तहत जोधपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मिलेट्स बनाया जाएगा.
- राजस्थान संरक्षित खेती मिशन- इस मिशन के तहत 25000 किसानों को ग्रीन हाउस शेडनेट हाउस लो टनल की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा.
- राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन- इस मिशन के तहत 15000 किसानों को 100 करोड़ रुपए के खर्च से लाभान्वित किया जाएगा.
- राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन- 1 करोड़ 25 लाख मीटर तारबंदी पर 100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा. इससे 35 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे.
- राजस्थान भूमि उर्वरता मिशन- इस मिशन के तहत 2 लाख 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे.
- राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन- 2 लाख श्रमिकों को यह हंसता चालित कृषि यंत्र खरीदने के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार अनुदान दिया जाएगा.
- राजस्थान कृषि तकनीक मिशन- इस मिशन के तहत कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देकर कृषक उत्पादन संगठन तथा कस्टम हायरिंग केंद्रों को 1000 ड्रोन, आईटी मोबाइल ऐप आधारित इंटीग्रेटेड फार्मर सपोर्ट सिस्टम तैयार किया जाएगा.
राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन- इस मिशन के तहत प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अनुदान और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एपीकल्चर की स्थापना की जाएगी.
2. एक लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. जिसमें सरकार के 500 करोड़ रुपए व्यय होंगे. इसके साथ ही एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 45 हजार का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा. इसके साथ ही 2 वर्षों में बकाया 3 लाख 38 हजार विद्युत कनेक्शन जारी किए जाएंगे, जिसमें 6700 करोड़ रुपए सरकार के खर्च होंगे.
3. कृषि ऋण :
- ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रुपए की राशि के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 5 लाख नए किसानों को शामिल किया गया है, जिसमें सरकार के 650 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान के तौर पर खर्च होंगे.
- अकृषि क्षेत्र में भी एक लाख परिवारों को 2000 करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त ऋण दिए जाएंगे.
4. सिचाई विकास :
- राजस्थान इरिगेशन रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम शुरू किया गया है, जिससे 3 सालों में करीब 14860 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य किए जाएंगे.
- 550 करोड रुपए की सौर ऊर्जा आधारित 37 माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ होगा.
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अंतर्गत 9600 करोड़ रुपए की विभिन्न कार्य करने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम का गठन किया गया.
- राजस्थान जल क्षेत्र उन्हें पुनर्संरचना में लगभग 600 करोड़ रुपए की लागत से वितरिकाओं/माइनरों के जीर्णोद्धार के कार्य किए जाएंगे.
- राजीव गांधी जल संचय योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत 2 सालों में 2600 करोड़ रुपए की लागत से जल संग्रहण व संरक्षण संबंधी कार्य पूरे किए जाएंगे.
5. कृषि भंडारण विपणन :
- 220 करोड़ रुपए की लागत से 11 मिनी फूड पार्क, चैनपुरा निवाई टोंक में मिनी एग्रो पार्क बनाया जाएगा.
- कोटा में जोधपुर में फाइटोसैनिटरी लैब्स की स्थापना.
6. संस्थागत विकास एवं सुदृढ़ीकरण :
- 2 सालों में 4171 गांव पंचायत मुख्यालयों पर जीएसएस स्थापित किए जाएंगे.
- 18 नए कृषि महाविद्यालय खोले जाएंगे.
7. डेयरी एवं पशुपालन :
- 2500 नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीकरण किया जाएगा.
- 51 नए मिल्क रूट्स बनाए जाएंगे.
- 5000 नई डेयरी बूथ बनाए जाएंगे.
- ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति बनाई जाएगी.
- 12 पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया जाएगा.
- पंचायत समिति स्तर पर संचालित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में ब्लॉक वेटरनरी हेल्थ ऑफिसर एवं प्राथमिक रोग निदान प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी.
- 6 लाख पशुपालकों को पशु बीमा का लाभ दिया जाएगा, जिसमें 150 करोड़ रुपए का खर्च होगा.
- पशु आहार की गुणवत्ता के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाएगा.
- मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना में 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान दिया जाएगा.