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हवाई यात्रा करने से पहले जान लें Flight की स्थिति...नहीं तो भुगतना पड़ेगा खामियाजा

कोरोना के चलते लागू किग गए लॉकडाउन का खामियाजा सभी क्षेत्रों के लोगों को उठाना पड़ रहा है. लोगों की नौकरी तो गई ही गई, ऊपर से व्यापारिक गतिविधियां भी ठप रहीं. ऐसे में अब जो परेशानी सामने आई है, वह है हवाई यात्रा करने वालों के लिए.

हवाई यात्रा करने से पहले जान लें स्थिति
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Published : Oct 16, 2020, 4:32 PM IST

जयपुर. कोरोना के चलते लागू हुआ लॉकडाउन हवाई यात्रा करने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. क्योंकि एयरलाइंस कंपनियां लोगों का रिफंड वापस नहीं कर रही हैं. ऐसे में लोगों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते फ्लाइट्स रद्द होने से प्रदेश के करीब 1 लाख हवाई यात्री, अपनी यात्रा नहीं कर सके. ऐसे में अब इन लोगों द्वारा कराए गए एयर टिकट का पैसा भी अटका हुआ है. यह राशि करीब 100 करोड़ से अधिक की है. हालांकि Emirates और Luftansa एयरलाइंस ने 80 फीसदी से भी अधिक रिफंड कर दिया है. जबकि सबसे ज्यादा परेशानी एयर एशिया, एयर इंडिया, ओमान एयर, स्पाइस जेट और गोएयर एयरलाइंस कंपनियों की टिकट रिफंड में आ रही है. वहीं, एयरलाइंस दलील देती है कि फ्लाइट उनकी वजह से नहीं कोरोना के चलते रद्द हुई है.

यह भी पढ़ें: जयपुर: एयरपोर्ट पर अब यात्री विमानों के साथ उड़ान भरेंगे 'कार्गो विमान', बनाया जा रहा नया टर्मिनल

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी बेअसर...

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एयरलाइंस कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान बुक हुए टिकटों का रिफंड, यात्रियों को वापस करने के निर्देश दिए थे. टूरिज्म एक्सपर्ट और तार के अध्यक्ष धीरज मित्तल ने बताया कि कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश भी एयरलाइंस ने हवा में उड़ा दिए. क्योंकि कोर्ट ने भी एयरलाइंस को निश्चित समय अवधि के भीतर टिकट रिफंड देने जैसे कई निर्देश दिए थे. ऐसे में एयरलाइंस इस अधूरे और कमजोर निर्देश का पूरा फायदा ले रही है.

यह भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट पर 31 अक्टूबर तक रोक के बाद भी Special Flight का रोजाना हो रहा संचालन

वहीं मित्तल ने बताया कि थाई एयरलाइंस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि रिफंड के लिए संबंधित यात्री एजेंट या एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 180 दिन का समय लगेगा, जिसके बाद कंपनी द्वारा निर्णय लिया जाएगा की रिपोर्ट देना है की नहीं.

जयपुर. कोरोना के चलते लागू हुआ लॉकडाउन हवाई यात्रा करने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. क्योंकि एयरलाइंस कंपनियां लोगों का रिफंड वापस नहीं कर रही हैं. ऐसे में लोगों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते फ्लाइट्स रद्द होने से प्रदेश के करीब 1 लाख हवाई यात्री, अपनी यात्रा नहीं कर सके. ऐसे में अब इन लोगों द्वारा कराए गए एयर टिकट का पैसा भी अटका हुआ है. यह राशि करीब 100 करोड़ से अधिक की है. हालांकि Emirates और Luftansa एयरलाइंस ने 80 फीसदी से भी अधिक रिफंड कर दिया है. जबकि सबसे ज्यादा परेशानी एयर एशिया, एयर इंडिया, ओमान एयर, स्पाइस जेट और गोएयर एयरलाइंस कंपनियों की टिकट रिफंड में आ रही है. वहीं, एयरलाइंस दलील देती है कि फ्लाइट उनकी वजह से नहीं कोरोना के चलते रद्द हुई है.

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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी बेअसर...

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एयरलाइंस कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान बुक हुए टिकटों का रिफंड, यात्रियों को वापस करने के निर्देश दिए थे. टूरिज्म एक्सपर्ट और तार के अध्यक्ष धीरज मित्तल ने बताया कि कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश भी एयरलाइंस ने हवा में उड़ा दिए. क्योंकि कोर्ट ने भी एयरलाइंस को निश्चित समय अवधि के भीतर टिकट रिफंड देने जैसे कई निर्देश दिए थे. ऐसे में एयरलाइंस इस अधूरे और कमजोर निर्देश का पूरा फायदा ले रही है.

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वहीं मित्तल ने बताया कि थाई एयरलाइंस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि रिफंड के लिए संबंधित यात्री एजेंट या एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 180 दिन का समय लगेगा, जिसके बाद कंपनी द्वारा निर्णय लिया जाएगा की रिपोर्ट देना है की नहीं.

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