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जयपुर: गुरु गोविंद सिंह जयंती कल, गुरुद्वारों में सजेंगे कीर्तन दरबार

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Published : Jan 19, 2021, 9:42 PM IST

जयपुर में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती बुधवार को मनाई जाएगी. इस प्रकाश पर्व को लेकर गुरुद्वारों को भी रोशनी से सजाया गया है. वहीं कल अरदास भजन कीर्तन के साथ लोग माथा टेकने गुरुद्वारे पहुंचेंगे. इसके साथ ही सिख समुदाय इस पर्व को श्रद्धा, उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं.

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गुरु गोविंद सिंह जयंती कल

जयपुर. प्रदेश में गुरु गोविंद सिंह की जयंती बुधवार को मनाई जाएगी. इस प् अवसर पर गुरुद्वारों को भी रोशनी से सजाया गया है. वहीं, कल अरदास भजन कीर्तन के साथ लोग माथा टेकने गुरुद्वारे पहुंचेंगे. इसके साथ ही सिख समुदाय इस पर्व को श्रद्धा, उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं.

जयपुर के राजापार्क गुरुद्वारा, वैशालीनगर गुरुद्वारा सहित अन्य गुरुद्वारों में अलसुबह 4 बजे से दोपहर 2 बजे तक कीर्तन दरबार लगेगा. साथ ही इस दिन खासतौर पर लंगर का भी आयोजन किया जाता है.

वहीं, घरों में भी कीर्तन होंगे और खालसा पंत की झांकियां सजाई जाएगी. हालांकि कोरोना गाइडलाइंस की पालना के तहत गुरुद्वारों में सीमित आयोजन होंगे. बता दें कि गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1966 में पटना साहिब हुआ था और उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था. उनके पिता सिखों के 9 गुरु थे.

पढ़ें: कोटा यूनिवर्सिटी की अहम बैठक का आयोजन...गोपाल शर्मा को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव लिया गया वापस

गुरु गोविंद सिंह जी को बचपन में गोविंद राय के नाम से बुलाया जाता था. गुरु गोविंद सिंह ने जीवन जीने के 5 सिद्धांत दिए. जिन्हें पांच ककार कहा जाता है. साथ ही उन्होंने ही 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह' खालसा वाणी दी थी.

जयपुर. प्रदेश में गुरु गोविंद सिंह की जयंती बुधवार को मनाई जाएगी. इस प् अवसर पर गुरुद्वारों को भी रोशनी से सजाया गया है. वहीं, कल अरदास भजन कीर्तन के साथ लोग माथा टेकने गुरुद्वारे पहुंचेंगे. इसके साथ ही सिख समुदाय इस पर्व को श्रद्धा, उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं.

जयपुर के राजापार्क गुरुद्वारा, वैशालीनगर गुरुद्वारा सहित अन्य गुरुद्वारों में अलसुबह 4 बजे से दोपहर 2 बजे तक कीर्तन दरबार लगेगा. साथ ही इस दिन खासतौर पर लंगर का भी आयोजन किया जाता है.

वहीं, घरों में भी कीर्तन होंगे और खालसा पंत की झांकियां सजाई जाएगी. हालांकि कोरोना गाइडलाइंस की पालना के तहत गुरुद्वारों में सीमित आयोजन होंगे. बता दें कि गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1966 में पटना साहिब हुआ था और उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था. उनके पिता सिखों के 9 गुरु थे.

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गुरु गोविंद सिंह जी को बचपन में गोविंद राय के नाम से बुलाया जाता था. गुरु गोविंद सिंह ने जीवन जीने के 5 सिद्धांत दिए. जिन्हें पांच ककार कहा जाता है. साथ ही उन्होंने ही 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह' खालसा वाणी दी थी.

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