जयपुर. बीजेपी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर विभिन्न वर्गों की मांगों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है. किरोड़ी लाल मीणा ने जहां टीएसपी क्षेत्र में शिक्षकों के खाली पदों पर एसटी के अभ्यर्थियों को नियुक्ति की मांग पर डूंगरपुर में धरना दे रहे अभ्यर्थियों की मांग की तरफ ध्यान आकर्षित किया तो रामलाल शर्मा ने पत्र के जरिए विद्युत विभाग में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों की समस्याओं और कृषि व्याख्याता भर्ती 2018 में अनिवार्य योग्यता में संशोधन कर B.Ed हटाने की मांग की है.
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किरोड़ी लाल मीणा ने सड़क पर उतरने की धमकी क्यों दी?
किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि टीएसपी क्षेत्र के बेरोजगार आदिवासी युवक पिछले कई दिनों से शिक्षकों के 1167 पदों को भरने की मांग को लेकर डूंगरपुर कांकर-डूंगरी पर धरना देकर बैठे हुए हैं. लेकिन अब तक प्रदेश सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी. मीणा ने लिखा कि मेरा निवेदन है कि टीएसपी क्षेत्र के बेरोजगार युवकों की मांग को पूरा किया जाए किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार अभ्यर्थियों की मांग पूरी करने के बजाय दमन करने पर उतर आई है और बेरोजगार युवकों पर पुलिस का बल प्रयोग किया जा रहा है. मीणा ने चेतावनी दी कि सरकार अगर बलपूर्वक आंदोलन को कुचलेगी और मांग नहीं मानेगी तो मुझे मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा. ऐसे में आपसे आग्रह है कि कृपा कर माननीय उच्च न्यायालय की अड़चन को दूर करते हुए 1167 पद एसटी के युवाओं से भरे जाएं.
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने भी लिखा पत्र
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने भी पत्र के जरिए प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनियों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों की मांगों का उल्लेख किया है. जिसको लेकर कर्मचारी पिछले कई दिनों से सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक उसकी सुनवाई नहीं की. इसमें विद्युत निगम में कार्यरत कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए इंटर डिस्कॉम स्थानांतरण नीति बनाए जाने, तकनीकी कर्मचारियों के साइकिल और विद्युत भत्ते में बढ़ोतरी की जाने के साथ ही तकनीकी कर्मचारियों की ग्रेड पे 3600 और पदनाम में परिवर्तन करने की मांग शामिल है.
रामलाल शर्मा ने दूसरे पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कृषि व्याख्याता भर्ती 2018 में अनिवार्य योग्यता में संशोधन का B.Ed हटाया जाए. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर द्वारा स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में कृषि विषय में भी 370 पदों पर भर्ती निकाली थी. उसी में व्याख्याता के पद पिछली बार 1991 में आए थे, यानी करीब 27 साल 2018 में कृषि व्याख्याता के पद पर भर्ती निकली. जिसमें आरपीएससी ने एमएससी (एग्रीकल्चर) के साथ B.Ed की योग्यता रखी है. प्रोविजनल रिजल्ट में अधिकतर छात्रों के पास भी बीएड की अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता नहीं है. क्योंकि व्याख्याता स्नातक और तकनीकी शिक्षा डिग्री है. प्रोफेशनल कोर्स होने के कारण B.Ed करने की जरूरत नहीं है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में भी व्याख्याता भर्ती में B.Ed की अनिवार्यता नहीं है. प्रदेश सरकार भी इस अनिवार्यता को हटाए ताकी प्रोविजनल रिजल्ट में पास हुए सैकड़ों छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके.