अनूपगढ़: राजस्थान सरकार की तरफ से अनूपगढ़ जिले को रद्द करने के बाद विरोध शुरू हो गया है. इस मामले में भाजपा के कार्यकर्ता अपनी ही सरकार का विरोध जता रहे हैं. अनूपगढ़ भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा और महामंत्री विनय चराया ने विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने अनूपगढ़ जिले के प्रति गलत निर्णय लिया है. स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार अनूपगढ़ नगर परिषद के पार्षद भी इस्तीफा दे सकते हैं. फिलहाल स्थानीय स्तर पर सरकार के फैसले का भारी विरोध देखने को मिल रहा है.
विधायक कुन्नर का आया बयान: जिलों को निरस्त करने को लेकर श्रीकरणपुर एमएलए रूपेंद्र सिंह कुन्नर का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ के लोगों के साथ कुठारघात किया गया है. विधायक कुन्नर बोले कि अनूपगढ़ में विधानसभा और श्रीगंगानगर में लोकसभा चुनाव की हार से भाजपा में बौखलाहट है. एक जनवरी के बाद कांग्रेस जन आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ क्षेत्र के लोगों को अधिक दूरी की वजह से परेशानी होती थी. इस कारण कांग्रेस सरकार ने अनूपगढ़ क्षेत्र के लोगों को जिले की सौगात दी थी.
मंत्री ने दी सफाई: कैबिनेट की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि नए जिलों का गठन जनहित के दृष्टिकोण से होता है. प्रशासनिक लवाजमा की उपलब्धता भी इसके पीछे एक बड़ा कारण होती है. इसके अलावा जनसंख्या और तहसीलों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बनाई गई नीति भी इसके पीछे कार्य करती है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने आचार संहिता लगने के ठीक पहले इन जिलों को गठित किया था. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इन जिलों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं करवाया था और ना ही पद सृजित किए गए थे, लिहाजा मंत्रिमंडलीय उप समिति ने नए जिलों को उचित नहीं माना. यही कारण रहा कि 8 जिलों को उचित माना गया और 9 जिलों के गठन को गलत माना गया.