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किरोड़ी लाल मीणा ने SOG के अतिरिक्त महानिदेशक को लिखा पत्र, रीट पेपर लीक प्रकरण में दी महत्वपूर्ण जानकारियां

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने रीट पेपर लीक (REET paper leak case) को लेकर SOG को पत्र लिखा है. उन्होंने इस पत्र के जरिए पेपर लीक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां देकर कार्रवाई की मांग की है.

REET paper leak case, Kirodi Lal Meena
किरोड़ी लाल मीणा
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Published : Oct 17, 2021, 8:40 PM IST

जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने रविवार को SOG के अतिरिक्त महानिदेशक को रीट परीक्षा पेपर लीक के संबंध में पत्र लिखा है. पत्र के जरिए किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक प्रकरण के मामले में कुछ महत्वपूर्ण सूचना भी अतिरिक्त महानिदेशक एसओजी को दी है.

किरोड़ीलाल मीणा ने लिखा है कि मैंने पत्रकारवार्ता कर मीडिया के सामने पेपर लीक के सम्बन्ध में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए थे. उसके बाद छह अक्टूबर को मुझे आपका पत्र प्राप्त हुआ. एसओजी एक स्टेज पर तो पहुंच गई पर ऐसा लग रहा है कि वह जांच से भटक रही है. एक महत्वपूर्ण सूचना इस पत्र के जरिए दे रहा हूं कि इस मामले में एसओजी आगे बढ़ेगी तो कई बड़े मामले खुलेंगे. मैंने पत्रकारवार्ता में चार प्राइवेट लोगों को रीट परीक्षा में गोपनीय शाखा की जिम्मेदारी देने की बात कही थी.

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उसमें से एक जयपुर के गोपालपुरा के त्रिवेणी नगर स्थित एस.एस. कॉलेज नाम की एक निजी संस्था जो ब्लैक लिस्टेड है, उसको रीट परीक्षा का सेंटर बनाया गया था. इसके मालिक रामकृपाल मीना को डॉ. प्रदीप पाराशर ने मौखिक रूप से पेपर वितरण की व्यवस्था दी थी, जो पूर्णतया निजी (गैर सरकारी) संस्था का मालिक है. इसके हाथ में बोर्ड के पेपर थमा दिए गए. इस व्यक्ति ने पेपरों के वितरण की व्यवस्था अपने (गैर सरकारी) लोगों को दे दी. यहां से पेपर भजनलाल विश्नोई और अन्य लोगों के पास पहुंचा. रामकृपाल मीना की धर्मपत्नी ने भी रीट की परीक्षा दी है. ऐसे में रामकृपाल को गोपनीय शाखा की जिम्मेदारी दिया जाना पूर्णतया नियम विरूद्ध है.

यह भी पढ़ें. अनशन पर बैठे उपेन यादव की तबीयत बिगड़ी, SMS अस्पताल में भर्ती...उपचार लेना किया बंद

सांसद ने पत्र में लिखा कि रामकृपाल मीना ने जिन पांच प्राइवेट लड़कों को पेपर वितरण के लिए लगाया, उनमें से कुछ रीट की परीक्षा भी दे रहे थे. ये शिक्षा संकुल से पेपरों के बंडल लेकर आए थे. जिसमें बड़े बण्डलों के साथ-साथ 10-12 पेपरों के छोटे बंडल भी इन्हें उपलब्ध कराए गए. इन्हें पेपर लीक में काम लिया गया. आपकी जांच में बीकानेर के तुलसाराम कालेर को ब्लूटूथ गैंग का सरगना बताया गया है. उस पर सरकार ने पांच हजार रुपए की ईनाम घोषित कर रखा है. बत्तीलाल नाम की एक मछली तो पकड ली गई लेकिन ब्लूटूथ के सरगना तुलसाराम कालेर को अभी तक नहीं पकड़ा गया. उसे भी पकड़ोगे तो कई राज खुलेंगे.

किरोड़ीलाल मीणा ने लिखा कि प्रदीप पाराशर से प्राथमिकता से पूछताछ की जानी चाहिए. पाराशर और रामकृपाल मीणा मिलकर पेपर लीक के प्रमाण मिटाने में लगे हुए है. इस पत्र के कुछ दिन बाद में नये प्रमाण आपके पास और भिजवाऊंगा. जिससे आपको पेपर लीक प्रकरण की जांच में काफी सहायता मिलेगी. मुझे विश्वास है कि आप मेरी सूचना पर गौर कर विशेष कार्यवाही करवायेंगे.

जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने रविवार को SOG के अतिरिक्त महानिदेशक को रीट परीक्षा पेपर लीक के संबंध में पत्र लिखा है. पत्र के जरिए किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक प्रकरण के मामले में कुछ महत्वपूर्ण सूचना भी अतिरिक्त महानिदेशक एसओजी को दी है.

किरोड़ीलाल मीणा ने लिखा है कि मैंने पत्रकारवार्ता कर मीडिया के सामने पेपर लीक के सम्बन्ध में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए थे. उसके बाद छह अक्टूबर को मुझे आपका पत्र प्राप्त हुआ. एसओजी एक स्टेज पर तो पहुंच गई पर ऐसा लग रहा है कि वह जांच से भटक रही है. एक महत्वपूर्ण सूचना इस पत्र के जरिए दे रहा हूं कि इस मामले में एसओजी आगे बढ़ेगी तो कई बड़े मामले खुलेंगे. मैंने पत्रकारवार्ता में चार प्राइवेट लोगों को रीट परीक्षा में गोपनीय शाखा की जिम्मेदारी देने की बात कही थी.

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उसमें से एक जयपुर के गोपालपुरा के त्रिवेणी नगर स्थित एस.एस. कॉलेज नाम की एक निजी संस्था जो ब्लैक लिस्टेड है, उसको रीट परीक्षा का सेंटर बनाया गया था. इसके मालिक रामकृपाल मीना को डॉ. प्रदीप पाराशर ने मौखिक रूप से पेपर वितरण की व्यवस्था दी थी, जो पूर्णतया निजी (गैर सरकारी) संस्था का मालिक है. इसके हाथ में बोर्ड के पेपर थमा दिए गए. इस व्यक्ति ने पेपरों के वितरण की व्यवस्था अपने (गैर सरकारी) लोगों को दे दी. यहां से पेपर भजनलाल विश्नोई और अन्य लोगों के पास पहुंचा. रामकृपाल मीना की धर्मपत्नी ने भी रीट की परीक्षा दी है. ऐसे में रामकृपाल को गोपनीय शाखा की जिम्मेदारी दिया जाना पूर्णतया नियम विरूद्ध है.

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सांसद ने पत्र में लिखा कि रामकृपाल मीना ने जिन पांच प्राइवेट लड़कों को पेपर वितरण के लिए लगाया, उनमें से कुछ रीट की परीक्षा भी दे रहे थे. ये शिक्षा संकुल से पेपरों के बंडल लेकर आए थे. जिसमें बड़े बण्डलों के साथ-साथ 10-12 पेपरों के छोटे बंडल भी इन्हें उपलब्ध कराए गए. इन्हें पेपर लीक में काम लिया गया. आपकी जांच में बीकानेर के तुलसाराम कालेर को ब्लूटूथ गैंग का सरगना बताया गया है. उस पर सरकार ने पांच हजार रुपए की ईनाम घोषित कर रखा है. बत्तीलाल नाम की एक मछली तो पकड ली गई लेकिन ब्लूटूथ के सरगना तुलसाराम कालेर को अभी तक नहीं पकड़ा गया. उसे भी पकड़ोगे तो कई राज खुलेंगे.

किरोड़ीलाल मीणा ने लिखा कि प्रदीप पाराशर से प्राथमिकता से पूछताछ की जानी चाहिए. पाराशर और रामकृपाल मीणा मिलकर पेपर लीक के प्रमाण मिटाने में लगे हुए है. इस पत्र के कुछ दिन बाद में नये प्रमाण आपके पास और भिजवाऊंगा. जिससे आपको पेपर लीक प्रकरण की जांच में काफी सहायता मिलेगी. मुझे विश्वास है कि आप मेरी सूचना पर गौर कर विशेष कार्यवाही करवायेंगे.

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