जयपुर. किसानों के कर्ज नहीं चुकाने पर भूमि नीलामी के मामले में चल रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही (Politics on Farmer Loan Waiver in Rajasthan) है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही किसानों की भूमि नीलामी पर रोक लगा दी हो लेकिन विपक्ष में बैठे नेता इस फैसले से खुश नहीं हैं. इस मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि भूमि नीलामी स्थगित करने से काम नहीं चलेगा. राज्य सरकार को नीलामी निरस्त करनी पड़ेगी (demand to cancel land Auction Rajasthan)
किसानों की कर्ज माफी और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की मौत पर मुआवजा देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री कार्यालय लेकर पहुंचा. यहां पर किरोड़ी लाल मीणा की मुलाकात मुख्यमंत्री की सचिव आरती डोगरा से हुई. मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही किसानों की भूमि नीलामी पर रोक लगा दी हो लेकिन नीलामी स्थगित करने से काम नहीं चलेगा. सरकार को नीलामी निरस्त करनी होगी. जिन किसानों पर कर्ज है उसे माफ किया जाए (Meena on Farmer land Auction).
मीणा ने कहा कि दौसा के जिला कलेक्टर से अधिकारियों की बात कराई गई है. अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक पैकेज दिया जाएगा. मीणा ने कहा कि हमने अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी मांग की है.
अटके बिल को निकलवाना सरकार का काम
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि किसानों की जमीन नीलामी रोक का जो बिल राज्यपाल के पास अटका हुआ है, उसे निकलवाने की जिम्मेदारी भी सरकार की थी. सरकार आखिर राज्यपाल से क्यों अपनी बात नहीं मनवा पाई कि जो बिल विधानसभा में पास हो चुका है उसे राज्यपाल निकालें.
भूमि नीलाम नहीं होनी चाहिए-पूनिया
माकपा विधायक बलवान पूनिया ने कहा कि किसी भी सूरत में किसानों की भूमि नीलामी नहीं होनी चाहिए थी. सरकार ने नीलामी पर रोक लगाई. सरकार का यह फैसला देर आए दुरुस्त आए. प्रशासन को इस संबंध में पहले ही ताकीद कर देना चाहिए था. 2019 में ही 5 एकड़ तक की भूमि नीलामी होने का बिल पारित हो गया था, जब विधायकों ने कह दिया कि किसी भी किसान की जमीन नीलाम नहीं हो तो इसका प्रशासन के पास स्पष्ट मैसेज आना चाहिए था. जिस किसान की जमीन नीलाम हुई है, उसे तुरंत निरस्त करवा कर वापस सेटलमेंट को भेजना चाहिए और सरकार को चाहिए कि सभी जिले के अधिकारियों को इस बात के स्पष्ट मैसेज दे. जिससे किसी भी किसान की भविष्य में नीलामी नहीं हो.