जयपुर. निकाय चुनाव को लेकर को लेकर हो रहे बार-बार बदलाव और इससे कांग्रेस को सरकार के भीतर ही चल रहे गतिरोध पर भाजपा ने चुटकुले शुरू कर दिए है. खींवसर, मंडावा, उपचुनाव से ठीक पहले सरकार द्वारा गरीब सवर्ण आरक्षण में लगी बाध्यता, हटाकर राहत देने के फैसले को भी भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सियासी फैसला करार दिया है.
साथ ही यह भी कहा है कि इसका कांग्रेस को कोई खास फायदा आगामी चुनाव में मिलने वाला नहीं है. किरोड़ी लाल मीणा कांग्रेस में चल रहे इस घमासान के बावजूद प्रदेश सरकार को इस कार्यकाल में किसी भी प्रकार के खतरे की बात से इनकार करते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान निकाय चुनाव और आगामी दो उपचुनाव को लेकर कई सवालों का मीणा ने बेबाक जवाब दिया.
प्रदेश में लोकतंत्र बचा ही नहीं, क्योंकि कांग्रेस में बंटवारे की लड़ाई शुरू हो चुकी है : मीणा
ईटीवी भारत से खास बातचीत में किरोड़ी लाल मीणा ने निकाय चुनाव में लेकर गए फॉर्मूले को लेकर कांग्रेस के भीतर ही चल रही खींचतान पर भी चुटकी ली और कहा- इस प्रकार के बड़े निर्णय कैबिनेट में ही लाए जाने चाहिए लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल इसे कैबिनेट का मामला मानते ही नहीं. ऐसे में प्रदेश सरकार में लोकतंत्र आखिर कहां बचा है. किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार अब कांग्रेस में बंटवारे की शुरुआत हो चुकी है और संभवत जहां दो महापौर किया जाना प्रस्तावित किया है, वहां एक महापौर गहलोत गुट का दूसरा पायलट गुट का बंटवारे के तहत दिया जाएगा.
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खींवसर और मंडावा उपचुनाव से ठीक पहले सरकार द्वारा गरीब आर्थिक सवर्ण आरक्षण में शिथिलता देने का नहीं मिलेगा फायदा-
सरकार द्वारा गरीब सवर्ण आरक्षण में जमीन संबंधी बाध्यता हटाए जाने को भाजपा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने सियासी कदम बताया है. सरकार ने चुनाव से ठीक पहले यह कदम उठाया है ताकि इसका सियासी फायदा कांग्रेस को मिल सके. लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को मिलने वाला नहीं है.
मीणा के अनुसार आज का युवा समझदार है और वह यह भी जानता है की यह मांग प्रदेश में पिछले कई महीनों से लगातार उठ रही थी और अन्य प्रदेशों की सरकार ने आम गरीब सवर्ण को इसका लाभ देने के लिए नियमों में बदलाव भी किया. लेकिन प्रदेश सरकार ने अब जाकर राहत देने का ऐलान किया है.
मुझे नहीं लगता प्रदेश सरकार में होगा कोई बड़ा परिवर्तन-
भाजपा के कई नेता पिछले दिनों अपने बयानों में इस बात के संकेत दे चुके हैं कि राजस्थान में भी प्रदेश सरकार में बड़ी उठापटक हो सकती है और सरकार टूट भी सकती है. लेकिन भाजपा के ही राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने इससे इनकार किया है. मीणा ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि प्रदेश सरकार को मौजूदा कार्यकाल में कोई खतरा है.
हालांकि, मीणा ने यह जरूर कहा कि जिस प्रकार रणथंभोर में शेर आपस में लड़ते हैं और एक दूसरे को घायल कर देते हैं. ठीक उसी प्रकार कांग्रेस में भी गहलोत और पायलट गुट के बीच यही काम चल रहा है.