जयपुर. केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों जयपुर एयरपोर्ट सहित 6 और एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया को पूरा कर दिया गया है. बता दें कि इसको लेकर लगातार विरोध भी हो रहा है. वहीं अब केरल के सांसद ने भी सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर से इन एयरपोर्ट्स के निजी करण को लेकर शिकायत कर दी है.
बता दें कि सांसद एलमाराम करीम ने 6 एयरपोर्ट की निजीकरण को लेकर सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर को पत्र लिखा है, जिसके अंतर्गत जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, त्रिवेंद्रम और मंगलुरू एयरपोर्ट का निजीकरण और निजीकरण के लिए अप्लाई की गई प्रक्रिया को बिल्कुल अपारदर्शी बताया है.
साथ ही पत्र के अंतर्गत निजीकरण की प्रक्रिया में विभिन्न वित्तीय गड़बड़ियों का उल्लेख भी किया गया है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा इन एयरपोर्ट को लेकर न्यूनतम रिजर्व प्राइस तय नहीं की गई थी. जीएमआर ने एक तरफ अविकसित एयरपोर्ट के लिए 303 रुपए की दर लगाई थी.
आंध्र प्रदेश के भोगापुरम एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री की दर लगाई गई थी, जबकि इन 6 विकसित एयरपोर्ट के लिए 18 से 85 रुपए की ही दर लगाई गई है. इसके साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा है कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में भी लापरवाही बरती गई है.
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उन्होंने पत्र में लिखा है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने को लेकर जल्दीबाजी दिखाई है. उन्होंने कहा कि एएआई 1994 और एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 का भी इस निजी करण को लेकर उल्लंघन किया गया है. उन्होंने इस संबंध में अब सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर को शिकायत कर इस पूरे संबंध में जांच करने की मांग भी की है.
बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर भी अब राज्य सरकार के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. जहां राज्य सरकार का कहना है कि जयपुर एयरपोर्ट की जमीन राज्य सरकार की है. वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि यह जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की है.