जयपुर. कोरोना का दंश झेल रहे पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पूर्व में पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए सरकार से कोविड 19 मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मरीजों के इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल परिसर के एक हिस्से को कोविड डेडिकेटेड करने की मांग भी है. साथ ही कोविड मरीजों से भारी फीस वसूली कर रहे निजी अस्पतालों पर लगाम लगाने के लिए 60 प्रतिशत बेड्स का अधिग्रहण करके उपलब्ध खाली बेड्स की संख्या का प्रतिदिन सार्वजनिक प्रकाशन करने और ऑनलाइन आंकड़े जारी करने की मांग की है.
सराफ ने अपने पत्र में लिखा कि एसएमएस हॉस्पिटल प्रदेश का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र है. सामान्य और गंभीर हर तरह की बीमारी के मरीज प्रतिदिन बड़ी संख्या में अपना इलाज कराने यहां आते हैं. उनमें से यदि कोई मरीज कोरोना संक्रमित है तो उसे इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में भागदौड़ करनी पड़ती है. प्रदेश में जिस तरह से कोरोना बेकाबू हो चुका है और कोविड मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. जयपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड्स उपलब्ध नहीं हैं.
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ऐसे में सरकार को एसएमएस हॉस्पिटल के एक हिस्से में कोविड मरीजों का इलाज शुरू करना चाहिए. जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय कोविड मरीजों को सस्ता और अच्छा इलाज मिल सके. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल महामारी के संकट में निजी अस्पतालों ने लूट मचा रखी है. इन अस्पतालों में मरीज को कई तरह की अनावश्यक जांचों और इमरजेंसी के नाम पर तथा बेड्स की झूठी कमी बताकर जनता से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है.
सराफ ने मांग करते हुए कहा कि कोरोनाकाल में जनता से हो रही लूट को रोकने के लिए सरकार नियमित रूप से निजी अस्पतालों की मॉनिटरिंग करें और कोविड मरीजों को बेड्स और रियायती दरों पर जांच सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पाबंद करें. अस्पतालों में खाली कोविड बेड्स की उपलब्धता का प्रतिदिन सार्वजनिक प्रकाशन होना चाहिए और सभी आंकड़े ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था भी हो.
आरयूएचएस में भर्ती है सराफ
कालीचरण सराफ वर्तमान में कोविड-19 संक्रमित हैं और खराब स्वास्थ्य के चलते उन्हें आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस अस्पताल में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या और पीड़ित लोगों से बातचीत के आधार पर कालीचरण सराफ ने यह मांग दोहराते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.