जयपुर. भाजपा के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बीच चल रहे विवाद का बुधवार को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह (Arun Singh) की दखल के बाद पटाक्षेप हो गया. भाजपा मुख्यालय में अरुण सिंह से मुलाकात के बाद कैलाश मेघवाल ने कहा कि वे अब भाजपा विधायक दल की बैठक में कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाएंगे. हालांकि, जब मेघवाल से पूछा गया कि कटारिया से उनकी नाराजगी दूर हो गई तो उन्होंने कहा नो कमेंट.
मेघवाल ने कहा मैंने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से विस्तार से चर्चा कर ली है और हमें पार्टी के हित में काम करना है. उन्होंने कहा कि हमें पार्टी को आगे बढ़ाना है इसलिए मैंने गुरुवार को कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का विचार छोड़ दिया है. वहीं कैलाश मेघवाल ने कहा कि जो पत्र उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष को लिखा था उसके संबंध में भी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से विस्तार से चर्चा हो गई है.
मेघवाल ने कहा मैं पार्टी का आदमी भी तो हूं और इसी भाजपा पार्टी ने मुझे यहां तक आगे बढ़ाया है. इसलिए जो पार्टी हित में होगा वही कदम उठाएंगे इसलिए अब मिलकर कांग्रेस के खिलाफ लड़ना है.
गौरतलब है कि कैलाश मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप कटारिया पर लगाए थे. यह भी लिखा था कि वो कटारिया के खिलाफ गुरुवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में निंदा प्रस्ताव लाएंगे. साथ ही मेघवाल ने गुलाबचंद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाए जाने की मांग भी की थी. अब भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के हस्तक्षेप के बाद इस मामले का पटाक्षेप हो गया है. जिससे विधानसभा सत्र से ठीक पहले भाजपा को थोड़ी राहत मिलने की संभावना है.
कटारिया ने बैठक से बनाई दूरी, राठौड़ पहुंचे अरुण सिंह से मिलने
इस पूरे मसले पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को भी बुलाया गया था. लेकिन कटारिया ने यह कहकर आने से इनकार कर दिया कि शिकायत उनके खिलाफ है लिहाजा उनका आना ठीक नहीं होगा. पार्टी जो निर्णय करेगी, वह उन्हें मंजूर होगा. वहीं दूसरी ओर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ अरुण सिंह से मिलने भाजपा मुख्यालय पहुंचे. राठौड़ उस समय पार्टी मुख्यालय पहुंचे जब कैलाश मेघवाल और विधायक कालीचरण सराफ पार्टी मुख्यालय में अरुण सिंह से मिलने आए थे.