जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान कई सवालों पर हंगामा हुआ. वहीं, भाजपा में लेटर बम लिखने वाले और बुधवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ जिन कैलाश मेघवाल की बहस हुई थी, उन केलाश मेघवाल ने सदन में सवाल तो लगाया, लेकिन जब सवाल का नंबर आया तो वह विधानसभा से नदारद थे, जिसके चलते उस सवाल को स्थगित कर दिया गया. वहीं, जयपुर के सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने प्रश्नकाल के दौरान किसानों के सरकारी बीमा कराने वाली कंपनी के खिलाफ शिकायत का सवाल पूछा. इस पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के 27 फरवरी को चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में होने वाली किसान सम्मेलन में व्यस्त होने के कारण उनकी जगह मंत्री टीकाराम जूली ने जवाब दिया.
अशोक लाहोटी ने कहा कि श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया था. 25 लाख किसानों से जुड़े मामले में नोटशीट भी चली थी. मुख्यमंत्री ने भी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी को काम देने का सुझाव दिया था. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी अपनी बात रखी. इस पर जवाब देते हुए मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और सांगानेर के विधायक ने जो मामला उठाया है, वह मामला फाइनेंस की तरफ से भी आया था. जूली ने कहा कि इसमें कहा गया था कि सरकारी कंपनी से ही बीमा करवाया जाए, ऐसे में एलआईसी को दो बार समय बढ़ा कर इसमें अप्लाई करने को कहा गया. लेकिन, एलआईसी ने इसमें अप्लाई नहीं किया. दोबारा टेंडर होने पर इसकी रेट नीचे आई. ऐसे में प्रीमियम का जो पहले भुगतान होता था, उसके मुकाबले ज्यादा भुगतान करना पड़ा. जूली ने कहा कि साल 2016-2017 में दोगुना भुगतान करना पड़ा. दूसरे साल 3 गुना भुगतान करना पड़ा और तीसरे साल सवा गुना प्रीमियम का भुगतान करना पड़ा.
पढ़ें: सदन में गूंजा क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले का मामला: CM बोले- कानून बनाने के लिए मैं तैयार हूं
इसमें 79 साल तक के किसानों का बीमा किया जाता है और क्योंकि एलआईसी केवल 70 साल तक के किसानों का ही बीमा करती है. ऐसे में निजी कंपनी से ही यह बीमा करवाया गया. इस पर अशोक लाहोटी ने फिर से बोलने का प्रयास किया, तो स्पीकर ने उन्हें बैठा दिया. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया ने जेके लोन अस्पताल जयपुर में सीटी स्कैन मशीन की स्थापना को लेकर सवाल किया. जिसमें मंत्री रघु शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि 50 सीटी स्कैन मशीन दानदाताओं की ओर से लगाए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है और डॉक्टर अजय गोयंका की तरफ से मौखिक स्वीकृति हमें मिल गई है. दो करोड़ की लागत से यह मशीनें लगनी हैं. इसके तहत दानदाता मशीन खरीद कर देगा.
हमने ब्लॉक चिन्हित कर दिया है और एमओयू का ड्राफ्ट अभी विचाराधीन है. 3 लोगों की कमेटी बनाई गई है और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 13 करोड़ 61 लाख रुपए स्वीकृति जारी कर दी गई है. कोटा, बूंदी जिले में श्रमिक कार्डधारियों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर विधायक संदीप शर्मा ने सवाल उठाया. जिस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि 13 कल्याणकारी योजनाएं वर्तमान में राजस्थान में लागू है. श्रमिक कल्याण के लिए कोटा में 3787 आवेदन लंबित है, बूंदी में करीब 20 हजार के करीब आवेदन लंबित है. कई कमियों के चलते ही आवेदन लंबित है. आवेदन के निस्तारण की समय सीमा निश्चित नहीं है. जल्द ही इसके निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है.
इस पर पूरक सवाल पूछते हुए संदीप शर्मा ने कहा कि क्या सरकार जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी. इस पर मंत्री टीकाराम जूली ने जवाब दिया कि जो आवेदन लंबित है उनका भुगतान हो जाएगा. किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हो, इसके लिए हमने डायरेक्ट अकाउंट में पैसे डालने का काम किया है. जितने भी श्रमिक है, उनको वेरीफाई करने के बाद पैन कार्ड और आधार कार्ड हमने जरूरी किया है, ताकि इस पर भ्रष्टाचार न हो. अब किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं हो रहा है. पहले आओ पहले पाओ की नीति पर काम चल रहा है.
प्रदेश में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खोलने को लेकर सवाल के जवाब पर मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि जब से सरकार आई है, तब से हमने कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखें. हम कई बार पत्र लिख चुके हैं कि भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र खुलवाने की दिशा में आगे बढ़े, लेकिन अभी तक कोई जवाब केंद्र की ओर से नहीं आया है. जब तक केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं आएगा, आंगनबाड़ियों को नहीं खोला जा सकता है. ऐसे में उन्होंने सदन के विपक्ष के विधायकों से भी अपील की कि वह भी भारत सरकार को इस मामले में पत्र लिखें, जिससे कि प्रदेश में नई आंगनबाड़ी क्षेत्र को ले जा सके.