जयपुर. लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और इन चुनावों में कांग्रेस सफलता से दूर रह गई. लेकिन इन लोकसभा चुनाव को अगर याद किया जाए तो कांग्रेस ने जिस योजना के नाम पर आम जनता से वोट मांगे थे और राहुल गांधी ने जिस न्याय योजना के जरिए जनता में पैठ बनाने की कोशिश की थी. वह भले ही लोकसभा चुनाव में नाकामयाब रही, लेकिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, उन राज्यों में न्याय योजना लागू हो सकती है.
न्याय योजना को लेकर राजस्थान में भी बड़े स्तर पर विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव में की गई घोषणा को राजस्थान में जल्द ही लागू करेंगे. बताया जा रहा है कि निकाय और पंचायत चुनाव से पहले इस योजना को राजस्थान में लागू कर दिया जाएगा. हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि शुरुआत में यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जिलों में शुरू होगी, उसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा.
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कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारीअध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा करने के बाद राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहना है कि निश्चित रूप से राजस्थान सरकार इस योजना को राजस्थान में लागू करने पर विचार कर रही है. हालांकि इसके लिए बजट के प्रावधानों को भी हर तरीके से देखा जा रहा है. अविनाश पांडे ने कहा कि प्रदेश में राजीव गांधी जयंती कार्यक्रम चल रहे हैं. उनमें एक कार्यक्रम न्याय योजना को प्रदेश में लागू करना भी होगा.
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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने चुनाव जीतने की स्थिति में पूरे देश में न्याय योजना लागू करने की घोषणा की थी, जिसके तहत जिन परिवारों की मासिक आय 6000 रुपये से कम थी, उन परिवारों को सालाना 72000 रुपये देने की घोषणा थी. हालांकि राजस्थान में जब यह योजना लागू होगी तो इसमें क्या कुछ नए प्रावधान किए जाएंगे. यह देखने की बात होगी. लेकिन इससे पहले राजस्थान सरकार के सामने चुनौती यह भी होगी कि पहले ऋण माफी योजना को पूरी तरीके से लागू करें. दरअसल, ऋण माफ करने के बाद सरकार का बजट बिगड़ गया था. ऐसे में न्याय योजना लागू करने के बाद कैसे वह राजस्थान की वित्तीय स्थिति को संभाल सकेगी, यह देखने की बात होगी. हालांकि यह बात साफ है कि छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान भी न्याय योजना को राजस्थान में लागू किया जाना है.