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कनिष्ठ लेखाकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने रिश्वत मामले में पिछले आठ माह से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी कनिष्ठ लेखाकार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा किया है.

Jaipur news, Supreme Court hearing
कनिष्ठ लेखाकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
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Published : May 18, 2021, 1:10 AM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने रिश्वत मामले में पिछले आठ माह से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी कनिष्ठ लेखाकार दिनेश कुमार शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित है. न्यायाधीश विनीत सारन और न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी की एसएलपी स्वीकार करते हुए दिए हैं.

एसएलपी में अधिवक्ता विकास सोमानी ने अदालत को बताया कि मामले में एसीबी ने अनुसंधान पूरा कर गत 23 अक्टूबर को आरोप पत्र पेश कर दिया है. ऐसे में अब उसे न्यायिक अभिरक्षा में रखने का कोई औचित्य नहीं है, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

यह भी पढ़ें- ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए दवाएं खरीद रही गहलोत सरकार, जारी कर रही ग्लोबल टेंडर

गौरतलब है कि मामले में हाईकोर्ट से तीन बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की गई थी. दरअसल दौसा जिला निवासी दंगाराम मीना ने एसीबी में शिकायत की थी कि लालसोट तहसील कार्यालय पर तैनात आरोपी उसकी ओर से पेश जमीन बेचान आपत्ति पत्र को वापस लेने की एवज में रिश्वत मांग रहा है. इस पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने गत 26 अगस्त को आरोपी को 11 हजार रुपए के साथ ट्रैप किया था.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने रिश्वत मामले में पिछले आठ माह से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी कनिष्ठ लेखाकार दिनेश कुमार शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित है. न्यायाधीश विनीत सारन और न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी की एसएलपी स्वीकार करते हुए दिए हैं.

एसएलपी में अधिवक्ता विकास सोमानी ने अदालत को बताया कि मामले में एसीबी ने अनुसंधान पूरा कर गत 23 अक्टूबर को आरोप पत्र पेश कर दिया है. ऐसे में अब उसे न्यायिक अभिरक्षा में रखने का कोई औचित्य नहीं है, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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गौरतलब है कि मामले में हाईकोर्ट से तीन बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की गई थी. दरअसल दौसा जिला निवासी दंगाराम मीना ने एसीबी में शिकायत की थी कि लालसोट तहसील कार्यालय पर तैनात आरोपी उसकी ओर से पेश जमीन बेचान आपत्ति पत्र को वापस लेने की एवज में रिश्वत मांग रहा है. इस पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने गत 26 अगस्त को आरोपी को 11 हजार रुपए के साथ ट्रैप किया था.

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