झुंझुनू. जम्मू में तैनात झुंझुनू का लाल शहीद हो (Jhunjhunu soldier martyred in Jammu) गया. ड्यूटी के दौरान गुरुवार को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. शुक्रवार को शहीद का पार्थिव शरीर बगड़ पहुंचेगा.
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज अहमद ने बताया कि बगड़ के हवलदार नरेश कुमार आज शहीद हो गए. वह जम्मू में आर्मी की यूनिट 7 पारा SF में जम्मू में तैनात थे. ड्यूटी के दौरान सांस लेने में (Jhunjhunu martyred due to breathing problem) तकलीफ हुई थी जिसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
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जम्मू से वाया दिल्ली पहुंचेगी पार्थिव देह: इसके बाद शहीद के पार्थिक देह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और फिर उसके पैतृक आवास के लिए रवाना किया जाएगा. पार्थिव देह को बाई एयर दिल्ली लाया जाएगा. फिर वहां से सड़क मार्ग के जरिए पैतृक गांव बगड़ लाया जाएगा. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 24 तारीख को सुबह पार्थिक देह बगड़ पहुंचेगा.
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मातृभूमि की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद के घर में वीरांगना सुदेश, एक बेटा नमन और बेटी मानवी है. उनके भाई सुरेश को सैन्य अधिकारियों की ओर से भाई की शहादत की जानकारी मिल चुकी है. फिलहाल भाई के अलावा किसी को शहादत के बारे में नहीं बताया गया है, लेकिन धीरे-धीरे आसपास के लोगों को जानकारी मिल रही है. पैतृक कस्बे में शोक की लहर के साथ ही नरेश की शहादत पर गर्व है.
वर्ष 2012 में हुई थी शादी: नरेश कुमार की शादी सोलड़ा गांव (हरियाणा) निवासी सुदेश के साथ 2012 में हुई थी. उनकी बेटी मानवी कक्षा 5 में और बेटा नमन कक्षा तीन में मां के साथ रहकर आगरा में पढ़ रहे हैं. शहीद का बड़ा भाई सुरेश खेतीबाड़ी तो छोटा भाई मुकेश प्राइवेट नौकरी करता है. उनकी मां सुनीता देवी और पिता महेंद्र सिंह बड़े बेटे के साथ गांव में रहते हैं. वे मूल रूप से हरियाणा के सागवान गांव के हैं. करीब दस वर्ष से बगड़ में रह रहे हैं.
10 दिन पहले आए थे गांव: हवलदार नरेश की दो महीने पहले ही आगरा से जम्मू में ड्यूटी लगी थी और 10 दिन पहले ही गांव आकर गए थे. बुधवार शाम को मोबाइल पर बड़े भाई से बात भी हुई थी. वर्ष 2007 में सेना में भर्ती हुए नरेश की दो महीने बाद रिटायर होने वाले थे. कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे बगड़ पहुंचेगा. यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.