जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण 45 किलोमीटर लंबे उत्तरी रिंग रोड को लेकर जमीन अवाप्त करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन जिस दक्षिणी रिंग रोड में यातायात शुरू हो चुका है, वहां अभी भी वाहन सर्विस लेन का सहारा लेकर एक्सेस और ले रहे हैं. आलम ये है कि आगरा रोड पर बनने वाले क्लोवर लीफ की जमीन अब तक अवाप्त नहीं की जा सकी है.
रिंग रोड परियोजना के दक्षिणी कॉरिडोर की तर्ज पर ही उत्तरी कॉरिडोर के लिए जमीन अवाप्त कर करीब 3000 करोड़ की लागत से 45 किलोमीटर लंबी रिंग रोड तैयार की जाएगी. आगरा रोड-दिल्ली रोड कोरिडोर को मूर्त रूप देने के लिए जेडीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए. ताकि शहर के उत्तरी भाग का भी विकास हो। जेडीए द्वारा जयपुर रिंग रोड के उत्तरी भाग के सर्वे प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए सलाहकारों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए योग्य और अनुभवी फर्मों के साथ परामर्श के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित की जा रही है.
जेडीसी ने बताया कि मौके पर सर्वे करके एलाइनमेंट फाइनल किया जा चुका है. धारा 25 के तहत जेडीए मास्टर प्लान में अधिसूचना जारी कर दी गई है. गजट नोटिफिकेशन किया जा चुका है. जल्द डीपीआर तैयार कर ली जाएगी और इस बार जमीन अवाप्त करने में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
वहीं, बीते साल अजमेर रोड, टोंक रोड और आगरा रोड को जोड़ने वाले रिंग रोड को क्लोवरलीफ बनने तक सर्विस लेन से जोड़ा गया. हालांकि रिंग रोड को एक्सीडेंट जोन बनने से रोकने के लिए अजमेर रोड, टोंक रोड और आगरा रोड पर क्लोवरलीफ बनने हैं. इनमें से अजमेर रोड और टोंक रोड पर क्लोवरलीफ का बनने का काम शुरू हो गया है. लेकिन आगरा रोड पर जमीनी समस्या बरकरार है.
जेडीसी ने बताया कि 3 क्लोवरलीफ बननी है. इनमें से अजमेर रोड और टोंक रोड पर काम शुरू हो गया है. आगरा रोड पर जमीन अवाप्त करने का प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित है. इसमें महाधिवक्ता जेडीए की तरफ से पैरवी कर रहे हैं. कोशिश की जा रही है कि पक्षकार के साथ बैठ राजीनामे से प्रकरण को निस्तारित कर लिया जाए.
पेट्रोल पंप की जमीन के मुआवजे को लेकर अटका है मामला :
बता दें कि आगरा रोड पर पेट्रोल पंप के पास साल 2005 में जारी हुआ 3200 मीटर का पट्टा है, लेकिन पट्टा जारी करते समय 10 मीटर जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुई. ऐसे में इस 10 मीटर जमीन के मुआवजे का विवाद कोर्ट में जा पहुंचा. यही वजह है कि आगरा रोड पर क्लोवरलीफ का काम अटका पड़ा है.
क्या है क्लोवरलीफ
अजमेर रोड से आगरा रोड तक वाया टोंक रोड को क्रॉसिंग करते हुए बनाई गई रिंग रोड में हाईवे पर क्लोवरलीफ बनाए जाने हैं. सामान्यतया किसी एक दिशा से अन्य दिशा में जाने के लिए ट्रैफिक लाइट मिलती है. जिससे पोलूशन भी होता है और वाहन चालक का समय भी खराब होता है और अमूमन यहां पर दुर्घटनाओं की भी संभावना रहती है. क्लोवरलीफ इस तरह का फ्लाईओवर है, जिसमें किसी भी दिशा में जाने के लिए सामने से आते हुए ट्रैफिक को फेस नहीं करना पड़ता और ना ही ट्रैफिक लाइट की आवश्यकता होती है. क्लोवरलीफ के माध्यम से ट्रैफिक निर्विघ्नं चलता रहता है. ये फ्लाईओवर फूल की पत्ती के रूप में नजर आता है.