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IMPACT: मानसून से पहले जागा JDA प्रशासन, करतारपुरा नाले से हटाए अवैध निर्माण - जयपुर न्यूज

जयपुर में करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र पर कब्जा होने से नाला सिकुड़ता जा रहा है. जिसपर मंगलवार को जेडीए प्रशासन ने (jaipur jda) संज्ञान लेते हुए अवैध दीवार और नव निर्माण को ध्वस्त किया है. हालांकि इसे महज एक शुरुआत कही जा सकती है.

जयपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज, rajasthan news, jaipur news
मानसून से पहले जागा JDA प्रशासन
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Published : Jun 15, 2021, 7:59 PM IST

जयपुर. बारिश के दिनों में करतारपुरा नाले में काफी पानी आता है. ऐसे में बरसात से पहले जेडीए ने नालों की सफाई करवाई थी और लाखों रुपए खर्च किए थे. साथ ही नाले को चौड़ा करने का कार्यादेश भी जारी कर दिया गया था. बावजूद अतिक्रमियों की ओर से बहाव क्षेत्र पर ही कब्जा कर लिया गया था.

क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण की खबर ईटीवी भारत (ETV BAHRAT) पर प्रसारित होने के बाद जेडीए प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए, मंगलवार को अवैध दीवार और नव निर्माण को ध्वस्त किया. हालांकि इसे महज एक शुरुआत कही जा सकती है. बता दें कि करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र पर कब्जा होने से नाला सिकुड़ता जा रहा है. हालांकि मंगलवार को जेडीए की ओर से करतारपुरा नाले से लगते हुए प्रथम दृष्टया अवैध कब्जे अतिक्रमण की दृष्टि से बनाई गई अवैध दीवार और नव निर्माण को ध्वस्त किया गया है.

पढ़ें: Rajasthan Political Crisis : भाजपा प्रवक्ता रामलाल ने कहा- राजस्थान सरकार और मंत्री जनता का दर्द भूले, मलाईदार विभाग के लिए जुटे

जोन 5 के क्षेत्राधिकार में गुर्जर की थड़ी के पास सुल्तान नगर में प्लॉट नंबर 62ए और 62बी के पीछे करतारपुरा नाले से लगते हुए करीब 10 फीट लंबी और 3 फीट चौड़ी सीमेंट के ब्लॉक से नई दीवार बनाई गई थी. जिसे राजस्व और तकनीकी स्टाफ की निशानदेही पर ध्वस्त किया गया है. हालांकि इस कार्रवाई को महज एक शुरुआत कहा जा सकता है. क्योंकि यहां करीब 4.5 बीघा जमीन पर भू-माफिया की ओर से कब्जा कर कॉलोनी बसाई गई है.

वहीं, जेडीए की योजना के अनुसार करीब 4 किलोमीटर का नाला पक्का होना है. बहाव क्षेत्र कितना रखा जाए. इसे लेकर मंथन चल रहा है. लेकिन अतिक्रमियों ने बहाव क्षेत्र में भराव कर नहीं सिर्फ नाले को संकरा कर दिया है. बल्कि बीते 10 सालों में बहाव क्षेत्र की दिशा तक बदल चुकी है.

नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरण को सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश

राज्य सरकार की ओर से सभी नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरण को सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए गए हैं. इन आदेशों के अनुपालन में आगामी मानसून में राजस्थान आवासन मंडल ने मंडल की आवासीय योजनाओं, सिटी पार्क, सड़क किनारे, खाली पड़ी जमीन और विभिन्न निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में एक लाख पेड़ पौधे लगाएंगे.

जयपुर. बारिश के दिनों में करतारपुरा नाले में काफी पानी आता है. ऐसे में बरसात से पहले जेडीए ने नालों की सफाई करवाई थी और लाखों रुपए खर्च किए थे. साथ ही नाले को चौड़ा करने का कार्यादेश भी जारी कर दिया गया था. बावजूद अतिक्रमियों की ओर से बहाव क्षेत्र पर ही कब्जा कर लिया गया था.

क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण की खबर ईटीवी भारत (ETV BAHRAT) पर प्रसारित होने के बाद जेडीए प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए, मंगलवार को अवैध दीवार और नव निर्माण को ध्वस्त किया. हालांकि इसे महज एक शुरुआत कही जा सकती है. बता दें कि करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र पर कब्जा होने से नाला सिकुड़ता जा रहा है. हालांकि मंगलवार को जेडीए की ओर से करतारपुरा नाले से लगते हुए प्रथम दृष्टया अवैध कब्जे अतिक्रमण की दृष्टि से बनाई गई अवैध दीवार और नव निर्माण को ध्वस्त किया गया है.

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जोन 5 के क्षेत्राधिकार में गुर्जर की थड़ी के पास सुल्तान नगर में प्लॉट नंबर 62ए और 62बी के पीछे करतारपुरा नाले से लगते हुए करीब 10 फीट लंबी और 3 फीट चौड़ी सीमेंट के ब्लॉक से नई दीवार बनाई गई थी. जिसे राजस्व और तकनीकी स्टाफ की निशानदेही पर ध्वस्त किया गया है. हालांकि इस कार्रवाई को महज एक शुरुआत कहा जा सकता है. क्योंकि यहां करीब 4.5 बीघा जमीन पर भू-माफिया की ओर से कब्जा कर कॉलोनी बसाई गई है.

वहीं, जेडीए की योजना के अनुसार करीब 4 किलोमीटर का नाला पक्का होना है. बहाव क्षेत्र कितना रखा जाए. इसे लेकर मंथन चल रहा है. लेकिन अतिक्रमियों ने बहाव क्षेत्र में भराव कर नहीं सिर्फ नाले को संकरा कर दिया है. बल्कि बीते 10 सालों में बहाव क्षेत्र की दिशा तक बदल चुकी है.

नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरण को सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश

राज्य सरकार की ओर से सभी नगरीय निकायों और विकास प्राधिकरण को सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए गए हैं. इन आदेशों के अनुपालन में आगामी मानसून में राजस्थान आवासन मंडल ने मंडल की आवासीय योजनाओं, सिटी पार्क, सड़क किनारे, खाली पड़ी जमीन और विभिन्न निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में एक लाख पेड़ पौधे लगाएंगे.

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