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JCTSL को घाटे से उबारने की कोशिश, लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट उतने यात्री

सीटीएसएल (Jaipur City Transport Services Limited) प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने 50 फीसदी सीटों पर बैठकर यात्रा करने की व्यवस्था में बदलाव किया है. अब जितनी सीट है उतने यात्री सफर कर सकेंगे.

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लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट उतने यात्री करेंगे सफर
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Published : Aug 11, 2020, 9:57 PM IST

जयपुर. राजधानी की सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट है उतने सवारी बैठकर यात्रा कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर JCTSL प्रबंधन ने बसों में 50 फीसदी सीटों पर ही यात्रियों के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी. जिसमें JCTSL प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बदलाव किया है.

लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट उतने यात्री

राजधानी में 4 महीने तक बंद रही सिटी ट्रांसपोर्ट बस सेवा को कोरोना गाइडलाइन के साथ दोबारा शुरू किया गया. शहर वासियों को आने-जाने की परेशानी से राहत मिले, इसके लिए शहर के सभी रूट पर बसों का संचालन शुरू किया गया. लेकिन लो फ्लोर बसों का संचालन JCTSL के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.

कोरोना की वजह से लोगों ने बसों से दूरी बना रखी है. आलम ये है कि प्रति किलोमीटर लो फ्लोर बस को महज 5 रुपये की इनकम हो रही है, जबकि खर्चा 60 रुपये का हो रहा है. हालांकि अब JCTSL प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने लो फ्लोर बसों में जितनी सीट उतनी सवारी को यात्रा कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

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पढ़ें- हाईकोर्ट की अवमानना से बचने के लिए मुख्य सचिव ने 13 अगस्त को बुलाई अधिकारियों की बैठक

साथ ही कोरोना गाइडलाइन की पालना करने और किसी भी सूरत में क्षमता से अधिक संख्या में यात्रियों को नहीं बैठाए जाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा अब तक चल रही थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क लगाने की व्यवस्था भी जारी रहेगी. बता दें कि लॉकडाउन से पहले शहर में 200 से ज्यादा लो फ्लोर बसों का संचालन हो रहा था. जिससे करीब 18 लाख रुपये प्रतिदिन की आय होती थी.

लेकिन लॉकडाउन के बाद बसों के संचालन में भारी नुकसान हो रहा है, जो बसें पहले 50 हजार किलोमीटर चला करती थी, वो अभी महज 20 हजार किलोमीटर प्रतिदिन चल रही है. जेसीटीएसएल का बसों पर प्रतिदिन 10 लाख रुपए खर्च होता है, जबकि रेवेन्यू 3 लाख से भी कम है.

जयपुर. राजधानी की सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट है उतने सवारी बैठकर यात्रा कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर JCTSL प्रबंधन ने बसों में 50 फीसदी सीटों पर ही यात्रियों के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी. जिसमें JCTSL प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बदलाव किया है.

लो फ्लोर बसों में अब जितनी सीट उतने यात्री

राजधानी में 4 महीने तक बंद रही सिटी ट्रांसपोर्ट बस सेवा को कोरोना गाइडलाइन के साथ दोबारा शुरू किया गया. शहर वासियों को आने-जाने की परेशानी से राहत मिले, इसके लिए शहर के सभी रूट पर बसों का संचालन शुरू किया गया. लेकिन लो फ्लोर बसों का संचालन JCTSL के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.

कोरोना की वजह से लोगों ने बसों से दूरी बना रखी है. आलम ये है कि प्रति किलोमीटर लो फ्लोर बस को महज 5 रुपये की इनकम हो रही है, जबकि खर्चा 60 रुपये का हो रहा है. हालांकि अब JCTSL प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने लो फ्लोर बसों में जितनी सीट उतनी सवारी को यात्रा कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

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साथ ही कोरोना गाइडलाइन की पालना करने और किसी भी सूरत में क्षमता से अधिक संख्या में यात्रियों को नहीं बैठाए जाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा अब तक चल रही थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क लगाने की व्यवस्था भी जारी रहेगी. बता दें कि लॉकडाउन से पहले शहर में 200 से ज्यादा लो फ्लोर बसों का संचालन हो रहा था. जिससे करीब 18 लाख रुपये प्रतिदिन की आय होती थी.

लेकिन लॉकडाउन के बाद बसों के संचालन में भारी नुकसान हो रहा है, जो बसें पहले 50 हजार किलोमीटर चला करती थी, वो अभी महज 20 हजार किलोमीटर प्रतिदिन चल रही है. जेसीटीएसएल का बसों पर प्रतिदिन 10 लाख रुपए खर्च होता है, जबकि रेवेन्यू 3 लाख से भी कम है.

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