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जाट जनप्रतिनिधि सम्मेलन : राजनीतिक प्रतिनिधित्व और समाज के महापुरुषों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग - Demanded for Political Representation

जाट समाज की ओर से राजनीतिक रूप से उचित प्रतिनिधित्व के साथ ही जाट समाज के महापुरुषों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठाई गई है. जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में रविवार को आयोजित जाट जनप्रतिनिधि सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों ने इनसे संबंधित प्रस्ताव लिए गए.

Jat People Conference in Jaipur
जाट जनप्रतिनिधि सम्मेलन
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Published : Mar 6, 2022, 6:35 PM IST

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का दूसरा सत्र राजधानी जयपुर में 12 जून को आयोजित किया जाएगा. इसको लेकर भी जाट जन प्रतिनिधि सम्मेलन में चर्चा की गई. इस सम्मेलन में जाट समाज के कई प्रतिनिधि (Rajasthan Jat Leaders on History Course) शामिल हुए हैं. 12 जून को जयपुर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के दूसरे सत्र में 130 देशों के जाट प्रतिनिधि शामिल होंगे.

इसमें एनआरआई, बिजनेसमैन, राजनेता, अभिनेता प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर वैज्ञानिक, शिक्षाविद, साहित्यकार, खिलाड़ी सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया जगत के लोग शिरकत करेंगे. इसके अलावा जाट जनप्रतिनिधि सम्मेलन के माध्यम से महाराजा सूरजमल की मूर्ति संसद भवन में लगाने, जाट समाज की महापुरुषों का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने और राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व को लेकर भी इस सम्मेलन में प्रस्ताव लिए गए हैं.

पढ़ें : Rajasthan Agriculture Budget : किसान नाखुश, ऋण मुक्ति और MSP पर खरीद का कानून बनाने के लिए सड़क पर उतरेंगे किसान : रामपाल जाट

अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक राम अवतार पलसानियां ने बताया कि केंद्र सरकार में एक भी जात मंत्री नहीं है और कांग्रेस में भी जाटों को राजनीतिक रुप से उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. आज हुए सम्मेलन में राजस्थान प्रदेश के युवा सरपंच, जाट प्रधान, जाट जिला प्रमुखों सहित समाज के अन्य लोगो से आयोजन को लेकर चर्चा की गई. अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के आयोजन के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने और जाट समाज के इतिहास को विश्व पटल पर रखने की मांग की जाएगी.

रामअवतार पालसानियां ने बताया कि जो प्रस्ताव लिए गए हैं, इसको लेकर (International Jat Seminar Update) समाज के लोगों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही समाज को नशे से दूर रखने और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे.

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का दूसरा सत्र राजधानी जयपुर में 12 जून को आयोजित किया जाएगा. इसको लेकर भी जाट जन प्रतिनिधि सम्मेलन में चर्चा की गई. इस सम्मेलन में जाट समाज के कई प्रतिनिधि (Rajasthan Jat Leaders on History Course) शामिल हुए हैं. 12 जून को जयपुर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के दूसरे सत्र में 130 देशों के जाट प्रतिनिधि शामिल होंगे.

इसमें एनआरआई, बिजनेसमैन, राजनेता, अभिनेता प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर वैज्ञानिक, शिक्षाविद, साहित्यकार, खिलाड़ी सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया जगत के लोग शिरकत करेंगे. इसके अलावा जाट जनप्रतिनिधि सम्मेलन के माध्यम से महाराजा सूरजमल की मूर्ति संसद भवन में लगाने, जाट समाज की महापुरुषों का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने और राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व को लेकर भी इस सम्मेलन में प्रस्ताव लिए गए हैं.

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अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक राम अवतार पलसानियां ने बताया कि केंद्र सरकार में एक भी जात मंत्री नहीं है और कांग्रेस में भी जाटों को राजनीतिक रुप से उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. आज हुए सम्मेलन में राजस्थान प्रदेश के युवा सरपंच, जाट प्रधान, जाट जिला प्रमुखों सहित समाज के अन्य लोगो से आयोजन को लेकर चर्चा की गई. अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के आयोजन के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने और जाट समाज के इतिहास को विश्व पटल पर रखने की मांग की जाएगी.

रामअवतार पालसानियां ने बताया कि जो प्रस्ताव लिए गए हैं, इसको लेकर (International Jat Seminar Update) समाज के लोगों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही समाज को नशे से दूर रखने और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे.

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