ETV Bharat / city

Special: जयपुर पुलिस का मददगार जारविस एप, मिनटों में देगा घटना की जानकारी

'जारविस' एप का प्रयोग कर जयपुर पुलिस अब अपनी पहुंच शहर के उन क्षेत्रों तक बढ़ा सकेगी, जहां तक जयपुर पुलिस की पहुंच नहीं है. इस एप के माध्यम से जयपुर पुलिस को 1 मिनट के अंदर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने संबंधित जानकारी मिल सकेगी. यहां जानिए जारविस एप की खासियत...

Jarvis app of Jaipur Police,  Jarvis App
जयपुर पुलिस का मददगार जारविस एप
author img

By

Published : Feb 16, 2021, 7:34 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर अब जयपुर पुलिस को महज 1 मिनट के अंदर ही पुलिस कंट्रोल रूम के स्क्रीन पर पॉपअप के माध्यम से जानकारी मिल सकेगी. इसके बाद पुलिस उस एरिया में कानून व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए तुरंत एक्शन ले सकेगी.

जयपुर पुलिस का मददगार जारविस एप

पढ़ें- Exclusive: आलाकमान की उपेक्षा गलत, वसुंधरा राजे को CM प्रोजेक्ट करें : भवानी सिंह राजावत

इसके लिए जयपुर पुलिस ने एक निजी कंपनी से करार किया है और उस कंपनी की ओर से विकसित की गई जारविस नामक एप का प्रयोग कर जयपुर पुलिस अपनी पहुंच को शहर के उन क्षेत्रों तक बढ़ा सकेगी, जहां अब तक जयपुर पुलिस की पहुंच नहीं है. फिलहाल, प्रायोगिक तौर पर जारविस एप का इस्तेमाल करके देखा जा रहा है और उपयोगी साबित होने पर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के तमाम पुलिस कर्मियों के मोबाइल में एप इंस्टॉल की जाएगी.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश ने बताया कि जारविस एप के माध्यम से जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के जितने भी सीसीटीवी कैमरे शहर में लगे हुए हैं, वह तमाम कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल से भी कनेक्ट रहेंगे. इस एप के माध्यम से पुलिस के तमाम ड्रोन भी आपस में कनेक्ट रहेंगे, जो कि पुलिस कंट्रोल रूम में फीड देने के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी लाइव फीड देंगे.

पढ़ें- Special: भीलवाड़ा शहर में आवारा श्वानों का आतंक, आमजन में खौफ तो प्रशासन मौन

जारविस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि शहर के किसी भी इलाके में अचानक से भीड़ बढ़ रही है या फिर किसी तरह की कोई दुर्घटना घटित हुई है तो इस स्थान पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे की फीड का पॉपअप पुलिस कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर और पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर शो होगा. ऐसे में यदि उस सीसीटीवी कैमरे पर किसी का ध्यान नहीं है तो जारविस एप के माध्यम से सीसीटीवी कैमरा अपने आप उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा. इस एप का प्रयोग केवल वही पुलिसकर्मी कर सकेंगे जिनकी लॉगिन आईडी बनी हुई है और जिन्हें कंट्रोल रूम से पासवर्ड जारी किए गए हैं.

बदमाशों को भीड़ में पहचानेगा

जारविस एप के प्रयोग को लेकर ईटीवी भारत की टीम जयपुर पुलिस के कंट्रोल रूम में चल रही पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में जाकर उसकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की. ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हेड कांस्टेबल गिरवर सिंह ने बताया कि इस एप के माध्यम से भीड़-भाड़ वाले स्थान या धरना प्रदर्शन के दौरान वहां पर मौजूद बदमाशों की पहचान करना काफी आसान हो जाएगा.

गिरवर सिंह ने बताया कि जितने भी शातिर बदमाश हैं, उन सभी बदमाशों का डाटा इस एप के जरिए पुलिसकर्मियों के मोबाइल में फीड रहेगा. पुलिसकर्मी जब अपने मोबाइल पर इस एप का इस्तेमाल कर कैमरे को ऑन करेगा और भीड़ में कैमरा घुमाएगा तो इस दौरान भीड़ में मौजूद बदमाश को इस एप के जरिए कैमरा अपने आप रिकॉग्नाइज करेगा.

पढ़ें- SPECIAL : इतिहास का झरोखा है अढ़ाई दिन का झोपड़ा...ख्वाजा साहब आने वाले जायरीन जरूर देखते हैं ये इमारत

साथ ही इसका एक पॉपअप पुलिसकर्मी के मोबाइल और जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम की बड़ी स्क्रीन पर शो होगा. ऐसे में उस बदमाश को आराम से दबोचा जा सकेगा. साथ ही पुलिसकर्मी के मोबाइल कैमरे के माध्यम से जो भी चीज रिकॉर्ड की जाएगी, उसका तमाम डाटा पुलिस कंट्रोल रूम में स्थित जारविस एप के सरवर में सेव होगा.

आला अधिकारी लाइव देख सकेंगे शहर के हालात

जारविस एप का प्रयोग कर जब भी कोई पुलिसकर्मी अपने मोबाइल कैमरे से किसी स्थान का वीडियो बनाएगा तो उसकी लाइव फीड पुलिस के आला अधिकारी अपने मोबाइल पर देख सकेंगे. ऐसे में स्थिति को नियंत्रण करने के लिए आला अधिकारी मोबाइल के माध्यम से ही पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश जारी कर सकेंगे. यदि शहर में किसी स्थान पर ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होगी तो उसकी जानकारी भी पुलिसकर्मियों को जारविस एप के माध्यम से उनके मोबाइल और पुलिस कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर मिल सकेगी.

आग लगने पर वाहन नंबर के आधार पर देगा मालिक की जानकारी

जारविस एप के माध्यम से जयपुर में लगे हुए सभी सीसीटीवी कैमरा को सर्वर के जरिए जोड़ा जाएगा. ऐसे में यदि किसी स्थान पर आग लगती है या कोई धुआं उठता है तो उसकी भी जानकारी इस एप के माध्यम से तुरंत पुलिसकर्मियों को उनके मोबाइल पर और पुलिस कंट्रोल रूम में बड़ी स्क्रीन पर मिल सकेगी, जिस पर शीघ्र एक्शन लिया जा सकेगा.

इसके साथ ही किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उस वाहन के मालिक की तमाम जानकारी भी एप के माध्यम से पुलिसकर्मियों को आसानी से मिल सकेगी. पुलिस की ओर से यदि किसी रंग की गाड़ी की तलाश की जा रही है तो इस एप के माध्यम से भी तेज गति में भाग रही उस रंग की गाड़ियों की जानकारी पुलिसकर्मियों को प्राप्त हो सकेगी.

जयपुर. राजधानी जयपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर अब जयपुर पुलिस को महज 1 मिनट के अंदर ही पुलिस कंट्रोल रूम के स्क्रीन पर पॉपअप के माध्यम से जानकारी मिल सकेगी. इसके बाद पुलिस उस एरिया में कानून व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए तुरंत एक्शन ले सकेगी.

जयपुर पुलिस का मददगार जारविस एप

पढ़ें- Exclusive: आलाकमान की उपेक्षा गलत, वसुंधरा राजे को CM प्रोजेक्ट करें : भवानी सिंह राजावत

इसके लिए जयपुर पुलिस ने एक निजी कंपनी से करार किया है और उस कंपनी की ओर से विकसित की गई जारविस नामक एप का प्रयोग कर जयपुर पुलिस अपनी पहुंच को शहर के उन क्षेत्रों तक बढ़ा सकेगी, जहां अब तक जयपुर पुलिस की पहुंच नहीं है. फिलहाल, प्रायोगिक तौर पर जारविस एप का इस्तेमाल करके देखा जा रहा है और उपयोगी साबित होने पर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के तमाम पुलिस कर्मियों के मोबाइल में एप इंस्टॉल की जाएगी.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश ने बताया कि जारविस एप के माध्यम से जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के जितने भी सीसीटीवी कैमरे शहर में लगे हुए हैं, वह तमाम कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल से भी कनेक्ट रहेंगे. इस एप के माध्यम से पुलिस के तमाम ड्रोन भी आपस में कनेक्ट रहेंगे, जो कि पुलिस कंट्रोल रूम में फीड देने के साथ ही पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी लाइव फीड देंगे.

पढ़ें- Special: भीलवाड़ा शहर में आवारा श्वानों का आतंक, आमजन में खौफ तो प्रशासन मौन

जारविस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि शहर के किसी भी इलाके में अचानक से भीड़ बढ़ रही है या फिर किसी तरह की कोई दुर्घटना घटित हुई है तो इस स्थान पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे की फीड का पॉपअप पुलिस कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर और पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर शो होगा. ऐसे में यदि उस सीसीटीवी कैमरे पर किसी का ध्यान नहीं है तो जारविस एप के माध्यम से सीसीटीवी कैमरा अपने आप उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा. इस एप का प्रयोग केवल वही पुलिसकर्मी कर सकेंगे जिनकी लॉगिन आईडी बनी हुई है और जिन्हें कंट्रोल रूम से पासवर्ड जारी किए गए हैं.

बदमाशों को भीड़ में पहचानेगा

जारविस एप के प्रयोग को लेकर ईटीवी भारत की टीम जयपुर पुलिस के कंट्रोल रूम में चल रही पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में जाकर उसकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की. ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हेड कांस्टेबल गिरवर सिंह ने बताया कि इस एप के माध्यम से भीड़-भाड़ वाले स्थान या धरना प्रदर्शन के दौरान वहां पर मौजूद बदमाशों की पहचान करना काफी आसान हो जाएगा.

गिरवर सिंह ने बताया कि जितने भी शातिर बदमाश हैं, उन सभी बदमाशों का डाटा इस एप के जरिए पुलिसकर्मियों के मोबाइल में फीड रहेगा. पुलिसकर्मी जब अपने मोबाइल पर इस एप का इस्तेमाल कर कैमरे को ऑन करेगा और भीड़ में कैमरा घुमाएगा तो इस दौरान भीड़ में मौजूद बदमाश को इस एप के जरिए कैमरा अपने आप रिकॉग्नाइज करेगा.

पढ़ें- SPECIAL : इतिहास का झरोखा है अढ़ाई दिन का झोपड़ा...ख्वाजा साहब आने वाले जायरीन जरूर देखते हैं ये इमारत

साथ ही इसका एक पॉपअप पुलिसकर्मी के मोबाइल और जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम की बड़ी स्क्रीन पर शो होगा. ऐसे में उस बदमाश को आराम से दबोचा जा सकेगा. साथ ही पुलिसकर्मी के मोबाइल कैमरे के माध्यम से जो भी चीज रिकॉर्ड की जाएगी, उसका तमाम डाटा पुलिस कंट्रोल रूम में स्थित जारविस एप के सरवर में सेव होगा.

आला अधिकारी लाइव देख सकेंगे शहर के हालात

जारविस एप का प्रयोग कर जब भी कोई पुलिसकर्मी अपने मोबाइल कैमरे से किसी स्थान का वीडियो बनाएगा तो उसकी लाइव फीड पुलिस के आला अधिकारी अपने मोबाइल पर देख सकेंगे. ऐसे में स्थिति को नियंत्रण करने के लिए आला अधिकारी मोबाइल के माध्यम से ही पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश जारी कर सकेंगे. यदि शहर में किसी स्थान पर ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होगी तो उसकी जानकारी भी पुलिसकर्मियों को जारविस एप के माध्यम से उनके मोबाइल और पुलिस कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर मिल सकेगी.

आग लगने पर वाहन नंबर के आधार पर देगा मालिक की जानकारी

जारविस एप के माध्यम से जयपुर में लगे हुए सभी सीसीटीवी कैमरा को सर्वर के जरिए जोड़ा जाएगा. ऐसे में यदि किसी स्थान पर आग लगती है या कोई धुआं उठता है तो उसकी भी जानकारी इस एप के माध्यम से तुरंत पुलिसकर्मियों को उनके मोबाइल पर और पुलिस कंट्रोल रूम में बड़ी स्क्रीन पर मिल सकेगी, जिस पर शीघ्र एक्शन लिया जा सकेगा.

इसके साथ ही किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उस वाहन के मालिक की तमाम जानकारी भी एप के माध्यम से पुलिसकर्मियों को आसानी से मिल सकेगी. पुलिस की ओर से यदि किसी रंग की गाड़ी की तलाश की जा रही है तो इस एप के माध्यम से भी तेज गति में भाग रही उस रंग की गाड़ियों की जानकारी पुलिसकर्मियों को प्राप्त हो सकेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.