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जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच', कोरोना काल में पहुंचाई मदद

कोरोना काल में तमाम स्वयं सेवी संस्थाओं ने आगे कर गरीबों की मदद का बीड़ा उठाया. ऐसे में शहर की जन कला साहित्य मंच संस्था ने भी इसनें बराबर का योगदान देते हुए जरूरतमंदों की सहायता की. संस्था की ओर से अब तक दो लाख से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई गई है.

'Jan Kala Sahitya Manch' becomes a help to the needy
जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच
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Published : Aug 19, 2020, 8:17 PM IST

जयपुर. कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सरकार के साथ सामाजिक संस्थाएं भी बढ़चढ़ कर योगदान दे रहीं हैं. कोरोना काल के शुरुआती 3 महीने गरीब और जरूरतमंदों के लिए मुश्किलों से भरे थे. ऐसे में जन कला साहित्य मंच संस्था ने जरूरतमंद लोगों की मदद की. लोगों को राशन किट, पका भोजन, सैनिटाइजर, मास्क आदि वितरित किए. संस्था की ओर से अब तक दो लाख से अधिक जरूरतमंदों की मदद की जा चुकी है.

जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच

कोरोना काल में लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा था. उस दौरान अनेक संस्थाओं द्वारा लोगों तक राशन व अन्य आवश्यक सामान पहुंचाया गया. जयपुर की जन कला साहित्य मंच संस्था ने वैश्विक महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करने का जो सिलसिला शुरू किया था वह अभी भी जारी है.

'Jan Kala Sahitya Manch' becomes a help to the needy
जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच

किरायेदारों ने नहीं दिया किराया, बदले में मकान मालिक ने दिया राशन
जन कला साहित्य मंच संस्था की सदस्य सुशीला ने इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल भी पेश की. सुशीला ने गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते हुए अपने मकान में किराए पर रह रहे दो मुस्लिम परिवारों से किराया नहीं वसूला. इसके साथ ही उन परिवारों को राशन, आर्थिक मदद व अन्य सुविधा भी मुहैया करवाईं.

यह भी पढ़ें: Special: आयुर्वेद का कमाल, भरतपुर में योगा और काढ़े से 487 कोरोना संक्रमित स्वस्थ

ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुशीला ने बताया कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है उन्होंने किरायेदारों से किराया नहीं लिया है और उनकी हर संभव मदद की है. इसके साथ ही उन्होंने अपने आसपास में रहने वाले अन्य जरूरतमंद लोगों तक भी राशन व अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई है. सुशीला ने बताया कि उनके मकान के आसपास अन्य मकानों में भी किराएदार रह रहे थे लेकिन कोरोना काल में किराया नहीं दे पाने पर मकान मालिकों ने उन्हें निकाल दिया. ऐसा व्यवहार निंदनीय है.

2 लाख 12 हजार लोगों तक पहुंचाई गई मदद

सुशीला ने संस्था के साथियों के साथ मिलकर जिले के 2 लाख 12 हजार जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई. अब भी वह इस कार्य में सतत् प्रयासरत हैं. जरूरतमंदों तक राशन किट, तैयार खाना, मास्क, सैनिटाइजर, साबुन व अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है. उन्होंने कहा कि राजधानी में और भी ऐसी संस्था और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो वर्तमान में लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं.

जयपुर. कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सरकार के साथ सामाजिक संस्थाएं भी बढ़चढ़ कर योगदान दे रहीं हैं. कोरोना काल के शुरुआती 3 महीने गरीब और जरूरतमंदों के लिए मुश्किलों से भरे थे. ऐसे में जन कला साहित्य मंच संस्था ने जरूरतमंद लोगों की मदद की. लोगों को राशन किट, पका भोजन, सैनिटाइजर, मास्क आदि वितरित किए. संस्था की ओर से अब तक दो लाख से अधिक जरूरतमंदों की मदद की जा चुकी है.

जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच

कोरोना काल में लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा था. उस दौरान अनेक संस्थाओं द्वारा लोगों तक राशन व अन्य आवश्यक सामान पहुंचाया गया. जयपुर की जन कला साहित्य मंच संस्था ने वैश्विक महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करने का जो सिलसिला शुरू किया था वह अभी भी जारी है.

'Jan Kala Sahitya Manch' becomes a help to the needy
जरूरतमंदों का मददगार बना 'जन कला साहित्य मंच

किरायेदारों ने नहीं दिया किराया, बदले में मकान मालिक ने दिया राशन
जन कला साहित्य मंच संस्था की सदस्य सुशीला ने इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल भी पेश की. सुशीला ने गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते हुए अपने मकान में किराए पर रह रहे दो मुस्लिम परिवारों से किराया नहीं वसूला. इसके साथ ही उन परिवारों को राशन, आर्थिक मदद व अन्य सुविधा भी मुहैया करवाईं.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुशीला ने बताया कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है उन्होंने किरायेदारों से किराया नहीं लिया है और उनकी हर संभव मदद की है. इसके साथ ही उन्होंने अपने आसपास में रहने वाले अन्य जरूरतमंद लोगों तक भी राशन व अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई है. सुशीला ने बताया कि उनके मकान के आसपास अन्य मकानों में भी किराएदार रह रहे थे लेकिन कोरोना काल में किराया नहीं दे पाने पर मकान मालिकों ने उन्हें निकाल दिया. ऐसा व्यवहार निंदनीय है.

2 लाख 12 हजार लोगों तक पहुंचाई गई मदद

सुशीला ने संस्था के साथियों के साथ मिलकर जिले के 2 लाख 12 हजार जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई. अब भी वह इस कार्य में सतत् प्रयासरत हैं. जरूरतमंदों तक राशन किट, तैयार खाना, मास्क, सैनिटाइजर, साबुन व अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है. उन्होंने कहा कि राजधानी में और भी ऐसी संस्था और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो वर्तमान में लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं.

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