जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने महिलाओं को लेकर एक अनूठी पहल की है. महिलाओं को घूघंट से मुक्त करने को लेकर जिला प्रशासन भी जन जागरण अभियान चलाएगा. इससे संबंधित एक बैठक सोमवार को जिला कलेक्टर जोगाराम ने ली.
बैठक में भाग लेने आई स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं ने कहा कि इस बदलाव में पुरुष अहम भूमिका निभा सकते हैं. बैठक में जोगाराम ने महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश भी दिए.
इस बैठक में अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार जिला कलेक्टर जोगाराम से साझा किए. बैठक में आये प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज को घूंघट से मुक्त बनाने के लिए समाज की सोच में बदलाव लाना होगा. साथ ही गैर सरकारी संगठन इसे अच्छी तरह से अंजाम दे सकते हैं.
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जोगाराम ने कहा कि बैठक में आए सुझाव और जमीनी स्तर से मिले फीडबैक को शामिल करके जिले में महिलाओं को घूंघट से दिलाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. एक्शन प्लान में शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका रहेगी. जोगाराम ने माना कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की पहुंच आप लोगों तक नहीं है. इसके कारण यह योजनाएं महिलाओं तक नहीं पहुंच पाती हैं. इसलिए इन योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए भी अधिक से अधिक प्रयास किए जाएंगे.
बैठक में एसएमएस अस्पताल की पूर्व प्लास्टिक सर्जरी एचओडी प्रोफेसर मालती गुप्ता ने अलवर के एक गांव को घूंघट से मुक्त करने की पूरी जानकारी दी. जिले में घूंघट प्रथा के लिए स्कूलों में बने गार्गी मंच और मीना मंच जैसे समूह का उपयोग कर व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसके बारे में जागरूकता फैलाने के सुझाव आए. साथिनों, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला पंच-सरपंच को इस जागरण अभियान में शामिल किया जाएगा.
पुलिस की सहायक उपायुक्त सदर संध्या यादव ने कहा कि घूंघट मुक्ति की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित ने भी जालसू ब्लॉक में उनके प्रशिक्षण काल मे घूंघट को लेकर हुए एक अनुभव को साझा किया.