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जयपुरः घूंघट प्रथा बंद करने के लिए जन जागरण अभियान चलाएगा जिला प्रशासन - jaipur news

जिला कलेक्टर जोगाराम ने कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित एक बैठक ली. इसमें महिलाओं को घूंघट से मुक्ति दिलाने के लिए जन जागरण अभियान चलाने पर भी चर्चा हुई.

जन जागरण अभियान, jan jagran abhiyan
घूंघट प्रथा बैठक
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Published : Jan 13, 2020, 11:50 PM IST

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने महिलाओं को लेकर एक अनूठी पहल की है. महिलाओं को घूघंट से मुक्त करने को लेकर जिला प्रशासन भी जन जागरण अभियान चलाएगा. इससे संबंधित एक बैठक सोमवार को जिला कलेक्टर जोगाराम ने ली.

बैठक में भाग लेने आई स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं ने कहा कि इस बदलाव में पुरुष अहम भूमिका निभा सकते हैं. बैठक में जोगाराम ने महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश भी दिए.

घूंघट प्रथा बंद करने के लिए जन जागरण अभियान चलाएगा जिला प्रशासन

इस बैठक में अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार जिला कलेक्टर जोगाराम से साझा किए. बैठक में आये प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज को घूंघट से मुक्त बनाने के लिए समाज की सोच में बदलाव लाना होगा. साथ ही गैर सरकारी संगठन इसे अच्छी तरह से अंजाम दे सकते हैं.

पढ़ें: फर्जी शिकायतकर्ताओं की अब खैर नहीं, अलवर पुलिस दर्ज करेगी एफआईआर

जोगाराम ने कहा कि बैठक में आए सुझाव और जमीनी स्तर से मिले फीडबैक को शामिल करके जिले में महिलाओं को घूंघट से दिलाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. एक्शन प्लान में शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका रहेगी. जोगाराम ने माना कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की पहुंच आप लोगों तक नहीं है. इसके कारण यह योजनाएं महिलाओं तक नहीं पहुंच पाती हैं. इसलिए इन योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए भी अधिक से अधिक प्रयास किए जाएंगे.

बैठक में एसएमएस अस्पताल की पूर्व प्लास्टिक सर्जरी एचओडी प्रोफेसर मालती गुप्ता ने अलवर के एक गांव को घूंघट से मुक्त करने की पूरी जानकारी दी. जिले में घूंघट प्रथा के लिए स्कूलों में बने गार्गी मंच और मीना मंच जैसे समूह का उपयोग कर व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसके बारे में जागरूकता फैलाने के सुझाव आए. साथिनों, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला पंच-सरपंच को इस जागरण अभियान में शामिल किया जाएगा.

पुलिस की सहायक उपायुक्त सदर संध्या यादव ने कहा कि घूंघट मुक्ति की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित ने भी जालसू ब्लॉक में उनके प्रशिक्षण काल मे घूंघट को लेकर हुए एक अनुभव को साझा किया.

जयपुर. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने महिलाओं को लेकर एक अनूठी पहल की है. महिलाओं को घूघंट से मुक्त करने को लेकर जिला प्रशासन भी जन जागरण अभियान चलाएगा. इससे संबंधित एक बैठक सोमवार को जिला कलेक्टर जोगाराम ने ली.

बैठक में भाग लेने आई स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं ने कहा कि इस बदलाव में पुरुष अहम भूमिका निभा सकते हैं. बैठक में जोगाराम ने महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश भी दिए.

घूंघट प्रथा बंद करने के लिए जन जागरण अभियान चलाएगा जिला प्रशासन

इस बैठक में अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार जिला कलेक्टर जोगाराम से साझा किए. बैठक में आये प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज को घूंघट से मुक्त बनाने के लिए समाज की सोच में बदलाव लाना होगा. साथ ही गैर सरकारी संगठन इसे अच्छी तरह से अंजाम दे सकते हैं.

पढ़ें: फर्जी शिकायतकर्ताओं की अब खैर नहीं, अलवर पुलिस दर्ज करेगी एफआईआर

जोगाराम ने कहा कि बैठक में आए सुझाव और जमीनी स्तर से मिले फीडबैक को शामिल करके जिले में महिलाओं को घूंघट से दिलाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. एक्शन प्लान में शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका रहेगी. जोगाराम ने माना कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की पहुंच आप लोगों तक नहीं है. इसके कारण यह योजनाएं महिलाओं तक नहीं पहुंच पाती हैं. इसलिए इन योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए भी अधिक से अधिक प्रयास किए जाएंगे.

बैठक में एसएमएस अस्पताल की पूर्व प्लास्टिक सर्जरी एचओडी प्रोफेसर मालती गुप्ता ने अलवर के एक गांव को घूंघट से मुक्त करने की पूरी जानकारी दी. जिले में घूंघट प्रथा के लिए स्कूलों में बने गार्गी मंच और मीना मंच जैसे समूह का उपयोग कर व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसके बारे में जागरूकता फैलाने के सुझाव आए. साथिनों, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला पंच-सरपंच को इस जागरण अभियान में शामिल किया जाएगा.

पुलिस की सहायक उपायुक्त सदर संध्या यादव ने कहा कि घूंघट मुक्ति की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित ने भी जालसू ब्लॉक में उनके प्रशिक्षण काल मे घूंघट को लेकर हुए एक अनुभव को साझा किया.

Intro:जयपुर। प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत की अनूठी पहल महिलाओं को घूघंट से मुक्त करने को लेकर जिला प्रशासन भी जन जागरण अभियान चलाएगा। इससे संबंधित एक बैठक सोमवार को जिला कलेक्टर जोगाराम ने ली। बैठक में भाग लेने आई स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं ने कहा कि इस बदलाव में पुरुष अहम भूमिका निभा सकते हैं। बैठक में जिला कलेक्टर जोगाराम ने महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश भी दिए।


Body:जिला कलेक्टर जोगाराम ने कलेक्ट्रेट सभागार में महिलाओं को घूंघट से मुक्ति दिलाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित एक बैठक ली। इस बैठक में अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार जिला कलेक्टर जोगाराम से साझा किए। बैठक में आये प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज को घूंघट से मुक्त बनाने के लिए समाज की सोच में बदलाव लाना होगा साथ ही गैर सरकारी संगठन इसे अच्छी तरह से अंजाम दे सकते हैं।
जोगाराम ने कहा कि बैठक में आए सुझाव और जमीनी स्तर से मिले फीडबैक को शामिल करके जयपुर जिले में महिलाओं को घूंघट से दिलाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। एक्शन प्लान में शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका रहेगी। जोगाराम ने माना कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की पहुंच आप लोगों तक नहीं है। इसके कारण यह योजनाएं महिलाओं तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए इन योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए भी अधिक से अधिक प्रयास किए जाएंगे। बैठक में एसएमएस अस्पताल की पूर्व प्लास्टिक सर्जरी एचओडी प्रोफेसर मालती गुप्ता ने अलवर के एक गांव को घूंघट से मुक्त करने की पूरी जानकारी बैठक में दी। जिले में घूंघट प्रथा के लिए स्कूलों में बने गार्गी मंच और मीना मंच जैसे समूह का उपयोग कर व्हाट्सएप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इसके बारे में जागरूकता फैलाने के सुझाव आये। साथिनों, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला पंच-सरपंच को इस जागरण अभियान में शामिल किया जाएगा। प्रतिनिधियों ने कहा कि महिलाओं को घूंघट से मुक्त करने के लिए पुरुषों की भागीदारी अहम है, गांव के लोगों का भी इसमें सहयोग लिया जाए।
पुलिस की सहायक उपायुक्त सदर संध्या यादव ने कहा कि घूंघट मुक्ति की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती दीक्षित ने भी जालसू ब्लॉक में उनके प्रशिक्षण काल मे घूंघट को लेकर हुए एक अनुभव को साझा किया। इस बैठक में एसआरकेपीएस, प्लान इंडिया, सेव द चिल्ड्रन जयपुर, इंडियन डेवलपमेंट सोसाइटी, विशाखा, रूवा, जीवन आश्रम, वत्सला जयपुर, जनकल्याण साहित्य मंच, प्रयत्न जयपुर संस्था, राजस्थान प्रगतिशील संस्था, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र के प्रतिनिधि शामिल हुए।

बाईट जिला कलेक्टर जोगाराम





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