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'कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन' अभियान के तहत प्रभारी मंत्री 3 अक्टूबर से जिलों में करेंगे आमजन को जागरूक

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Published : Oct 1, 2020, 3:53 AM IST

2 अक्टूबर से प्रदेश भर में 'कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन' अभियान की शुरूआत होने जा रही है. इस अभियान के तहत प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाना होगा और लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करना होगा.

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'कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन' अभियान के तहत प्रभारी मंत्री 3 अक्टूबर से जिलों में करेंगे आमजन को जागरूक

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन की जयपुर के अल्बर्ट हॉल से राज्य-स्तरीय आयोजन के माध्यम से 2 अक्टूबर को शाम 4ः30 बजे शुरूआत करेंगे. इसके बाद प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में 3 अक्टूबर को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए आमजन के बीच मास्क पहनने, उचित दूरी रखने और भीड़ से बचने के नियमों की पालना की समझाइश करेंगे.

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से संभागीय आयुक्तों, रेंज पुलिस महानिरीक्षकों, जिलों के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में यह निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बीते 6 माह के दौरान जिला कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रदेशवासियों को संक्रमण से बचाने के लिए अथक प्रयास किए हैं. लेकिन संक्रमितों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत कोरोना संक्रमण में कमी लाने के लिए जनता के सहयोग से जनता के बीच हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए इस आंदोलन की कल्पना की गई है.

पढ़ें: सतीश पूनियां ने CM गहलोत के साथ की वर्चुअल बैठक, कोरोना प्रबंधन पर दिए सुझाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन का नाम दिया गया है, ताकि इसमें आम लोगों की अधिक भागीदारी हो सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी से लेकर गांव-ढ़ाणी तक यह लगना चाहिए कि यह जनता का आंदोलन है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए राज्य स्तर पर जारी दिशा-निर्देश के बावजूद स्थानीय माहौल के अनुसार आंदोलन के स्वरूप में बदलाव कर सकते है, ताकि अधिक से अधिक संगठन, संस्थाएं और लोग इससे जुड़ें. सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनैतिक अभियान है. सभी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक सरोकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं, कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों की भागीदारी होने से ही यह अभियान सफल हो सकेगा.

पढ़ें: निगम और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर HC के डिविजनल बेंच के निर्णय के खिलाफ SC जाएगी गहलोत सरकार

उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेशवासियों का जीवन एवं आजीविका बचाने का अभियान है. उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिलकर इस आंदोलन में भागीदारी करने एवं गति देने के निर्देश दिए. स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभागों से जुड़ी सभी संस्थाएं, निगम और पालिकाएं अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगी. ये संस्थाएं आंदोलन के लिए मास्क तथा स्टीकर आदि तैयार करने, उनके वितरण तथा घरों पर चिपकाने का काम करेंगी. नगरीय क्षेत्रों में सफाईकर्मी तथा अन्य अधिकारी भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभायेंगे.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी लोगों द्वारा एक माह तक अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, दूरी रखने एवं भीड़ से बचने जैसे नियमों को ही अंतिम हथियार बताया है. उन्होंने कहा कि वायरस के फैलाव की चेन को तोड़ने के लिए यह बहुत जरूरी है. ऐसे में हमें हर व्यक्ति को आगामी एक माह तक इस नियम की पालना के अभियान से जोड़े रखना है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि वैश्विक महामारी से जुड़ी गतिविधि होने के चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंचायतीराज संस्थाओं तथा नगरपालिका आदि के चुनावों के बावजूद आंदोलन के संचालन पर चुनाव आचार संहिता के प्रतिबंध लागू नहीं होंगे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन की जयपुर के अल्बर्ट हॉल से राज्य-स्तरीय आयोजन के माध्यम से 2 अक्टूबर को शाम 4ः30 बजे शुरूआत करेंगे. इसके बाद प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में 3 अक्टूबर को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए आमजन के बीच मास्क पहनने, उचित दूरी रखने और भीड़ से बचने के नियमों की पालना की समझाइश करेंगे.

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से संभागीय आयुक्तों, रेंज पुलिस महानिरीक्षकों, जिलों के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में यह निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बीते 6 माह के दौरान जिला कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रदेशवासियों को संक्रमण से बचाने के लिए अथक प्रयास किए हैं. लेकिन संक्रमितों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत कोरोना संक्रमण में कमी लाने के लिए जनता के सहयोग से जनता के बीच हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए इस आंदोलन की कल्पना की गई है.

पढ़ें: सतीश पूनियां ने CM गहलोत के साथ की वर्चुअल बैठक, कोरोना प्रबंधन पर दिए सुझाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन का नाम दिया गया है, ताकि इसमें आम लोगों की अधिक भागीदारी हो सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी से लेकर गांव-ढ़ाणी तक यह लगना चाहिए कि यह जनता का आंदोलन है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए राज्य स्तर पर जारी दिशा-निर्देश के बावजूद स्थानीय माहौल के अनुसार आंदोलन के स्वरूप में बदलाव कर सकते है, ताकि अधिक से अधिक संगठन, संस्थाएं और लोग इससे जुड़ें. सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनैतिक अभियान है. सभी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक सरोकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं, कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों की भागीदारी होने से ही यह अभियान सफल हो सकेगा.

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उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेशवासियों का जीवन एवं आजीविका बचाने का अभियान है. उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिलकर इस आंदोलन में भागीदारी करने एवं गति देने के निर्देश दिए. स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभागों से जुड़ी सभी संस्थाएं, निगम और पालिकाएं अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगी. ये संस्थाएं आंदोलन के लिए मास्क तथा स्टीकर आदि तैयार करने, उनके वितरण तथा घरों पर चिपकाने का काम करेंगी. नगरीय क्षेत्रों में सफाईकर्मी तथा अन्य अधिकारी भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभायेंगे.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी लोगों द्वारा एक माह तक अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, दूरी रखने एवं भीड़ से बचने जैसे नियमों को ही अंतिम हथियार बताया है. उन्होंने कहा कि वायरस के फैलाव की चेन को तोड़ने के लिए यह बहुत जरूरी है. ऐसे में हमें हर व्यक्ति को आगामी एक माह तक इस नियम की पालना के अभियान से जोड़े रखना है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि वैश्विक महामारी से जुड़ी गतिविधि होने के चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंचायतीराज संस्थाओं तथा नगरपालिका आदि के चुनावों के बावजूद आंदोलन के संचालन पर चुनाव आचार संहिता के प्रतिबंध लागू नहीं होंगे.

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