जयपुर. देश में एक ओर तो कोरोना महामारी तो दूसरी ओर वायु प्रदूषण भी हावी हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा पटाखे पर बैन लगाने का फॉर्मूला इस बार काम आया. मंगलवार को शहर में प्रदूषण का स्तर गिर गया और जयपुर एक बार फिर से ग्रीन जोन में आ गया.
बता दें कि एक वक्त था जब राजधानी जयपुर में प्रदूषण का लेवल अपने उच्चतम शिखर पर पहुंच गया था और यह रेड जोन में पहुंच गया था, लेकिन लंबे समय के इंतजार के बाद जहां जयपुर वासियों ने दिवाली पर कम पटाखों का उपयोग करके शहर को एक बार फिर ग्रीन जोन में पहुंचा दिया.
प्रदूषण स्तर कम होने का एक कारण यह भी है कि पिछले 3 दिनों से शहर में बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है. जिससे हवा में नमी की मात्रा अधिक होने से वातावरण में प्रदूषण का स्तर गिर गया. सोमवार तक जयपुर सहित कई और जिले पहले ऑरेंज श्रेणी में थे, मंगलवार को प्रदूषण का स्तर काफी हद तक गिर गया और राजधानी जयपुर ग्रीन श्रेणी में आ गया.
मंगलवार को जयपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 85 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो कि जयपुर के लिए एक राहत की खबर है. लॉकडाउन के दौरान जयपुर में इतना ही सूचकांक दर्ज किया जा रहा था. इसके साथ ही अजमेर और अलवर में भी हवा पहले के मुकाबले साफ दर्ज की गई है. बता दें करीब 11 नवंबर को जयपुर सहित प्रदेश के 4 शहर रेड जोन की श्रेणी में पहुंच गए थे. जहां प्रदूषण का स्तर 300 एक्यूआई के ऊपर बना हुआ था. वहीं जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 310 तक था. 8 दिन बाद उत्तरी हवाओं का असर और नमी भरने के कारण प्रदूषण गिरकर 100 के नीचे तक आ गया.
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यह है एक्यूआई का मानक
- 0 से 50- अच्छी
- 51 से 100- संतोषजनक
- 101 से 200- मॉडरेट यानी थोड़ा खराब
- 201-300- खराब
- 301-400- बहुत खराब
- 401-500- गंभीर
- 500 से ऊपर- इमरजेंसी
प्रदेश में प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई)
जिला | 11 नवंबर | 17 नवंबर |
जोधपुर | 339 | 202 |
कोटा | 320 | 108 |
जयपुर | 309 | 85 |
अजमेर | 255 | 79 |
उदयपुर | 180 | 118 |
भिवाड़ी | 360 | 225 |