जयपुर. राजकुमार रौत ने भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा पर तंज कसते हुए कहा कि उनका अपना स्टैंड क्लियर नहीं है. जहां तक धर्मांतरण का मसला है, आदिवासी समाज किसी भी धर्म में नहीं आता और इस देश का नागरिक होने का मतलब ये नहीं कि किसी धर्म से जुड़ा होना अनिवार्य है.
हालांकि, बीजेपी सरकार ने वनवासी कल्याण परिषद के नाम से आदिवासियों को मानसिक और धार्मिक रूप से गुलाम बनाने का काम किया. उन्होंने माना कि क्षेत्र में कुछ धर्मांतरण हुआ जरूर था. कुछ ईसाई बन गए, कुछ वनवासी कल्याण परिषद के माध्यम से हिंदू बन गए, कुछ मुस्लिम बने तो कुछ गुजरात में जैन समाज में भी चले गए. लेकिन जो लोग समझने लग गए और खुद को आदिवासी मानते हैं, वो खुद को किसी धर्म में नहीं मानते. जो दूसरे धर्मों से जुड़ गए हैं, उनकी घर वापसी भी हो रही है.
वहीं, युवाओं से चर्चा करते हुए चौरासी विधायक से विधानसभा और लोकसभा में विधायक और सांसदों के व्यवहार और चुनाव लड़ने के लिए जनप्रतिनिधियों की उम्र और क्वालिफिकेशन को लेकर सवाल किए गए. जिस पर उन्होंने कहा कि सबसे कम उम्र के विधायक बनकर वो विधानसभा तक पहुंचे और विधानसभा की कार्यप्रणाली का कोई अनुभव था. हालांकि, वरिष्ठ विधायकों ने काफी मदद की.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने 200 ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया, जो जनहित के फैसले लें. विधानसभा का हर 1 दिन हर 1 मिनट महत्वपूर्ण होता है. वो समय जनप्रतिनिधि का नहीं, बल्कि प्रदेश की आम जनता का है. लेकिन कभी-कभी कुछ मुद्दों पर ऐसा माहौल बना दिया जाता है, उससे सत्र का समय बिगड़ता है. जो राजस्थान की जनता के लिए नुकसानदायक है.
बीटीपी विधायक रौत ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से अपील की कि विधानसभा सत्र का सदुपयोग करें. विवादित मामले जिनका परिणाम शून्य है, उन्हें सत्र में न रखें. वहींं, उन्होंने कहा कि विधायक इसलिए चुने जाते हैं कि जनता की भावनाओं के अनुरूप कानून बने. जनता के हित में कानून बने. आज की युवा पीढ़ी चाहती है कि जो भी जनप्रतिनिधि एमएलए या एमपी चुने जा रहे हैं, उनकी क्वालिफिकेशन निर्धारित हो. ऐसे में उनकी भावनाओं को समझते हुए क्वालिफिकेशन निर्धारित की जानी चाहिए.
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि आज वाकई में देश में बेरोजगारी बढ़ी है. जिसका कारण है केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा देना. आज के दिन कांग्रेस के संगठन यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई बेरोजगारी दिवस मना रहे हैं. इसे आज मनाया जाना चाहिए या नहीं, इस पर नहीं जाना चाहेंगे. लेकिन बेरोजगारी दिवस मनाना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की होने वाली है.