जयपुर. रेहाना रियाज के साथ महिला आयोग का प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित के घर पहुंचा. मृतक महिला के परिजनों ने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया. परिजनों ने पुलिस के ढुलमुल रवैए को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. कहा कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की. परिवार ने पहले भी छेड़छाड़ और मारपीट का मामला दर्ज करवाया था. अगर उचित एक्शन लिया जाता तो बात इतनी नहीं बढ़ती. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई. वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस पूरे मामले को लेकर गहलोत सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है .
रेहाना रियाज ने पीड़ित परिजनों को कठोर कार्रवाई के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि गुनहगारों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी (Jaipur Woman Set ablaze Case). दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का हमारा लक्ष्य है. गलती करने वाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. महिला आयोग घटना की तथ्यात्मक जांच पड़ताल करेगा.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मांगा जवाबः दलित महिला शिक्षिका को जिंदा जलाकर मारने का मामला दिल्ली तक पहुंच गया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले में संज्ञान लिया है. आयोग ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी जवाब मांगा है . मुख्य सचिव सहित संबंधित अधिकारियों को 7 दिन में नोटिस का जवाब देना है. आयोग ने नोटिस में कहा है कि जयपुर में एक दलित शिक्षिका को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की खबरें मीडिया में आई हैं. जानकारी में आया है कि जमवारामगढ़ के पास रायसर गांव में एक शिक्षिका को बीच बाजार पेट्रोल छिड़ककर जिंदा इसलिए जला दिया कि महिला ने बदमाशों के उधार लिए हुए पैसे नहीं दिए. आयोग ने कहा कि इस पूरे मामले की तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट के साथ 7 दिन में आयोग के समक्ष अपना जवाब पेश करें. इसके पहले जालोर में हुई दलित छात्र की हत्या के मामले में भी आयोग ने अधिकारियों से जवाब तलब किया था. इस मामले में आयोग ने राजस्थान प्रशासन से जुड़े अधिकारियों जिनमें मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, जयपुर पुलिस कमिश्नर और स्थानीय कलेक्टर को नोटिस भेजकर घटना की पूरी जानकारी मांगी है.
शिक्षिका को जलाने वाले अभी भी आजाद: रायसर थाना इलाके में बुरी तरह जली शिक्षिका की मौत के बाद पुलिस ने जिंदा जलाने वाले बदमाशों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया है. दिनदहाड़े महिला को जलाने की जुर्रत दिखाने वाले अपराधी अब भी फरार हैं. पुलिस का दावा है कि वो आरोपियों को पकड़ने के लिए जगह जगह दबिश दे रही है, लेकिन हकीकत ये भी है कि अब तक बदमाश कानून के रखवालों की पहुंच से दूर ही हैं.
क्या है घटना: 10 अगस्त की सुबह एक निजी स्कूल में पढ़ाने जा रही शिक्षिका पर दिनदहाड़े बदमाशों ने हमला किया. आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग उसकी ओर लाठियां लेकर भागे. इस दौरान महिला ने पुलिस को फोन किया और फिर 100 नम्बर भी डायल किया. इस दौरान बदमाशों ने महिला के दोनों हाथ पकड़ लिए और उसे घसीटने लगे. आरोपियों ने मारपीट कर उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. इस दौरान लोगों की भीड़ वहां से गुजरती रही लेकिन उसे बचाने कोई आगे नहीं आया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
बाद में आग से बुरी तरह झुलसी महिला को घरवालों ने एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया. पुलिस में रिपोर्ट भी की गई. उसने बयान भी दिया और अपने साथ हुई वारदात का खुलासा किया. बुधवार 16 अगस्त को उपाचर के दौैरान महिला की मौत हो गई. बताया जा रहा कि वह आरोपियों से उधार दी राशि वापस मांग रही थी, जिसकी वजह से झगड़ा चल रहा था.
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ढाई लाख ने ली जान: मृतक के परिजनों की मानें तो उसने गांव के कुछ लोगों को करीब ढ़ाई लाख रुपए उधार दिए थे लेकिन वे लोग पैसा मांगने पर महिला से छेड़छाड़ करते थे और जान से मारने की धमकी देकर भगा देते थे. अचानक बीती 10 अगस्त को आरोपियों ने महिला पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी .जलने के बाद महिला इधर - उधर भागती रही और मदद मांगती रही लेकिन मौके पर जुटे लोग उसकी चीख पुकार सुनकर भी मदद को आगे नहीं आए.
परिजनों का आरोप है कि आरोपियों ने इससे पहले भी कई बार मारपीट की थी ,लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इस घटना से पहले भी रायसर थाना पुलिस को फोन करके किसी अनहोनी की आशंका जताई थी लेकिन पुलिस ने हर बार की तरह इस बार भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञानः जमवारामगढ़ में महिला शिक्षिका को जिंदा जलाने के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग में संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. आयोग ने डीजीपी से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करवाकर आगामी 26 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने मीडिया में प्रसारित समाचारों के आधार पर संज्ञान लेते हुए आयोग में यह प्रकरण दर्ज किया है. आयोग अध्यक्ष ने इस घटना को गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक को उच्च स्तरीय अधिकारी से निष्पक्ष जांच करवाने के निर्देश दिए हैं.
राज्यवर्धन ने साधा निशानाः जयपुर में जमवारामगढ़ के रायसर थाना इलाके में शिक्षिका को जलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. महिला की मौत के मामले में अब भाजपा ने भी गहलोत सरकार को जमकर घेरा है. जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ रायसर थाने पहुंचे. घटना को लेकर थाने पर विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया. सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में ऐसा माहौल बना दिया है कि हिंदू होना, दलित होना, महिला होना ही पाप हो गया है. राजस्थान में लगातार हो रही इस प्रकार की घटनाएं मुख्यमंत्री के लिए छोटी-मोटी घटनाऐं हैं, लेकिन जब गांधी-नेहरू परिवार से सवाल किए जाते है, तो उनके लिए ये बड़ी घटनाएं हैं. मुख्यमंत्री राजनैतिक पर्यटन के लिए कभी दिल्ली और कभी गुजरात चले जाते हैं.