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Special: पेयजल योजना से वंचित इलाकों में बीसलपुर बांध से पानी पहुंचाने का कार्य कर रहा जयपुर जलदाय विभाग - पृथ्वीराज नगर पेयजल योजना

राजस्थान में पेयजल की समस्या को लेकर हमेशा से ही लोगों को खींचातानी करनी पड़ी है. कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों राजधानी के कुछ इलाकों में देखने को मिल रहा है. जहां के लोगों को पेयजल पहुंचाने के लिए बीसलपुर बांध का सहारा लिया जा रहा है. देखें इस स्पेशल रिपोर्ट में...

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बीसलपुर बांध
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Published : Jul 25, 2020, 8:43 PM IST

जयपुर. प्रदेश में पानी की समस्या आम बात है. हाल यह है कि राजधानी जयपुर में भी लोगों को इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. इनमें शहर के खो नागोरियान, जामडोली, जगतपुरा, पृथ्वीराज नगर शामिल है. जहां अब तक पेयजल योजना नहीं पहुंच पाई है. इनमें कहीं न कहीं लॉकडाउन का भी असर देखने को मिला है. इसके चलते ये योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाई. जिसमें अभी और भी समय लगेगा. इन इलाकों में अब जयपुर जलदाय विभाग बीसलपुर बांध से पानी पहुंचाने का कार्य कर रहा है.

बीसलपुर बांध से पानी पहुंचाने का कार्य कर रहा जलदाय विभाग

अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी ने बताया कि पृथ्वीराज नगर की योजना एक महत्वपूर्ण और बड़ी योजना है और इसका वर्क ऑर्डर भी हो चुका है. इसके सर्वे और डिजाइन का काम भी पूरा हो चुका है. जल्द ही इस योजना पर फिजिकली काम भी शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना के तहत सबसे पहले जेडीए से जुड़ा हुआ एरिया कवर किया जाएगा, जिससे करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा. इसके बाद फेज-2 में शेष एरिए को कवर किया जाएगा. जिस पर बेसिक और इन्फ्राट्रक्चर का काम किया जाएगा. इससे करीब 7.50 लाख की आबादी को फायदा होगा. देवराज सोलंकी ने कहा कि लॉकडाउन का असर सभी योजनाओं पर हुआ है. इसके चलते इन 3 महीने काम पूरी तरह से बंद रहा. लेकिन अब लगभग-लगभग सभी मजदूर भी लौट आए है, जिससे अब सभी योजनाओं पर काम चल रहा है.

पृथ्वीराज नगर के स्थानीय निवासी छोगालाल सैनी ने बताया कि जब से पृथ्वीराज नगर के लिए जमीन एक्वायर्ड की गई है. तभी से लोगों को बिजली और पानी की परेशानी भी हो रही है. नियमन के समय पानी के पैसे भी ले ली गए. लेकिन अभी तक ये लोगों तक पानी नहीं पहुंचा है. अब नियमन को भी पास हुए पूरे 5 साल हो चुके हैं. पृथ्वीराज नगर के लिए घोषित पानी की योजना को लेकर सैनी ने कहा कि सरकार हर बार योजनाएं निकालती है और इसके लिए घोषणा भी करती है. लेकिन जब तक काम धरातल पर नहीं दिखता, तब तक मानना मुश्किल है.

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जयपुर जलदाय विभाग

पढ़ें- Special : कोरोना ने छीना रोजगार...कोई हुनर के दम पर है खड़ा तो कोई 'संजीवनी' की तलाश में

इस संबंध एक अन्य निवासी सीताराम से इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज नगर डार्क जोन में शामिल है. यहां बोरिंग भी नहीं खोदा जा सकता. लोगों ने अपने घरों में टैंक बनवा रखे हैं और टैंकरों से पानी डलवाते हैं. एक टेंकर के लिए लोगों को 300 से 500 रुपए देने पड़ रहे है, तब कहीं पीने के लिए पानी मिलता है.

जयपुर में चल रही महत्वपूर्ण पेयजल योजनाएं-

1. पृथ्वीराज नगर और आस-पास के क्षेत्रों के लिए पेयजल योजना

पृथ्वीराज नगर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बीसलपुर बांध आधारित परियोजना से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 854.22 करोड़ रुपए की तैयार की गई थी. इसकी तकनीकी सहमति, समिति की बैठक में 12 सितंबर 2017 को दी गई थी. इसके लिए की गई वित्त समिति की बैठक 7 जून 2019 के द्वारा फेस प्रथम में 563.93 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई. मंजुर की गई परियोजना मे पृथ्वीराज नगर और आसपास के पूरे क्षेत्र में लगभग 175 वर्ग किलोमीटर के लिए मुख्य ट्रांसमिशन पाइप लाइन का कार्य एवं पृथ्वीराज नगर लगभग 30 वर्ग किलोमीटर में वितरण तंत्र की स्थापना का कार्य शामिल है.

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पेयजल योजना का कार्य

इस कार्य के लिए 295.52 करोड़ का कार्य आदेश 12 मार्च 2020 को जारी किया गया. इस कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार कार्य को 15 अप्रैल 2020 को शुरू हुआ और 14 अक्टूबर 2020 तक पूरा करना है. इस योजना के प्रथम चरण के पूरा होने पर इससे 2 लाख की आबादी को पेयजल सुविधा मिल सकेगी. साथ ही इस योजना से डिग्गी मालपुरा रोड से सीकर रोड के बीच रह रही 6.74 लाख की पेयजल सुविधा से वंचित आबादी के लिए भी मुख्य ढांचागत गत निर्माण उपलब्ध हो सकेगा.

2. बीसलपुर बांध से जगतपुरा, प्रताप नगर और महल रोड इलाकों में पानी पहुंचाने की योजना भी लगातार प्रगति पर है. इस योजना के तहत मूलभूत ढांचागत निर्माण कार्य के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी 19 सितंबर 2013 में दी गई. इस योजना की लागत 152.02 करोड़ रुपए है. इस योजना के पूरे होने पर 2.75 लाख की आबादी को फायदा होगा, जो 3 चरण में पूरी की जानी है.

3. जगतपुरा, प्रताप नगर, महल रोड के आसपास के क्षेत्र में वितरण तंत्र की स्थापना का कार्य (वार्ड नं. 47 व 48)

यह कार्य वितरण प्रणाली से संबंधित है और इसमें अनुमानित लागत 33.69 करोड़ रुपए है. इसके कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार इस काम को 26 दिसंबर 2018 को शुरू कर 25 दिसंबर 2020 को पूरा किया जाना था. अभी तक इस योजना में 15.89 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इसका काम फिलहाल धीमी गति से चल रहा है. इसका कारण लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता एवं रोड काटने की अनुमति विलंब से मिलना है. इसके कारण यह कार्य छह महीने विलंब से शुरू हुआ.

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बीसलपुर बांध बना लोगों का सहारा

4. बीसलपुर बांध आधारित खोनागोरियान पेयजल योजना

इस योजना में खो नागोरियां क्षेत्र एवं इंदिरा गांधी नगर शामिल है. इंदिरा गांधी नगर पहले से ही पेयजल योजना से जुड़ा हुआ है. वार्ड संख्या 49 और 50 में जेडीए द्वारा अनुमोदित कॉलोनियों एवं अन्य गैर अनुमोदित कॉलोनियों में पेयजल उपलब्ध कराने की योजना की तकनीकी स्वीकृति 29 नवंबर 2011 को 12.12 करोड़ की जारी की गई. इस योजना का कार्य आदेश 1 नवंबर 2012 को 9.1 करोड़ का दिया गया था. इस योजना को जून 2016 में भौतिक रूप से पूरा कर लिया गया है. परंतु अनुमोदित लाभान्वित कालोनियों के निवासियों के विरोध के कारण योजना से पेयजल वितरण शुरू नहीं हो सका. इस योजना को एक दिसंबर 2019 से शुरू कर दिया गया है.

5. बीसलपुर बांध आधारित जामडोली पेयजल परियोजना

जामडोली क्षेत्र के वार्ड संख्या 63, गांव बल्लूपुरा, सुमेल, विजयपुरा और बगराना में बीसलपुर का पानी पहुंचाने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति वित्त समिति की बैठक की गई. 7 अप्रैल 2018 को हुए इस बैठक में 78.05 करोड़ की मंजूरी दी गई. इस पेयजल योजना का कार्य के लिए 59.25 करोड़ रुपए का कार्य आदेश 27 सितंबर 2018 को दिया गया.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना काल में चुनौतियों के आगे खाकी ने बदला अपना स्टाइल, कुछ इस तरह से जारी है जंग

वहीं, इसके कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार 12 अक्टूबर 2018 को कार्य शुरू करना था और 11 अक्टूबर 2020 को खत्म करना था. लेकिन यह कार्य 6 महीने देरी से शुरू हुआ. यह योजना पूरी होने पर 73 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी. अभी तक योजना पर 19.58 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इस कार्य में धीमी प्रगति का मुख्य कारण लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता और रोड कट के लिए देरी से अनुमति मिलना है.

6. बीसलपुर बांध आधारित आमेर पेयजल योजना के पुनर्गठन का कार्य (वार्ड नं. 51)

आमेर पेयजल योजना का कार्य के लिए 24.72 करोड़ का कार्य आदेश 5 अक्टूबर 2018 को दिया गया. इस कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार 5 अगस्त 2018 को कार्य शुरू करना था और 4 अप्रैल 2020 को यह कार्य पूरा होना था. इसके लिए अभी तक इस योजना पर 10.43 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इसकी रोड कट अनुमति ही 16 अप्रैल 2019 को मिली. यह योजना साल 2021 में पूरी होगी. योजना के पूर्ण होने के बाद लगभग 63 हजार की जनसंख्या को फायदा होगा.

7. बीसलपुर -जयपुर पेयजल परियोजना स्टेज द्वितीय

परियोजना के द्वितीय चरण की क्रियान्वयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 1104.72 करोड़ की तैयार कर जायका से ऋण लेने के लिए 24 अप्रैल 2018 को केंद्र सरकार को भेजी गई. यह केंद्र सरकार में विचाराधीन है. बीसलपुर बांध में आरक्षित पानी को उपयोग में लेने के लिए जयपुर शहर की आगामी वर्ष की पेयजल मांग की पूर्ति के लिए तात्कालिक समाधान के तहत एक संशोधित योजना 289 करोड़ की बनाई गई.

इस परियोजना की वित्तीय स्वीकृति 7 जून 2019 को जारी की गई. इस कार्य के लिए 173.16 करोड़ का कार्य आदेश 12 मार्च 2020 को जारी किया गया. कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार कार्य को 15 अप्रैल 2020 से शुरू करना था और इसे 14 अक्टूबर 2020 तक पूरा करना है. इस परियोजना के पूरा होने पर जयपुर शहर की बढ़ती आबादी और पेयजल से वंचित क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.

जयपुर. प्रदेश में पानी की समस्या आम बात है. हाल यह है कि राजधानी जयपुर में भी लोगों को इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. इनमें शहर के खो नागोरियान, जामडोली, जगतपुरा, पृथ्वीराज नगर शामिल है. जहां अब तक पेयजल योजना नहीं पहुंच पाई है. इनमें कहीं न कहीं लॉकडाउन का भी असर देखने को मिला है. इसके चलते ये योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाई. जिसमें अभी और भी समय लगेगा. इन इलाकों में अब जयपुर जलदाय विभाग बीसलपुर बांध से पानी पहुंचाने का कार्य कर रहा है.

बीसलपुर बांध से पानी पहुंचाने का कार्य कर रहा जलदाय विभाग

अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी ने बताया कि पृथ्वीराज नगर की योजना एक महत्वपूर्ण और बड़ी योजना है और इसका वर्क ऑर्डर भी हो चुका है. इसके सर्वे और डिजाइन का काम भी पूरा हो चुका है. जल्द ही इस योजना पर फिजिकली काम भी शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना के तहत सबसे पहले जेडीए से जुड़ा हुआ एरिया कवर किया जाएगा, जिससे करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा. इसके बाद फेज-2 में शेष एरिए को कवर किया जाएगा. जिस पर बेसिक और इन्फ्राट्रक्चर का काम किया जाएगा. इससे करीब 7.50 लाख की आबादी को फायदा होगा. देवराज सोलंकी ने कहा कि लॉकडाउन का असर सभी योजनाओं पर हुआ है. इसके चलते इन 3 महीने काम पूरी तरह से बंद रहा. लेकिन अब लगभग-लगभग सभी मजदूर भी लौट आए है, जिससे अब सभी योजनाओं पर काम चल रहा है.

पृथ्वीराज नगर के स्थानीय निवासी छोगालाल सैनी ने बताया कि जब से पृथ्वीराज नगर के लिए जमीन एक्वायर्ड की गई है. तभी से लोगों को बिजली और पानी की परेशानी भी हो रही है. नियमन के समय पानी के पैसे भी ले ली गए. लेकिन अभी तक ये लोगों तक पानी नहीं पहुंचा है. अब नियमन को भी पास हुए पूरे 5 साल हो चुके हैं. पृथ्वीराज नगर के लिए घोषित पानी की योजना को लेकर सैनी ने कहा कि सरकार हर बार योजनाएं निकालती है और इसके लिए घोषणा भी करती है. लेकिन जब तक काम धरातल पर नहीं दिखता, तब तक मानना मुश्किल है.

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जयपुर जलदाय विभाग

पढ़ें- Special : कोरोना ने छीना रोजगार...कोई हुनर के दम पर है खड़ा तो कोई 'संजीवनी' की तलाश में

इस संबंध एक अन्य निवासी सीताराम से इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज नगर डार्क जोन में शामिल है. यहां बोरिंग भी नहीं खोदा जा सकता. लोगों ने अपने घरों में टैंक बनवा रखे हैं और टैंकरों से पानी डलवाते हैं. एक टेंकर के लिए लोगों को 300 से 500 रुपए देने पड़ रहे है, तब कहीं पीने के लिए पानी मिलता है.

जयपुर में चल रही महत्वपूर्ण पेयजल योजनाएं-

1. पृथ्वीराज नगर और आस-पास के क्षेत्रों के लिए पेयजल योजना

पृथ्वीराज नगर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बीसलपुर बांध आधारित परियोजना से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 854.22 करोड़ रुपए की तैयार की गई थी. इसकी तकनीकी सहमति, समिति की बैठक में 12 सितंबर 2017 को दी गई थी. इसके लिए की गई वित्त समिति की बैठक 7 जून 2019 के द्वारा फेस प्रथम में 563.93 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई. मंजुर की गई परियोजना मे पृथ्वीराज नगर और आसपास के पूरे क्षेत्र में लगभग 175 वर्ग किलोमीटर के लिए मुख्य ट्रांसमिशन पाइप लाइन का कार्य एवं पृथ्वीराज नगर लगभग 30 वर्ग किलोमीटर में वितरण तंत्र की स्थापना का कार्य शामिल है.

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पेयजल योजना का कार्य

इस कार्य के लिए 295.52 करोड़ का कार्य आदेश 12 मार्च 2020 को जारी किया गया. इस कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार कार्य को 15 अप्रैल 2020 को शुरू हुआ और 14 अक्टूबर 2020 तक पूरा करना है. इस योजना के प्रथम चरण के पूरा होने पर इससे 2 लाख की आबादी को पेयजल सुविधा मिल सकेगी. साथ ही इस योजना से डिग्गी मालपुरा रोड से सीकर रोड के बीच रह रही 6.74 लाख की पेयजल सुविधा से वंचित आबादी के लिए भी मुख्य ढांचागत गत निर्माण उपलब्ध हो सकेगा.

2. बीसलपुर बांध से जगतपुरा, प्रताप नगर और महल रोड इलाकों में पानी पहुंचाने की योजना भी लगातार प्रगति पर है. इस योजना के तहत मूलभूत ढांचागत निर्माण कार्य के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी 19 सितंबर 2013 में दी गई. इस योजना की लागत 152.02 करोड़ रुपए है. इस योजना के पूरे होने पर 2.75 लाख की आबादी को फायदा होगा, जो 3 चरण में पूरी की जानी है.

3. जगतपुरा, प्रताप नगर, महल रोड के आसपास के क्षेत्र में वितरण तंत्र की स्थापना का कार्य (वार्ड नं. 47 व 48)

यह कार्य वितरण प्रणाली से संबंधित है और इसमें अनुमानित लागत 33.69 करोड़ रुपए है. इसके कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार इस काम को 26 दिसंबर 2018 को शुरू कर 25 दिसंबर 2020 को पूरा किया जाना था. अभी तक इस योजना में 15.89 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इसका काम फिलहाल धीमी गति से चल रहा है. इसका कारण लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता एवं रोड काटने की अनुमति विलंब से मिलना है. इसके कारण यह कार्य छह महीने विलंब से शुरू हुआ.

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बीसलपुर बांध बना लोगों का सहारा

4. बीसलपुर बांध आधारित खोनागोरियान पेयजल योजना

इस योजना में खो नागोरियां क्षेत्र एवं इंदिरा गांधी नगर शामिल है. इंदिरा गांधी नगर पहले से ही पेयजल योजना से जुड़ा हुआ है. वार्ड संख्या 49 और 50 में जेडीए द्वारा अनुमोदित कॉलोनियों एवं अन्य गैर अनुमोदित कॉलोनियों में पेयजल उपलब्ध कराने की योजना की तकनीकी स्वीकृति 29 नवंबर 2011 को 12.12 करोड़ की जारी की गई. इस योजना का कार्य आदेश 1 नवंबर 2012 को 9.1 करोड़ का दिया गया था. इस योजना को जून 2016 में भौतिक रूप से पूरा कर लिया गया है. परंतु अनुमोदित लाभान्वित कालोनियों के निवासियों के विरोध के कारण योजना से पेयजल वितरण शुरू नहीं हो सका. इस योजना को एक दिसंबर 2019 से शुरू कर दिया गया है.

5. बीसलपुर बांध आधारित जामडोली पेयजल परियोजना

जामडोली क्षेत्र के वार्ड संख्या 63, गांव बल्लूपुरा, सुमेल, विजयपुरा और बगराना में बीसलपुर का पानी पहुंचाने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति वित्त समिति की बैठक की गई. 7 अप्रैल 2018 को हुए इस बैठक में 78.05 करोड़ की मंजूरी दी गई. इस पेयजल योजना का कार्य के लिए 59.25 करोड़ रुपए का कार्य आदेश 27 सितंबर 2018 को दिया गया.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना काल में चुनौतियों के आगे खाकी ने बदला अपना स्टाइल, कुछ इस तरह से जारी है जंग

वहीं, इसके कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार 12 अक्टूबर 2018 को कार्य शुरू करना था और 11 अक्टूबर 2020 को खत्म करना था. लेकिन यह कार्य 6 महीने देरी से शुरू हुआ. यह योजना पूरी होने पर 73 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी. अभी तक योजना पर 19.58 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इस कार्य में धीमी प्रगति का मुख्य कारण लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता और रोड कट के लिए देरी से अनुमति मिलना है.

6. बीसलपुर बांध आधारित आमेर पेयजल योजना के पुनर्गठन का कार्य (वार्ड नं. 51)

आमेर पेयजल योजना का कार्य के लिए 24.72 करोड़ का कार्य आदेश 5 अक्टूबर 2018 को दिया गया. इस कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार 5 अगस्त 2018 को कार्य शुरू करना था और 4 अप्रैल 2020 को यह कार्य पूरा होना था. इसके लिए अभी तक इस योजना पर 10.43 करोड़ का कार्य पूरा किया जा चुका है. इसकी रोड कट अनुमति ही 16 अप्रैल 2019 को मिली. यह योजना साल 2021 में पूरी होगी. योजना के पूर्ण होने के बाद लगभग 63 हजार की जनसंख्या को फायदा होगा.

7. बीसलपुर -जयपुर पेयजल परियोजना स्टेज द्वितीय

परियोजना के द्वितीय चरण की क्रियान्वयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 1104.72 करोड़ की तैयार कर जायका से ऋण लेने के लिए 24 अप्रैल 2018 को केंद्र सरकार को भेजी गई. यह केंद्र सरकार में विचाराधीन है. बीसलपुर बांध में आरक्षित पानी को उपयोग में लेने के लिए जयपुर शहर की आगामी वर्ष की पेयजल मांग की पूर्ति के लिए तात्कालिक समाधान के तहत एक संशोधित योजना 289 करोड़ की बनाई गई.

इस परियोजना की वित्तीय स्वीकृति 7 जून 2019 को जारी की गई. इस कार्य के लिए 173.16 करोड़ का कार्य आदेश 12 मार्च 2020 को जारी किया गया. कार्य आदेश की शर्तों के अनुसार कार्य को 15 अप्रैल 2020 से शुरू करना था और इसे 14 अक्टूबर 2020 तक पूरा करना है. इस परियोजना के पूरा होने पर जयपुर शहर की बढ़ती आबादी और पेयजल से वंचित क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.

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