जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पिछले दिनों कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक के बाद लगातार ये कयास लगाया जा रहा था कि प्रदेश में बड़े स्तर पर ब्यूरोक्रेट्स में बदलाव हो सकता है. सरकार अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं को गांव ढाणी के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाने चाहती है. इसके लिए जरूरी है कि प्रशासनिक स्तर पर सहयोग मिले. इसके साथ ही अधिकारियों की बिसात भी उसी तरह बिछानी होगी. लेकिन प्रदेश में अभी आलम ऐसे है कि 25 अफसर तो एपीओ चल रहे हैं. इनमें चार आईएफएस, तीन आईएएस, दो आईपीएस और 16 आरएएस अफसर हैं. जिनको अपनी पोस्टिंग का इंतजार है.
आईएएस में दिनेश कुमार, रोहित गुप्ता और निर्मला मीणा एपीओ चल रहे हैं. वहीं आईपीएस में वी राम और राजेंद्र कुमार एपीओ पर चल रहे हैं. आईएफएस बी प्रवीण, तीजे कविथा, बीजो जाय और बेगाराम जाट भी एपीओ चल रहे हैं. साथ ही आरएएस में एलके बालोट, अरुण प्रकाश शर्मा, औंकार मल सैनी, रामेश्वर लाल मीणा, केके गोयल, मुकेश मीणा, नारसिंह, कुंतल विश्नोई, अनिल कुमार, प्रदीप कुमार, भारत भूषण गोयल, बनवारी लाल, अनिता, अंजू शर्मा, राकेश मीणा इन सभी अफसरों को पोस्टिंग का इंतजार है.
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इसी बीच खान एवं पेट्रोलियम विभाग के मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी सहित कई आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आरएएस अफसर रिटायर्ड हो जाएंगे. ऐसे में सरकार को फिर किसी अफसर को दूसरे विभाग कमान का सिर्फ जिम्मा देकर राजस्थान चलानी पड़ेगी.
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बता दें कि 31 अगस्त को प्रदेश के करीब 2 दर्जन अधिकारी रिटायर होंगे. ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि आखिर सरकार तबादला सूची पर मंथन करके तैयार कर चुकी. उसे कब तक जारी करती है और कब अधिकारियों की कमी से होने के बावजूद भी एक फ्यूचर इन अफसरों को काम का जिम्मा देती है.