जयपुर: संस्कृत विश्वविद्यालय और कॉलेजों में अब विदेशी भाषाएं भी पढ़ सकेंगे छात्र - Students
संस्कृत विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अब विदेशी भाषाओं के साथ अन्य विषय पढ़ने के अवसर भी मिलेंगे. ऐसा इसलिए ताकि उन्हें भी अन्य कॉलेजों के छात्रों की तरह विदेशों में जॉब करने के अवसर मिल सकें. इसे लेकर तैयारियां की जा रहीं हैं.
जयपुर. संस्कृत माध्यम के छात्रों की विदेशों में जॉब अपॉर्चुनिटी बढ़ाने के लिए अब संस्कृत विश्वविद्यालय और कॉलेजों में विदेशी भाषा और दूसरे विषयों को पढ़ाने की योजना बनाई जा रही है. हालांकि विश्वविद्यालय अपने रिसोर्सेज के आधार पर विषय निर्धारित करेगा. वहीं संस्कृत शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्राध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों को स्थायी करने के साथ ही प्रोबेशन पूरा करने वाले तृतीय श्रेणी अध्यापकों को नियमित करने के आदेश भी जारी किए गए हैं.
प्रदेश के संस्कृत शिक्षा मंत्री संस्कृत विश्वविद्यालय में एक सब्जेक्ट के बजाय मल्टी फैकल्टी के पक्षधर हैं. यही वजह है कि अब संस्कृत विश्वविद्यालय और इससे जुड़े कॉलेजों में संस्कृत की शिक्षा के साथ दूसरे विषय पढ़ाने की कवायद भी की जा रही है. संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अब तक संस्कृत विश्वविद्यालय और कॉलेजों पर खास ध्यान नहीं दिया गया है लेकिन अब इसमें प्रवेश बढ़ाने और संस्कृत की शिक्षा के प्रसार पर भी काम किया जाएगा.
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उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत में एमए करने का मतलब ये नहीं कि छात्र और कोई सब्जेक्ट नहीं पढ़ सकता. संस्कृत यूनिवर्सिटी में नए सब्जेक्ट और डिपार्टमेंट भी तो खोले जा सकते हैं. ऐसे में अब छात्रों को संस्कृत के साथ-साथ विदेशी भाषाओं को पढ़ाने की भी योजना बनाई गई है, ताकि उन्हें भी विदेशों में रोजगार के अवसर मिल सकें. इस संबंध में विश्वविद्यालय रिसोर्सेस के आधार पर नए सब्जेक्ट तय करेगा.
संस्कृत शिक्षा मंत्री के निर्देश पर निदेशालय ने 125 प्रधानाचार्य, 38 प्रधानाध्यापक, 190 प्राध्यापकों और 611 वरिष्ठ अध्यापकों का स्थायीकरण किया गया है. इसके अलावा 98 वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति और इन संस्थानों में कार्यरत 1003 तृतीय श्रेणी अध्यापकों के प्रोबेशन काल पूरा होने पर, उनके वेतन नियमितीकरण के आदेश जारी किए गए हैं.