जयपुर. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी 19 दिनों से धरना दे रहे हैं. 9 अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं. जिनमें से 3 अभ्यर्थी एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत बेहद गंभीर है. सोमवार को धरनास्थल पर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना और बीजेपी नेता सुमन शर्मा पहुंचे और सिविल लाइंस कूच करने का निर्णय किया.
इधर अनुमति नहीं होने से पुलिस बल ने अभ्यर्थियों को राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की और जबरदस्ती कूच करने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस-प्रशासन ने अभ्यर्थियों को गांधी सर्कल तक रैली निकालने की अनुमति दी. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने गांधी सर्कल तक रैली निकाली और वहीं पर धरने पर बैठ गए. इसके थोड़ी देर बाद गांधी सर्कल से सिविल लाइन की ओर कूच किया.
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क्या है मामलाः
आरपीएससी की ओर से 5 हजार पदों पर स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 3 जनवरी से 13 जनवरी के बीच में होनी है. लेकिन अभ्यर्थी तिथि को अगस्त तक बढ़ाने, पदों की संख्या बढ़ाने और बाहरी राज्यों का कोटा कम करने की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने कहा, कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू होने के बाद आरपीएससी ने आवेदन मांगे थे, जिसमें करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने नए आवेदन किए थे. वहीं आरपीएससी ने परीक्षा तिथि को जनवरी में जारी कर दिया, जिससे कई अभ्यर्थियों के परिणाम नहीं आए हैं. कहीं बीएलओ की ड्यूटी पर लगे हुए हैं. जिससे उनको पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया है.
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बता दें, कि 10 महीनों में दो बार फर्स्ट ग्रेड परीक्षा तिथि को स्थगित किया जा चुका है. पहली बार चुनाव और दूसरी बार एमबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के चलते परीक्षा को स्थगित किया गया था. अब आरपीएससी एक-दो दिन में परीक्षा तिथि को आगे बढ़ा देती है तो अभ्यर्थियों को राहत मिल सकती है. माना जा रहा है कि 2 से 3 दिनों के अंदर पंचायत चुनाव की आचार संहिता लग सकती है. जिसके बाद तिथि पर संकट बन सकता है.
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उधर, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है, कि राज्य सरकार दो लाख बच्चों से करोड़ों रुपए वसूल कर उनका भविष्य संकट में डाल रही है. उन्होंने कहा, कि कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका परिणाम आना बाकी है. कई बीएलओ ड्यूटी पर लगे हैं. ऐसे में सरकार को परीक्षा तिथि को अगस्त तक बढ़ाना चाहिए. जिससे पंचायत चुनाव भी हो जाएंगे और परीक्षा के परिणाम भी आ जाएंगे. वहीं अभ्यर्थियों ने मांग की है, कि आरपीएससी यूपीएससी की तरह कैलेंडर को जारी करे.