जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख यूडीएच सचिव और प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव को कहा है कि चारदीवारी में ज्वलनशील पदार्थों के व्यापार को लेकर राज्य सरकार की नीति पेश करें. वहीं अदालत ने सरकार को यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि चारदीवारी क्षेत्र में आवासीय का व्यावसायिक में रूपान्तरण नहीं करने और भवनों की ऊंचाई नहीं बढ़ाने के संबंध में 25 जनवरी 2000 को जारी परिपत्र वर्तमान में अस्तित्व में है या नहीं?
इसके अलावा अदालत ने सरकार से यह भी पूछा है कि ज्वलनशील पदार्थों के व्यापार को लेकर वर्तमान में सरकार की कौनसी नीति, परिपत्र और अधिसूचनाएं लागू हैं. वहीं मोहम्मद रफीक और नरेन्द्र सिंह न्यायाधीश की खंडपीठ ने यह आदेश भानूप्रताप गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से कहा गया कि ज्वलनशील पदार्थों से जुड़े व्यापार को लेकर राज्य सरकार स्पेशल स्कीम बना रही है. ऐसे में स्कीम बनने तक मास्टर प्लान और 2011 के तहत मुख्य मार्गों पर इसके व्यापार की अनुमति दी जा रही है. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार से इस संबंध में नीति पेश करने को कहा है.
वहीं याचिका में कहा गया है कि 18 अप्रैल 2018 की रात खुंटेटा के रास्ते में स्थित गोदाम में भीषण आग लगी थी. सकरी गलियों में जाने के लिए पर्याप्त फायर सिस्टम नहीं होने के चलते आग पर समय पर काबू भी नहीं पाया जा सका. इसके अलावा ऐसी गलियों में आग लगने की स्थिति में विभाग में पास कोई संसाधन भी नहीं है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट गत 26 जुलाई को चारदीवारी क्षेत्र में नियम विरूद्ध चल रहे ज्वलनशील पदार्थो के व्यापार पर रोक लगाने को कह चुका है.