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जयपुरः स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं, उत्पाद शुल्क विभाग की अपील खारिज - जयपुर की खबर

जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 करोड़ 58 लाख रुपए के सर्विस टैक्स की ब्याज और पेनल्टी सहित वसूली के मामले में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं माना है.

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट,  Jaipur Rajasthan High Court
स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं
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Published : Dec 14, 2019, 9:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 करोड़ 58 लाख रुपए के सर्विस टैक्स की ब्याज और पेनल्टी सहित वसूली के मामले में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं माना है.

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट,  Jaipur Rajasthan High Court
स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं

इसके साथ ही अदालत ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उत्पाद शुल्क विभाग और सर्विस टैक्स अपीलीय अधिकरण की तरफ से कॉरपोरेशन के हक में 12 अक्टूबर 2017 को दिए फैसले को चुनौती दी थी. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया.

पढ़ेंः CAB पर हंगामा ही हंगामाः असम में रेल रोको आंदोलन, डिब्रूगढ़-लालगढ़ रेल सेवा रद्द

बता दें कि कॉरपोरेशन की ओर से अदालत को बताया कि कॉरपोरेशन निर्माताओं से शराब खरीद कर उसे लाइसेंस धारकों को बेचता है. लाइसेंस धारक उसे रिटेल में ग्राहकों को बेचते हैं, लेकिन उत्पाद शुल्क विभाग ने 9 जनवरी 2014 को आदेश जारी कर कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में मानते हुए उस पर 12 करोड़ 58 लाख रुपए की डिमांड निकाल दी. उत्पाद शुल्क विभाग का मानना था कि कॉरपोरेशन कमीशन एजेंट के तौर पर काम करता है. इसे कॉरपोरेशन ने अपीलीय अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा कि वे कमीशन एजेंट नहीं है और न उनकी गतिविधियां सर्विस टैक्स के दायरे में हैं. वे तो केवल मार्जिन मनी अर्जित करते हैं और उन पर सर्विस टैक्स नहीं लगाया जा सकता.

पढ़ेंः झारखंड में डिप्टी सीएम पायलट का चुनावी संबोधन, कहा- सिर्फ कुर्सी से चिपके रहे रघुवर दास

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी पूर्व के फैसलों में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं माना है. इसलिए उन पर लगाए सर्विस टैक्स को निरस्त किया जाए. इस पर अपीलीय अधिकरण ने कॉरपोरेशन के हक में फैसला दिया. जिसे उत्पाद शुल्क विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 करोड़ 58 लाख रुपए के सर्विस टैक्स की ब्याज और पेनल्टी सहित वसूली के मामले में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं माना है.

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट,  Jaipur Rajasthan High Court
स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं

इसके साथ ही अदालत ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उत्पाद शुल्क विभाग और सर्विस टैक्स अपीलीय अधिकरण की तरफ से कॉरपोरेशन के हक में 12 अक्टूबर 2017 को दिए फैसले को चुनौती दी थी. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया.

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बता दें कि कॉरपोरेशन की ओर से अदालत को बताया कि कॉरपोरेशन निर्माताओं से शराब खरीद कर उसे लाइसेंस धारकों को बेचता है. लाइसेंस धारक उसे रिटेल में ग्राहकों को बेचते हैं, लेकिन उत्पाद शुल्क विभाग ने 9 जनवरी 2014 को आदेश जारी कर कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में मानते हुए उस पर 12 करोड़ 58 लाख रुपए की डिमांड निकाल दी. उत्पाद शुल्क विभाग का मानना था कि कॉरपोरेशन कमीशन एजेंट के तौर पर काम करता है. इसे कॉरपोरेशन ने अपीलीय अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा कि वे कमीशन एजेंट नहीं है और न उनकी गतिविधियां सर्विस टैक्स के दायरे में हैं. वे तो केवल मार्जिन मनी अर्जित करते हैं और उन पर सर्विस टैक्स नहीं लगाया जा सकता.

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सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी पूर्व के फैसलों में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं माना है. इसलिए उन पर लगाए सर्विस टैक्स को निरस्त किया जाए. इस पर अपीलीय अधिकरण ने कॉरपोरेशन के हक में फैसला दिया. जिसे उत्पाद शुल्क विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 करोड 58 लाख रुपए के सर्विस टैक्स की ब्याज व पेनल्टी सहित वसूली के मामले में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं माना है। इसके साथ ही अदालत ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उत्पाद शुल्क विभाग व सर्विस टैक्स अपीलीय अधिकरण द्वारा कॉरपोरेशन के हक में 12 अक्टूबर 2017 को दिए फैसले को चुनौती दी थी। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।Body:कॉरपोरेशन की ओर से अदालत को बताया कि कॉरपोरेशन निर्माताओं से शराब खरीद कर उसे लाइसेंस धारकों को बेचता है। लाइसेंस धारक उसे रिटेल में ग्राहकों को बेचते हैं, लेकिन उत्पाद शुल्क विभाग ने 9 जनवरी 2014 को आदेश जारी कर कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के दायरे में मानते हुए उस पर 12 करोड 58 लाख रुपए की डिमांड निकाल दी। उत्पाद शुल्क विभाग का मानना था कि कॉरपोरेशन कमीशन एजेंट के तौर पर काम करता है। इसे कॉरपोरेशन ने अपीलीय अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा कि वे कमीशन एजेंट नहीं है और न उनकी गतिविधियां सर्विस टैक्स के दायरे में हैं। वे तो केवल मार्जिन मनी अर्जित करते हैं और उन पर सर्विस टैक्स नहीं लगाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने भी पूर्व के फैसलों में राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन को सर्विस टैक्स के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं माना है। इसलिए उन पर लगाए सर्विस टैक्स को निरस्त किया जाए। इस पर अपीलीय अधिकरण ने कॉरपोरेशन के हक में फैसला दिया। जिसे उत्पाद शुल्क विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।Conclusion:
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